सुप्रीम कोर्ट में मुकदमों के आवंटन में होगा रोस्टर सिस्टम लागू, CJI दीपक मिश्रा ने किया फैसला- वेबसाइट पर रहेगी सारी जानकारी

By लोकमत समाचार हिंदी ब्यूरो | Published: February 1, 2018 04:15 PM2018-02-01T16:15:57+5:302018-02-01T17:05:25+5:30

सुप्रीम कोर्ट के चार वरिष्ठ जजों चेलमेश्वर, जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस मदन बी लोकुर और जस्टिस कूरियन जोसेफ ने सुप्रीम कोर्ट में मुकदमों के आवंंटन की प्रक्रिया पर सवाल उठाया था।

Surpeme Court Crisis: CJI dipak misra decided Roaster System will be implemented in case allocation, all details will be in Public | सुप्रीम कोर्ट में मुकदमों के आवंटन में होगा रोस्टर सिस्टम लागू, CJI दीपक मिश्रा ने किया फैसला- वेबसाइट पर रहेगी सारी जानकारी

सुप्रीम कोर्ट में मुकदमों के आवंटन में होगा रोस्टर सिस्टम लागू, CJI दीपक मिश्रा ने किया फैसला- वेबसाइट पर रहेगी सारी जानकारी

सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा ने गुरुवार (01 फ़रवरी) को सर्वोच्च न्यायालय में मुकदमों के आवंटन के लिए रोस्टर सिस्टम लागू कर दिया। सुप्रीम कोर्ट द्वारा गुरुवार को जारी की गयी 13 पन्ने की अधिसूचना में मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा, जस्टिस चेलमेश्वर, जस्टिस गोगोई, जस्टिस लोकुर, जस्टिस लोकुर, जस्टिस जोसेफ कूरियन, जस्टिस एके सीकरी, जस्टिस एसए बोबडे, जस्टिस आरके अग्रवाल, जस्टिस एनवी रमना, जस्टिस अरुण मिश्रा, जस्टिस एके गोयल और जस्टिस आरएफ नरीमन की पीठ के लिए आवंटित मुकदमों का ब्योरा दिया गया है। अधिसूचना में इन सभी 12 जजों के नाम वरिष्ठता के क्रम में दिए हैं। 

समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा ने सुप्रीम कोर्ट का रोस्टर अदालत की वेबसाइट पर सार्वजनिक भी करने का भी फैसला किया है। पाँच फ़रवरी से आम जनता सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर जाकर देख सकेगी कि सर्वोच्च अदालत में किस जज के पास कौन सी मुकदमा है। 

सुप्रीम कोर्ट के चार वरिष्ठ जजों चेलमेश्वर, जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस मदन बी लोकुर और जस्टिस कूरियन जोसेफ ने सुप्रीम कोर्ट में मुकदमों के आवंंटन की प्रक्रिया पर सवाल उठाया था। इन चार जजों ने चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा पर भी सवाल उठाए थे। चार जजों के सार्जवनिक रूप से अपनी नाखुशी जाहिर करने के बाद चीफ जस्टिस ने कहा था कि रोस्टर तय करना उनका विशेषाधिकार है। सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन ने भी सुप्रीम कोर्ट में मुकदमों के आवंटन को सार्वजनिक करने की माँग की थी। 

सवाल उठाने वाले जजों ने इशारा किया था कि सुप्रीम कोर्ट में सोहराबुद्दीन शेख मामले की सुनवाई करने वाले जस्टिस बीएच लोया की मौत से जुड़ी जनहित याचिका (पीआईएल) की सुनवाई जस्टिस अरुण मिश्रा की पीठ को देने पर चीफ जस्टिस से उनकी असहमति थी। सुप्रीम कोर्ट के जजों की वरिष्ठता सूची में जस्टिस अरुण मिश्रा 10वें स्थान पर हैं। सवाल उठाने वाले चारों जज मुख्य न्यायाधीश के बाद सबसे वरिष्ठ चार न्यायाधीश हैं। 

चारों जजों द्वारा मामला उठाने के बाद जस्टिस अरुण मिश्रा ने जस्टिस लोया की मौती की जाँच से जुड़ी पीआईएल की सुनवाई "उचित पीठ" के सामने पेश करने की बात कही थी जिसके बाद इस मामले की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा की पीठ कर रही है।

Web Title: Surpeme Court Crisis: CJI dipak misra decided Roaster System will be implemented in case allocation, all details will be in Public

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