सूरत निगम को रेलवे की जमीन पर अतिक्रमण की अनुमति की जिम्मेदारी लेनी चाहिए : न्यायालय

By भाषा | Updated: November 13, 2021 21:14 IST2021-11-13T21:14:37+5:302021-11-13T21:14:37+5:30

Surat Corporation should take responsibility for allowing encroachment on railway land: Court | सूरत निगम को रेलवे की जमीन पर अतिक्रमण की अनुमति की जिम्मेदारी लेनी चाहिए : न्यायालय

सूरत निगम को रेलवे की जमीन पर अतिक्रमण की अनुमति की जिम्मेदारी लेनी चाहिए : न्यायालय

नयी दिल्ली, 13 नवंबर उच्चतम न्यायालय ने शनिवार को कहा कि सूरत नगर निगम को रेलवे की जमीन पर अतिक्रमण की अनुमति देने के लिए स्थानीय स्तर पर ‘‘कुप्रबंधन’’ की जिम्मेदारी लेनी चाहिए और जवाब देना चाहिए, जिसके कारण एक ‘‘सार्वजनिक परियोजना’’ में देरी हो रही है।

रेलवे लाइन परियोजना के लिए गुजरात में करीब 5,000 झुग्गियों को गिराने के संबंध में एक याचिका समेत दो याचकाओं पर सुनवाई करते हुए शीर्ष अदालत ने कहा कि स्थानीय स्तर पर शासन की प्राथमिक जिम्मेदारी नगर निकाय पर है।

पूर्व में शीर्ष अदालत ने गुजरात में इन ‘झुग्गियों’ को गिराए जाने पर यथास्थिति बहाल रखने का आदेश दिया था।

न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर और न्यायमूर्ति सी टी रविकुमार की पीठ ने कहा कि रेलवे लाइन परियोजना को 2018 में मंजूरी दी गई थी और तीन साल बीत चुके हैं लेकिन अतिक्रमण के कारण कुछ भी नहीं हुआ है। पीठ ने नगर निगम की ओर से पेश अधिवक्ता से कहा, ‘‘आप झुग्गी क्षेत्र को पूरे शहर में फैलने देते हैं और आप इसकी जिम्मेदारी भी नहीं लेते। निगम को इसकी जिम्मेदारी लेनी चाहिए।’’

पीठ ने कहा, ‘‘इसके लिए राज्य को क्यों जिम्मेदार मानना चाहिए? आपको स्थानीय स्तर पर अपने ‘कुशासन’ का जवाब देना होगा, राज्य को नहीं।’’ याचिकाकर्ता, सूरत के ‘उतरन से बेस्टन रेलवे झोपड़पट्टी विकास मंडल’ ने शीर्ष अदालत से कहा है कि अगर वैकल्पिक व्यवस्था और पुनर्वास की सुविधा नहीं दी गई तो रेलवे की जमीन पर झुग्गी-झोपड़ियों में रहने वालों को ‘‘अपूरणीय क्षति’’ होगी।

सुनवाई के दौरान नगर निगम की ओर से पेश वकील ने पीठ को बताया कि गुजरात उच्च न्यायालय ने याचिकाकर्ता को पुनर्वास के लिए राज्य सरकार से संपर्क करने को कहा था। इस पर पीठ ने कहा, ‘‘हम कहेंगे कि निगम को जिम्मेदारी लेनी चाहिए। हम निगम को तत्काल व्यवस्था करने का निर्देश देंगे।’’

वकील ने कहा कि नीति के तहत पुनर्वास के लिए राज्य जिम्मेदार है। पीठ ने कहा, ‘‘राज्य कैसे जिम्मेदार हो सकता है? निगम ने अतिक्रमण की अनुमति दी और फिर आप कहते हैं कि राज्य जिम्मेदार होगा।’’

जब निगम के वकील ने दलील दी कि रेलवे की जमीन पर अतिक्रमण है, तो पीठ ने कहा, ‘‘यह रेलवे की जमीन पर है लेकिन स्थानीय स्तर पर आपके शासन में है। आपको यह सुनिश्चित करना होगा कि कोई अतिक्रमण न हो।’’ वकील ने कहा कि वह इस मुद्दे पर संबंधित अधिकारी से चर्चा करेंगे और अदालत को अवगत कराएंगे। मामले की अगली सुनवाई 15 नवंबर को होगी।

इस मामले के साथ सुनवाई के लिए सूचीबद्ध एक अन्य याचिका हरियाणा के फरीदाबाद में रेलवे ट्रैक के पास ‘झुग्गियों’ को गिराने से संबंधित है। फरीदाबाद के इलाके में रहने वाले लोगों सहित 18 याचिकाकर्ताओं द्वारा दाखिल याचिका में पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के 28 सितंबर के अंतरिम आदेश को चुनौती दी गई है, जिसने झुग्गियां गिराने पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था।

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Web Title: Surat Corporation should take responsibility for allowing encroachment on railway land: Court

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