एलजी बैजल vs केजरीवाल: जानें सुप्रीम कोर्ट के फैसले की 10 अहम बातें

By पल्लवी कुमारी | Published: July 4, 2018 12:40 PM2018-07-04T12:40:57+5:302018-07-04T12:40:57+5:30

दिल्ली को पूर्ण राज्य देने के मामले में चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा ने कहा दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा नहीं मिलेगा।

supreme court verdict on Delhi center power tussle 10 important thing arvind kejriwal vs lg | एलजी बैजल vs केजरीवाल: जानें सुप्रीम कोर्ट के फैसले की 10 अहम बातें

एलजी बैजल vs केजरीवाल: जानें सुप्रीम कोर्ट के फैसले की 10 अहम बातें

नई दिल्ली, 4 जुलाई:  दिल्ली का असली बॉस कौन इसपर सुप्रीम कोर्ट ने आज अपना फैसला सुना दिया है। सुप्रीम कोर्ट के पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने अपने फैसले में दिल्ली सरकार और उपराज्यपाल के कामों का बंटवारा कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कई टिप्पणियां की हैं। कोर्ट ने साफ कर दिया है लोकतंत्र में चुनी हुई सरकार ही अहम है। यानी अरविंद केजरीवाल को दिल्ली के लिए कोई भी फैसला करने से पहले एलजी की सहमती लेने की जरूरत नहीं है। हालांकि कोर्ट ने भी साफ किया है कि कैबिनेट के हर फैसले की जानकारी LG को होनी चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार और LG को एक साथ तालमेल बिठा कर सरकार चलाने का सुझाव भी दिया है।

आइए जानते है सुप्रीम कोर्ट के फैसले की 10 अहम बातें...

1- केजरीवाल और एलजी के अधिकारों पर सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा ने कहा कि एलजी दिल्ली सरकार के साथ मिलकर काम करें। 

2- दिल्ली को पूर्ण राज्य देने के मामले में चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा ने कहा दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा नहीं मिलेगा। एलजी ही दिल्ली के प्रसाशक नहीं हैं, जनमत का महत्व है। 

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3-  सुप्रीम कोर्ट ने केजरीवाल को  दिल्ली का 'बॉस माना है। लेकिन कैबिनेट के हर फैसले की जानकारी LG को होनी चाहिए। 

4- सुप्रीम कोर्ट ने साफ कर दिया है कि LG सारे मामले राष्ट्रपति को नहीं भेजेंगे। 
जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा है कि दिल्ली सरकार को हर फैसले में एलजी की सहमति लेने  की जरूरत नहीं है।

5- सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में साफ कर दिया है कि चुनी हुई सरकार के काम में एलजी बाधा नहीं डाल सकते। 

6- दिल्ली सरकार को किसी भी मामले में फैसला लेने के लिए स्वतंत्र है।  

7- सुप्रीम कोर्ट ने कहा संसद का कानून सबसे सर्वोच्च है। चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा ने फैसला पढ़ते हुए कहा कि लोकतांत्रिक मूल्य ही सर्वोच्च है।

8- फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कैबिनेट संसद के प्रति जवाबदेह है ना कि LG। 

9- सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि दिल्ली की सरकार को जनता के लिए उपलब्ध होनी चाहिए। 

10- सुप्रीम कोर्ट ने यह भी साफ किया है कि दिल्ली में शक्ति एक जगह केंद्रित नहीं हो सकती है। 
 

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