सुप्रीम कोर्ट एकनाथ शिंदे समेत 16 बागियों के मामले में 11 मई को सुनाएगा फैसला, महाराष्ट्र में मची सियासी हलचल

By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: May 10, 2023 08:50 PM2023-05-10T20:50:02+5:302023-05-10T21:00:03+5:30

सुप्रीम कोर्ट महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे समेत 16 विधायकों की अयोग्यता के मामले में 11 मई को अपना बहुप्रतिक्षित फैसला सुनाएगा।

Supreme Court to pronounce verdict on 16 rebels including Eknath Shinde on May 11, political stir in Maharashtra | सुप्रीम कोर्ट एकनाथ शिंदे समेत 16 बागियों के मामले में 11 मई को सुनाएगा फैसला, महाराष्ट्र में मची सियासी हलचल

सुप्रीम कोर्ट एकनाथ शिंदे समेत 16 बागियों के मामले में 11 मई को सुनाएगा फैसला, महाराष्ट्र में मची सियासी हलचल

Highlightsसुप्रीम कोर्ट 11 मई को सीएम शिंदे समेत 16 विधायकों की अयोग्यता पर सुना सकता है फैसला सीएम शिंदे समेत तत्कालीन शिवसेना को 16 विधायकों की बगावत से गिर गई थी उद्धव की सरकारसुप्रीम कोर्ट में मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ समेत 5 जजों की संवैधानिक पीठ ने की थी

दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे समेत 16 विधायकों को तत्कालीन शिवसेना से बगावत करने के बाद दायर हुए अयोग्यता के मामले में 11 मई को अपना बहुप्रतिक्षित फैसला सुनाएगा। सीएम शिंदे समेत तत्कालीन शिवसेना से 16 विधायकों ने बगावत से महाविकास अघाड़ी की सरकार गिर गई थी और गठबंधन की अगुवाई कर रहे मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को पद से इस्तीफा देना पड़ा था।

सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस एमआर शाह, जस्टिस कृष्ण मुरारी, जस्टिस हिमा कोहली और जस्टिस पीएस नरसिम्हा की पांच जजों की बेंच ने की थी और 16 मार्च को फैसले सुरक्षित रख लिया था लेकिन चूंकि जस्टिस शाह 15 मई को सेवानिवृत्त हो रहे हैं। इसलिए यह तय था कि सुप्रीम कोर्ट उनकी विदाई से पहले मामले में फैसला दे देगा।

इस मामले में शीर्ष अदालत ने 29 जून 2022 को तत्कालीन मुख्यमंत्री ठाकरे को फ्लोर टेस्ट देने के तत्कालीन राज्यपाल के फैसले पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था। इस कारण से ठाकरे ने पद से इस्तीफा दे दिया था और फिर एकनाथ शिंदे ने भाजपा के साथ मिलकर गठबंधन की सरकार बना ली थी।

इस मामले में उद्धव ठाकरे की ओर से दायर किये केस की पैरवी वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी, कपिल सिब्बल, देवदत्त कामत और अमित आनंद तिवारी ने की। वहीं सीएम शिंदे के पक्ष से सुप्रीम कोर्ट में वरिष्ठ अधिवक्ता नीरज किशन कौल, हरीश साल्वे, महेश जेठमलानी और अभिकल्प प्रताप सिंह ने दलील पेश की है।

वहीं सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने मामले में महाराष्ट्र राज्यपाल के दफ्तर की ओर से पेश हुए थे। मामले की सुनवाई 21 फरवरी को शुरू हुई थी और नौ दिनों तक कोरट में दोनों पक्षों की ओर से बहस हुई थी। अदालत के समक्ष मामले में बागी विधायकों के खिलाफ अयोग्यता की कार्यवाही पर विधानसभा अध्यक्ष की शक्ति और शिंदे को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित करने के राज्यपाल के फैसले पर सुनवाई हुई थी।

शीर्ष अदालत ने 22 फरवरी को उद्धव ठाकरे द्वारा शिंदे गुट को शिवसेना के रूप में मान्यता देने और उसे 'धनुष और तीर' चिन्ह आवंटित करने के चुनाव आयोग के 17 फरवरी के आदेश पर रोक लगाने वाली याचिका को खारिज कर दिया था। वहीं कोर्ट द्वारा 11 मई को फैसला आने से पहले ही महाराष्ट्र की सियासत का पारा काफी गर्म हो गया है।

ठाकरे गुट की ओर से राज्यसभा सांसद संजय राउत ने बुधवार को कहा कि गुरुवार को कोर्ट में इस बात का फैसला होना है कि कि ये देश संविधान से चलती है कि नहीं। देश में लोकतंत्र जीवित है कि नहीं। शिवसेना (यूबूटी) मानती है कि यह देश संविधान से चलता है और जो देश संविधान से नहीं चलता है तो उसका हाल पाकिस्तान जैसा हो जाता है।

राउत के इस बयान के उलट महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष राहुल नारवेकर ने कहा कि शिंदे सरकार के पास पूर्ण बहुमत है, सुप्रीम कोर्ट में कल चाहे जो फैसला आए। संख्या बल के हिसाब से देखें तो सरकार पूरी तरह से सुरक्षित है और कोई परेशानी की बात नहीं है।

Web Title: Supreme Court to pronounce verdict on 16 rebels including Eknath Shinde on May 11, political stir in Maharashtra

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