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कांग्रेस-जेडी(एस) की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में आज फिर सुनवाई, कर्नाटक के नाटक का होगा पटाक्षेप?

By आदित्य द्विवेदी | Updated: May 18, 2018 05:02 IST

कर्नाटक के नवनिर्वाचित मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा को विधायकों का समर्थन पत्र पेश करना होगा। सुप्रीम कोर्ट में आज इन मुद्दों पर हो सकती है जिरह।

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ठळक मुद्देकांग्रेस-जेडी(एस) की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने आधी रात को बेंच गठित कर सुनवाई कीतीन जजों की बेंच में जस्टिस एके सीकरी, जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस एसए बोबडे शामिल हैं।बीजेपी से विधायकों का समर्थन पत्र पेश करने को कहा गया है

नई दिल्ली, 18 मईः सुप्रीम कोर्ट शुक्रवार सुबह 10.30 बजे कर्नाटक की सियासी उठा-पटक पर फिर सुनवाई करेगा। इस पहले सुप्रीम कोर्ट ने सभी कर्नाटक के सभी दलों को नोटिस जारी किया था। इसके अलावा बीजेपी से बहुमत का समर्थन पेश करने को कहा था। यह सुनवाई कांग्रेस और जेडी(एस) की याचिका पर की जा रही है। इस याचिका में राज्यपाल के उस फैसले पर सवाल उठाए गए हैं जिसमें बहुमत ना होने के बावजूद बीएस येदियुरप्पा को पहले सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया गया था। उन्हें बहुमत साबित करने के लिए 15 दिन का समय दिया गया। येदियुरप्पा ने गुरुवार सुबह 9 बजे राजभवन में मुख्यमंत्री पद की शपथ ली और कार्यभार ग्रहण किया। दूसरी तरफ, हॉर्स ट्रेडिंग से बचने के लिए कांग्रेस और जेडी(एस) ने अपने विधायकों को किसी गुप्त स्थान पर भेज दिया है।

जब आधी रात को लगी कोर्ट, तीन घंटे चली सुनवाई

भारत की राजनीति में बुधवार एक ऐतिहासिक दिन रहा जब आधी रात को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। कांग्रेस-जेडी(एस) ने अपनी याचिका में मुख्य न्यायाधीश से तत्काल सुनवाई की अपील की गई थी। जस्टिस दीपक मिश्रा ने संज्ञान लेते हुए रात में ही तीन जजों की बेंच गठित कि जिसमें जस्टिस एके सीकरी, जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस एसए बोबडे शामिल हैं। रात करीब 2 बजे सुनवाई शुरू हुई। कांग्रेस की तरफ से अभिषेक मनु सिंघवी और बीजेपी की तरफ से मुकुल रोहतगी ने अपना पक्ष रखा।

अधिक पढ़ेंः- कर'नाटक: कांग्रेस-जेडी(एस) ने आधी रात को खटखटाया सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा, CJI से तत्काल सुनवाई की गुहार

कांग्रेस की दलीलें

कांग्रेस की तरफ से अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि हमारे पास 117 विधायक हैं जबकि बीजेपी के पास सिर्फ 104 विधायक हैं। बीजेपी बहुमत कैसे साबित करेगी? उन्होंने कहा गोवा में कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी थी इसके बावजूद बीजेपी ने गठबंधन की सरकार बनाई थी। सिंघवी ने कहा कि ऐसा पहले कभी नहीं सुना गया कि किसी पार्टी को बहुमत साबित करने के लिए 15 दिन का समय दिया जाए। यह बहुत बड़ी बिडंबना है।

बीजेपी की दलीलें

बीजेपी की तरफ से पूर्व एटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने कहा कि राज्यपाल के फैसले को चुनौती नहीं दी जा सकती। राज्यपाल को पार्टी भी नहीं बनाया जा सकता। उन्होंने कहा यह मामला रात में सुना ही नहीं जाना चाहिए। अगर कोई शपथ ले लेता तो कयामत नहीं आ जाएगी। आखिरी बार सुप्रीम ने रात में उस वक्त सुनवाई की थी जब याकूब मेमन की फांसी का मामला था।

Midnight Drama: कांग्रेस की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में ऐतिहासिक सुनवाई, पल-पल बदला घटनाक्रम

दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि फिलहाल शपथ ग्रहण पर रोक नहीं लगाई जा सकती। सभी पार्टियों को नोटिस जारी करते हुए शुक्रवार सुबह 10.30 बजे अगली सुनवाई की तारीख तय की गई।

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