लाइव न्यूज़ :

जस्टिस रंजन गोगोई को अगला CJI बनाने के खिलाफ याचिका, सुप्रीम कोर्ट में आज होगी सुनवाई

By स्वाति सिंह | Updated: September 26, 2018 00:26 IST

याचिका में न्यायमूर्ति रंजन गोगोई को तीन अक्तूबर से देश का नया प्रधान न्यायाधीश नियुक्त करने का आदेश निरस्त करने का अनुरोध किया गया है।

Open in App

नई दिल्ली, 25 सितंबर:जस्टिस रंजन गोगोई को देश का नया प्रधान न्यायाधीश नियुक्त किए जाने को चुनौती देने वाली एक याचिका पर सुप्रीम कोर्ट बुधवार को सुनवाई करेगा। 

प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर और न्यायमूर्ति धनन्जय वाई चन्द्रचूड़ की पीठ ने याचिकाकर्ता आर पी लूथरा से कहा कि वह इस मामले में कोर्ट मास्टर के समक्ष मेमो दाखिल करें।

लूथरा ने इस याचिका का पीठ के समक्ष उल्लेख किया था। उन्होंने कहा कि न्यायालय को इस पर तत्काल सुनवाई की तारीख निर्धारित करनी चाहिए।

पीठ ने कहा, ‘‘आप इंतजार कीजिये और देखिये। आप उल्लेख करने संबंधी मेमो दीजिये। हम इसे देखेंगे।’’ 

लूथरा ने अधिवक्ता सत्यवीर शर्मा के साथ दायर याचिका में कहा है कि वे 12 जनवरी को शीर्ष अदालत के चार वरिष्ठ न्यायाधीशों की प्रेस कांफ्रेस के विवरण को आधार बना रहे हैं और एक कानूनी सवाल पर फैसला चाहते हैं। यह प्रेस कांफ्रेंस न्यायमूर्ति जे चेलामेश्वर (अब सेवानिवृत्त) , न्यायमूर्ति रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति मदन बी लोकूर और न्यायमूर्ति कुरियन जोसेफ ने की थी।

याचिका में कहा गया है कि याचिकाकर्ता प्रधान न्यायाधीश को लिखे गये बिना तारीख वाले पत्र और उसे शीर्ष अदालत के चार न्यायाधीशों द्वारा वितरित किये जाने को अपना आधार बना रहे हैं। याचिका के अनुसार चार वरिष्ठतम न्यायाधीशों का यह कृत्य देश की न्याय प्रणाली को नुकसान पहुंचाने से कहीं भी कम नहीं था। याचिका में कहा गया है कि उन्होंने देश में इस न्यायालय के चुनिन्दा आंतरिक मतभेदों के नाम पर जनता में आक्रोश पैदा करने का प्रयास किया।

याचिका में कहा गया है कि याचिकाकर्ता प्रतिवादी भारत सरकार और प्रधान न्यायाधीश की उस कार्रवाई से आहत है , जिसकी परिणति न्यायमूर्ति रंजन गोगोई को उनके गैरकानूनी और संस्था विरोधी कृत्य के लिये प्रताड़ित करने की बजाय देश के प्रधान न्यायाधीश के पद पर नियुक्ति के रूप में हुई है ।

याचिका में कहा गया है कि भारत सरकार और प्रधान न्यायाधीश का यह कृत्यु गैरकानूनी और असंवैधानिक है क्योंकि न्यायपालिका का सर्वोच्च पद ऐसे व्यक्ति को सौंपा जा रहा है जो न्यायिक कदाचार और न्यायिक रूप से अयोग्यता का दोषी है।

याचिका में न्यायमूर्ति रंजन गोगोई को तीन अक्तूबर से देश का नया प्रधान न्यायाधीश नियुक्त करने का आदेश निरस्त करने का अनुरोध किया गया है।

(भाषा इनपुट के साथ)

टॅग्स :जस्टिस रंजन गोगोईजस्टिस दीपक मिश्रासुप्रीम कोर्ट
Open in App

संबंधित खबरें

भारतSupreme Court: बांग्लादेश से गर्भवती महिला और उसके बच्चे को भारत आने की अनुमति, कोर्ट ने मानवीय आधार पर लिया फैसला

भारतआपको बता दूं, मैं यहां सबसे छोटे... सबसे गरीब पक्षकार के लिए हूं, जरूरत पड़ी तो मध्य रात्रि तक यहां बैठूंगा, प्रधान न्यायाधीश सूर्यकांत ने कहा

स्वास्थ्यखतरनाक धुएं से कब मुक्त होगी जिंदगी?, वायु प्रदूषण से लाखों मौत

भारतसुप्रीम कोर्ट ने कॉमेडियन समय रैना को सफलता की कहानियों वाले दिव्यांग लोगों को शो में बुलाने और इलाज के लिए पैसे जुटाने का दिया निर्देश

भारत"कोर्ट के पास कोई जादू की छड़ी नहीं है...", दिल्ली में वायु प्रदूषण पर सुप्रीम कोर्ट सख्त

भारत अधिक खबरें

भारतशशि थरूर को व्लादिमीर पुतिन के लिए राष्ट्रपति के भोज में न्योता, राहुल गांधी और खड़गे को नहीं

भारतIndiGo Crisis: सरकार ने हाई-लेवल जांच के आदेश दिए, DGCA के FDTL ऑर्डर तुरंत प्रभाव से रोके गए

भारतबिहार विधानमंडल के शीतकालीन सत्र हुआ अनिश्चितकाल तक के लिए स्थगित, पक्ष और विपक्ष के बीच देखने को मिली हल्की नोकझोंक

भारतBihar: तेजप्रताप यादव ने पूर्व आईपीएस अधिकारी अमिताभ कुमार दास के खिलाफ दर्ज कराई एफआईआर

भारतबिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का नाम हुआ लंदन के वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज, संस्थान ने दी बधाई