सुप्रीम कोर्ट की खाप पंचायतों को फटकार, कहा- दो बालिगों की मनमर्जी से शादी में कोई हस्तक्षेप न करें
By कोमल बड़ोदेकर | Published: February 5, 2018 03:02 PM2018-02-05T15:02:54+5:302018-02-05T15:23:43+5:30
चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली तीन जजों की बेंच ऑनर किलिंग रोकने के लिए गाइडलाइंस के लिए डाली गई याचिका पर सुनवाई कर रही थी।
एक मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने खाप पंचायतों को फटकार लगाते हुए कहा है कि खाप पंचायत खुद को समाज का रखवाला न घोषित करें। इतना ही नहीं सर्वोच्च न्यायालय ने दो टूक पूछा है कि दो बालिगों की शादी में दखल देने वाले आखिर वो होते कौन हैं?
सोमवार को चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली तीन जजों की बेंच ऑनर किलिंग रोकने के लिए गाइडलाइंस के लिए डाली गई याचिका पर सुनवाई कर रही थी। इस पीठ में जस्टिस मिश्रा के अलावा एएम खानविलकर और डीवाई चंद्रचूड़ भी शामिल थे।
सीजेआई की पीठ ने सुनवाई के दौरान कहा कि कोई खाप, समाज या माता-पिता बालिगों को किसी के साथ प्रेम विवाह करने से नहीं रोक सकते। जब देश में किसी भी अवैध विवाह को रोकने के लिए कानून हैं, इन्हें कानून को अपने हाथ में लेकर समाज का रखवाला बनने की जरूरत नहीं है।
इसके अलावा पीठ ने केंद्र सरकार से ऐसे जोड़ों की सुरक्षा करने को भी कहा, जिन्हें ऑनर किलिंग या खाप पंचायतों का खतरा हो।