तीस हजारी कोर्ट में वकीलों के साथ हुई पुलिस की झड़प के विरोध में हजारों दिल्ली पुलिसकर्मी मंगलवार को विरोध प्रदर्शन करते हुए अपने ही मुख्यालय के सामने सड़कों पर उतर आए।
करीब 10 घंटे चले दिल्ली पुलिस के अपनी तरह के इस पहले विरोध प्रदर्शन के मामले में सुप्रीम कोर्ट के वकील वरुण कुमार ने बुधवार को दिल्ली पुलिस कमिश्नर अमूल्य पटनायक को कानूनी नोटिस भेजा है। उन्होंने इस प्रदर्शन में शामिल पुलिसकर्मियों के खिलाफ तुरंत कार्रवाई करने की मांग की है, अन्यथा उन्होंने कोर्ट जाने की बात की है।
पुलिसकर्मियों की हरकत समाज को डराने वाली: सुप्रीम कोर्ट वकील
वरुण ने ये नोटिस दिल्ली पुलिस कमिश्नर को आईटीओ स्थित पुलिस मुख्यालय के सामने प्रदर्शन में शामिल होने वाले दिल्ली पुलिस के जवानों और अधिकारियों के खिलाफ 'कोई कार्रवाई' न करने के लिए भेजा है।
ठाकुर ने दिल्ली पुलिस के इस प्रदर्शन को 'अवैध' और 'गैरजिम्मेदार' बताते हुए इसे एक लोकतांत्रिक देश के लिए खतरा बताया है।
इस नोटिस में कहा गया है, 'आपके पुलिस बलों का ऐसा अवैध प्रदर्शन और गैरजिम्मेदाराना हरकतें पुलिस बल (अधिकारों का प्रतिबंध) अधिनियम 1966 की धारा 3 (1) (ए) (बी) (सी) और 3 (2) का स्पष्ट उल्लंघन है। धारा (3) ) पुलिस बलों को किसी भी प्रदर्शन में भाग लेने और अपनी मांगों के लिए प्रेस के साथ संवाद से रोकती है, लेकिन पूरे दिन सार्वजनिक स्थानों पर इस तरह की अवैध गतिविधियां देखी गईं। पुलिस बलों का ऐसा गैरजिम्मेदार व्यवहार और सार्वजनिक स्थान पर शक्ति प्रदर्शन करना, समाज में भय पैदा करना, हमारे लोकतांत्रिक देश के लिए बेहद खतरनाक चीजें हैं।'
अपने ही मुख्यालय के सामने सड़कों पर उतरे हजारों दिल्ली पुलिसकर्मी
दिल्ली पुलिस के सैकड़ों कर्मचारियों ने तीस हजारी और साकेत कोर्ट में वकीलों के साथ हुई पुलिस भिड़ंत के विरोध में बुधवार को आईटीओ स्थित पुलिस समेत कई जगहों पर विरोध प्रदर्शन करते हुए दोषी वकीकों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी।
नाराज पुलिसकर्मियों ने उन्हें शांति और धैर्य बनाए रखने की अपील करने आए अपने ही पुलिस कमिश्नर अमू्ल्य पटनायक के खिलाफ 'सीपी गो बैक' के नारे लगाए और 'हमारा कमिश्नर कैसा हो, किरण बेदी जैसा हो' जैसे नारे भी लगाए।
बुधवार देर रात तक करीब 10 घंटे चले दिल्ली पुलिस का ये अभूतपूर्व विरोध प्रदर्शन उनकी सभी मांगे माने जाने के बाद खत्म हो गया था। इस मामले में पुलिस के खिलाफ की गई कार्रवाई वापस लेने और अरोपी वकीलों के खिलाफ कार्रवाई समेत कई मांगें माने जाने के बाद पुलिसकर्मियों ने अपना विरोध प्रदर्शन खत्म कर दिया।