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कोरोना संकट के बीच ‘कांवड़ यात्रा’ को अनुमति क्यों? सुप्रीम कोर्ट ने यूपी और केंद्र सरकार को भेजा नोटिस

By विनीत कुमार | Updated: July 14, 2021 12:41 IST

उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा कांवड़ यात्रा को मंजूरी दिए जाने का फैसला सवालों में घिर गया है। सुप्रीम कोर्ट ने इस मसले पर यूपी सरकार को नोटिस जारी किया है।

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ठळक मुद्देकांवड़ यात्रा को मंजूरी दिए जाने को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार को जारी किया नोटिससुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में संज्ञान लेते हुए यूपी सरकार सहित केंद्र को भी नोटिस भेजा हैमामले की अगली सुनवाई शुक्रवार को होगी, यूपी सरकार ने कल दी कांवड़ यात्रा को मंजूरी

नई दिल्ली: कोरोना संकट के खतरे के बावजूद कांवड़ यात्रा को मंजूरी दिए जाने को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार को नोटिस जारी किया है। कोर्ट ने इस मामले में स्वत: संज्ञान लेते हुए यूपी सरकार से इस मसले पर जवाब मांगा है।

इस मामले में केंद्र को भी कोर्ट ने नोटिस जारी किया है। मामले की अगली सुनवाई शुक्रवार को होगी। इससे पहले मंगलवार को यूपी सरकार ने कहा था कि कांवड़ यात्रा कम लोगों की संख्या और तमाम कोविड प्रोटोकॉल के साथ 25 जुलाई से की जा सकती है।

साथ ही राज्य सरकार के अधिकारी के अनुसार अगर जरूरी हुआ तो निगेटिव आरटी-पीसीआर टेस्ट को भी जरूरी बनाया जा सकता है।

उत्तराखंड सरकार रद्द कर चुकी है कांवड़ यात्रा

यूपी सरकार के फैसले के कुछ ही घंटे बाद उत्तराखंड सरकार का भी फैसला आया। कुंभ में हुई फजीहत से सीख लेते हुए उत्तराखंड सरकार ने मंगलवार को कांवड़ यात्रा को स्थगित कर दिया।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और मुख्य सचिव डॉ एसएस संधु, पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारियों की यहां राज्य सचिवालय में कांवड़ यात्रा के संबंध में हुई एक बैठक में यह निर्णय किया गया। 

बैठक के बाद मुख्यमंत्री धामी ने पत्रकारों से कहा, ‘हरिद्वार को हम कोरोना वायरस महामारी का केंद्र नहीं बनाना चाहते और लोगों का जीवन हमारे लिए प्राथमिकता है जिससे हम खिलवाड़ नहीं कर सकते।’

यह पूछे जाने पर कि अगर कांवड़िए राज्य में घुसते हैं तो इस स्थिति से कैसे निपटा जाएगा, मुख्यमंत्री ने कहा कि वह लोगों से न आने की अपील करते हैं क्योंकि महामारी के इस दौर में लोगों का जीवन बचाना ज्यादा जरूरी है। कोविड-19 की दूसरी लहर के प्रकोप के दौरान हरिद्वार कुंभ को लेकर प्रदेश सरकार को खासी किरकिरी झेलनी पड़ी थी।

आईएमए ने भी की थी कांवड़ यात्रा रद्द करने की अपील 

भारतीय चिकित्सा संघ (आईएमए) ने भी हाल में मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर प्रदेश और देश के हित में यात्रा को अनुमति न देने को कहा था। 

बता दें कि श्रावण माह से शुरू होने के साथ ही पखवाड़े भर चलने वाली कांवड़ यात्रा हर साल अगस्त के पहले सप्ताह तक चलती है और इस दौरान उत्तर प्रदेश, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान और दिल्ली जैसे राज्यों से लाखों की संख्या में शिवभक्त गंगा जल लेने हरिद्वार आते हैं। गंगा जल से वे अपने गांवों के शिवालयों में भगवान शिव का अभिषेक करते हैं। 

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