सुप्रीम कोर्ट ने जीएसटी चोरी के मामले में गिरफ्तारी मुद्दे पर केंद्र सरकार को भेजा नोटिस, 4 हफ्ते में मांगा जवाब

By विनीत कुमार | Published: May 29, 2019 12:27 PM2019-05-29T12:27:27+5:302019-05-29T12:27:27+5:30

बॉम्बे हाई कोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि आरोपी को कोड ऑफ क्रिमिनल प्रोसिजर (सीआरपीसी) के तहत प्रक्रिया का पालन किये बिना गिरफ्तार नहीं किया जा सकता है।

Supreme Court issued notice Central government seeking clarification on power to arrest by gst officers | सुप्रीम कोर्ट ने जीएसटी चोरी के मामले में गिरफ्तारी मुद्दे पर केंद्र सरकार को भेजा नोटिस, 4 हफ्ते में मांगा जवाब

सुप्रीम कोर्ट (फाइल फोटो)

Highlightsसुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार ने डाली है जीसीटी अधिकारियों की 'शक्ति' पर स्पष्टीकरण की याचिकाबॉम्बे हाई कोर्ट ने एक आदेश में जीएसटी चोरी मामले में गिरफ्तारी से पहले एफाईआर को बताया था जरूरीतेलंगाना उच्च न्यायालय का फैसला अलग, सुप्रीम कोर्ट ने पहले इस मामले में हस्तक्षेप नहीं करने की बात कही थी

सुप्रीम कोर्ट ने जीएसटी अधिनियम के तहत बिना एफआईआर के गिरफ्तारी के प्रावधान पर स्पष्टीकरण को लेकर केंद्र सरकार की याचिका पर नोटिस जारी किया है। कोर्ट ने इस संबंध में केंद्र सरकार से 4 हफ्ते में जवाब मांगा है।

साथ ही चीफ जस्टिस रंजन गोगोई और जस्टिस अनिरुद्ध बोस की वैकेशन बेच ने ये निर्देश भी दिया कि इस विषय को तीन जजों की बेंच के सामने पेश किया जाना चाहिए। केंद्र सरकार की ओर से दी गई याचिका में बॉम्बे हाई कोर्ट के उस आदेश को चुनौती दी गई है।

बॉम्बे हाई कोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि आरोपी को कोड ऑफ क्रिमिनल प्रोसिजर (सीआरपीसी) के तहत प्रक्रिया का पालन किये बिना गिरफ्तार नहीं किया जा सकता है। कोर्ट के अनुसार खासकर एफआईआर का दर्ज होना जरूरी है। हालांकि, पूरे विषय पर विभिन्न कोर्ट में अलग-अलग बातें सामने आई हैं।

सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने कहा कि जीएसटी चोरी करने के आरोपियों को जमानत देने के मामले में विभिन्न उच्च न्यायालयों ने अलग-अलग रुख अपनाया है, इस कारण गिरफ्तारी की शक्ति की समीक्षा की जरूरत है। साथ ही पीठ ने सभी उच्च न्यायालयों को इस तरह के मामलों में जमानत देने से पहले अपने उस आदेश को ध्यान में रखने को कहा जिसमें उसने तेलंगाना उच्च न्यायालय के निर्णय को बरकरार रखा था।

उक्त आदेश में तेलंगाना उच्च न्यायालय ने कहा था कि इस तरह के मामलों में किसी व्यक्ति को गिरफ्तारी से बचने की छूट नहीं दी जा सकती है।

बता दें कि इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को मौजूदा स्थिति में हस्तक्षेप नहीं करने का फैसला किया था। इस मामले ने पिछले कुछ महीनों में उस समय तूल पकड़ा जब आयकर विभाग ने कुछ कंपनियों के प्रोमोटर्स को कथित तौर पर सर्कुलर ट्रेडिंग में शामिल होने के लिए हिरासत में लिया।

इस विषय से जुड़ी एक याचिका में तेलंगाना उच्च न्यायालय ने कहा था कि जीएसटी की चोरी करने वाले व्यक्ति को संबंधित प्राधिकारी गिरफ्तार कर सकते हैं। इसके बाद सोमवार को चीफ जस्टिस रंजन गोगोई और जस्टिस अनिरूद्ध बोस की अवकाश पीठ के समक्ष यह याचिका सुनवाई के लिये आयी लेकिन पीठ ने उच्च न्यायालय के 18 अप्रैल के फैसले में हस्तक्षेप करने से इंकार कर दिया। 

पीठ ने कहा, 'याचिकाकर्ता के अधिवक्ता को सुनने और संबंधित सामग्री के अवलोकन के बाद हम इसमें हस्तक्षेप नहीं करना चाहते। इसलिए याचिका खारिज की जाती है।' 

उच्च न्यायालय ने 18 अप्रैल को कहा था कि वह केन्द्रीय माल और सेवा कर कानून, 2017 के तहत हैदराबाद जीएसटी आयुक्त कार्यालय के अधीक्षक (कर वंचना) द्वारा समन जारी किये जाने और इस कानून के तहत दण्डात्मक प्रावधानों के तहत कार्रवाई को चुनौती देने वाली याचिका पर विचार से इंकार कर दिया था। याचिकाकर्ता इस मामले में गिरफ्तारी से राहत चाहते थे। उच्च न्यायालय ने कुछ निजी कंपनियों और उनके वरिष्ठ अधिकारियों तथा अन्य की याचिकाओं पर 18 अप्रैल को फैसला सुनाया था। 

(भाषा इनपुट)

Web Title: Supreme Court issued notice Central government seeking clarification on power to arrest by gst officers

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