नोएडा: सुप्रीम कोर्ट का बड़ा आदेश, दो हफ्ते के अंदर गिराए जाएंगे सुपरटेक एमराल्ड कोर्ट के ट्विन 40 मंजिला टावर
By मनाली रस्तोगी | Updated: February 7, 2022 16:19 IST2022-02-07T16:05:52+5:302022-02-07T16:19:44+5:30
नोएडा में सुपरटेक एमराल्ड कोर्ट के ट्विन 40 मंजिला टावरों को दो हफ़्तों में गिराने का आदेश आज सुप्रीम कोर्ट ने दिया है।

नोएडा: सुप्रीम कोर्ट का बड़ा आदेश, दो हफ्ते के अंदर गिराए जाएंगे सुपरटेक एमराल्ड कोर्ट के ट्विन 40 मंजिला टावर
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को नोएडा में सुपरटेक एमराल्ड कोर्ट के ट्विन 40 मंजिला टावरों को दो सप्ताह के भीतर ध्वस्त करने का निर्देश दिया। साथ ही, कोर्ट ने नोएडा के सीईओ को 72 घंटे के भीतर सभी संबंधित एजेंसियों की बैठक बुलाने का निर्देश दिया है ताकि ट्विन टावरों को गिराने के कार्यक्रम को अंतिम रूप दिया जा सके।
Supreme Court directs demolition of twin 40-storied towers of Supertech Emerald Court in Noida within two weeks.
— ANI (@ANI) February 7, 2022
The Court directs NOIDA CEO to convene a meeting of all concerned agencies within 72 hours to finalise the schedule for the demolition of twin towers. pic.twitter.com/gsmxDb4PpJ
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, सेक्टर-93ए स्थित सुपरटेक एमराल्ड कोर्ट के दोनों 40 मंजिला टावरों का ध्वस्तीकरण अमेरिकी कंपनी एडफिस इंजीनियरिंग करने वाली है। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने नोएडा स्थित सुपरटेक के एमराल्ड कोर्ट के ट्विन 40 मंजिला टावरों (टी-16 और टी-17) को 31 अगस्त 2021 को अवैध करार देते हुए ध्वस्त करने का निर्देश दिया था। साथ ही, कोर्ट ने ये भी कहा था कि टि्वन टावर में जो भी फ्लैट खरीददार हैं उन्हें दो महीने के भीतर उनकी रकम रिफंड की जाए। साथ ही उस रकम का 12 प्रतिशत इंटरेस्ट का भी भुगतान किया जाए ऐसा आदेश था।
जानकारी के अनुसार, एमराल्ड कोर्ट नाम के बिल्डिंग परिसर में सुपरटेक बिल्डर ने 40 और 39 मंजिल के दो नए टावर खड़े कर दिए। यही नहीं, बिल्डर ने यहां रह रहे लोगों से 950 फ्लैट वाले दोनों टावर बनाते समय सहमति नहीं ली थी। नक्शे के हिसाब से सोसायटी के खुले क्षेत्र में उस जगह यह निर्माण किया गया, जहां से पार्क में जाने का रास्ता था। ऐसे में जब दोनों टावर बनें तो इसकी वजह से बाकी बिल्डिंगों के बीच की दूरी बहुत कम हो गई। ऐसे में यहां पहले से रह रहे लोगों को रोशनी और हवा पाने में भी दिक्कत होने लगी।