उच्चतम न्यायालय ने वेब सीरीज तांडव के निर्देशक, अन्य को गिरफ्तारी से अंतरिम राहत देने से इनकार किया

By भाषा | Updated: January 27, 2021 21:38 IST2021-01-27T21:38:27+5:302021-01-27T21:38:27+5:30

Supreme Court denied interim relief from arrest to others, director of web series Tandava | उच्चतम न्यायालय ने वेब सीरीज तांडव के निर्देशक, अन्य को गिरफ्तारी से अंतरिम राहत देने से इनकार किया

उच्चतम न्यायालय ने वेब सीरीज तांडव के निर्देशक, अन्य को गिरफ्तारी से अंतरिम राहत देने से इनकार किया

नयी दिल्ली, 27 जनवरी उच्चतम न्यायालय ने वेब सीरीज ‘तांडव’ के निर्देशक अली अब्बास जफर और अन्य को गिरफ्तारी से अंतरिम राहत देने से बुधवार को इनकार कर दिया।

हिंदुओं की धार्मिक भावनाओं को कथित तौर पर ठेस पहुंचाने को लेकर वेब सीरीज के निर्देशक और अन्य ने उनके खिलाफ प्राथमिकी को रद्द करने के अनुरोध को लेकर उच्चतम न्यायालय में याचिकाएं दायर की थीं। न्यायालय ने इन याचिकाओं पर उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और अन्य राज्यों को नोटिए जारी किये।

उच्चतम न्यायालय ने कहा कि ‘‘वाक् और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पूर्ण नहीं है’’ और यह कुछ पाबंदियों के अधीन है। न्यायालय ने कहा कि जफर, अमेज़ॅन प्राइम इंडिया की प्रमुख अपर्णा पुरोहित और निर्माता हिमांशु मेहरा, शो के लेखक गौरव सोलंकी और अभिनेता मोहम्मद जीशान अयूब वेब सीरीज के सिलसिले में दर्ज प्राथमिकियों में संबद्ध अदालतों से जमानत का अनुरोध कर सकते हैं।

न्यायमूर्ति अशोक भूषण, न्यायमूर्ति आर सुभाष रेड्डी और न्यायमूर्ति एम आर शाह की एक पीठ निर्माताओं और वेस सीरीज से जुड़े अन्यों की तीन अलग-अलग याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी।

पीठ ने इन याचिकाओं पर उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, कर्नाटक, महाराष्ट्र, दिल्ली, बिहार और शिकायतों की जांच कर रहे पुलिस अधिकारियों को नोटिस जारी किये।

‘‘तांडव’’ में बॉलीवुड कलाकारों सैफ अली खान, डिपंल कपाड़िया और मोहम्मद जीशान अयूब आदि ने काम किया है।

पीठ ने वीडियो कॉन्फ्रेंस से हुई सुनवाई में कहा, ‘‘ हम सीआरपीसी की धारा 482 (आपराधिक मामले को खत्म करने के लिए अदालतों की शक्ति) के तहत अधिकार का उपयोग नहीं कर सकते हैं। हम अंतरिम संरक्षण देने के लिए इच्छुक नहीं हैं।’’

जफर और अन्य की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ताओं फली एस नरीमन, मुकुल रोहतगी, सिद्धार्थ लूथरा और सिद्धार्थ अग्रवाल पेश हुए।

रोहतगी ने कहा, ‘‘दिन के अंत में यह केवल एक अपराध का मामला है। यदि एक हत्या के मामले की सूचना 100 बार दी जाती है तो यह 100 अपराध नहीं हो जाते है। यह एक वास्तविक निर्दोष मामला है। हर रोज एक प्राथमिकी होती है तो एक व्यक्ति कहां जायेगा?’’

एक सवाल के जवाब में कि याचिकाएं उच्च न्यायालय में दाखिल क्यों नहीं की गईं, नरीमन ने कहा कि कई राज्यों में प्राथमिकियां दर्ज की गई हैं और हर दिन संख्या बढ़ रही है।

अयूब की ओर से पेश अग्रवाल ने वेब श्रृंखला के कथित आपत्तिजनक हिस्से का बचाव करते हुए कहा कि एक अभिनेता के रूप में, उनके द्वारा बोले गए संवादों पर उनका कोई कलात्मक नियंत्रण नहीं है।

पीठ ने कहा, ‘‘आप पटकथा पढ़े बिना भूमिका नहीं निभा सकते। आप दूसरों की धार्मिक भावनाओं को आहत करने वाली भूमिका नहीं निभा सकते।’’

रोहतगी ने कहा कि याचिकाकर्ताओं को अंतरिम संरक्षण की जरूरत है क्योंकि उन्हें छह अलग-अलग राज्यों की पुलिस द्वारा गिरफ्तार किया जा सकता है।

‘‘तांडव’’ के निर्माताओं और कलाकारों के खिलाफ उत्तर प्रदेश में तीन प्राथमिकियां दर्ज है जबकि मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और कर्नाटक जैसे राज्यों में भी वेब सीरीज से जुड़े लोगों के खिलाफ इसी तरह की प्राथमिकियां दर्ज है।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

Web Title: Supreme Court denied interim relief from arrest to others, director of web series Tandava

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे