SC कोलेजियम ने जस्टिस केएम जोसेफ की नियुक्ति के मामले में फैसला टाला

By स्वाति सिंह | Updated: May 2, 2018 18:33 IST2018-05-02T18:33:05+5:302018-05-02T18:33:05+5:30

सुप्रीम कोर्ट के कोलेजियम ने उत्तराखंड उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के एम जोसेफ को शीर्ष अदालत में पदोन्नति देने की सिफारिश पर फिर से विचार के मुद्दे पर अपना निर्णय टाल दिया।

Supreme Court Collegium deferred decision on appointment of Uttarakhand chief judge Justice KM Joseph | SC कोलेजियम ने जस्टिस केएम जोसेफ की नियुक्ति के मामले में फैसला टाला

SC कोलेजियम ने जस्टिस केएम जोसेफ की नियुक्ति के मामले में फैसला टाला

नई दिल्ली, 2 मई: सुप्रीम कोर्ट की कोलेजियम उत्तराखंड के मुख्य न्यायाधीश एम जोसेफ की नियुक्ति के मामले में बुधवार को कोई फैसला नहीं ले पाई।  सरकार ने न्यायमूर्ति जोसेफ की फाइल पुनर्विचार के लिए लौटा दी थी । चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा और कोलेजियम के अन्य सदस्यों न्यायमूर्ति जे चेलामेश्वर, न्यायमूर्ति रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति मदन बी लोकूर और न्यायमूर्ति कुरियन जोसेफ ने बुधवार शाम को हुई बैठक में हिस्सा लिया। कोलेजियम के प्रस्ताव में कहा गया कि इसकी बैठक में जिस एजेण्डे पर विचार हुआ उसमें भारत सरकार के विधि एवं न्याय मंत्रालय से 26 और 30 अप्रैल , 2018 के पत्रों के आलोक में उत्तराखंड उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के एम जोसेफ के मामले पर पुन विचार करना और निष्पक्ष प्रतिनिधित्व की अवधारणा के मद्देनजर शीर्ष अदालत में पदोन्नति के लिये कलकत्ता , राजस्थान तथा तेलंगाना एवं आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालयों के न्यायाधीशों के नामों पर विचार करना शामिल था। इस संबंध में निर्णय आज स्थगित कर दिया गया।

न्यायमूर्ति चेलामेश्वर हालांकि आज न्यायालय नहीं आए थे लेकिन उन्होंने इस बैठक में हिस्सा लिया। एक अधिकारी ने बताया कि कालेजियम की बैठक में कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद के पत्रों पर विस्तार से चर्चा हुई। सुप्रीम कोर्ट की कोलेजियम ने दस जनवरी को न्यायमूर्ति जोसेफ को पदोन्नति देकर शीर्ष अदालत में न्यायाधीश बनाने और वरिष्ठ अधिवक्ता इन्दु मल्होत्रा को सीधे उच्चतम न्यायालय की न्यायाधीश बनाने की सिफारिश की थी। सरकार ने इन्दु मल्होत्रा के नाम को मंजूरी दे दी और न्यायमूर्ति जोसेफ के नाम पर फिर से विचार के लिये उनकी फाइल लौटा दी थी। 

प्रधान न्यायाधीश ने 27 अप्रैल को इन्दु मल्होत्रा को उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश के पद की शपथ दिलाई थी। सरकार ने उन्हें पदोन्नति देकर शीर्ष अदालत का न्यायाधीश बनाने पर विचार नहीं किया और कहा कि यह प्रस्ताव शीर्ष अदालत के मानदंडों के अनुरूप नहीं है। 

केन्द्र ने प्रधान न्यायाधीश को दो पत्र लिखे थे और इसमें कहा था कि उच्चतर न्यायपालिका में पहले से ही केरल को पर्याप्त प्रतिनिधित्व मिला हुआ है। न्यायमूर्ति जोसेफ भी केरल से ही हैं। यही नहीं , केन्द्र ने उनकी वरिष्ठता पर भी सवाल उठाते हुये कहा है कि अखिल भारतीय स्तर पर उच्च न्यायालय की वरिष्ठता की समेकित सूची में उनका 42 वां स्थान हैं। न्यायमूर्ति जोसेफ जून के महीने में साठ साल के हो जायेंगे। वह जुलाई 2014 से उत्तराखंड उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश है। उन्हें 14 अक्तूबर , 2004 को केरल उच्च न्यायालय का स्थाई न्यायाधीश बनाया गया था। न्यायमूर्ति चेलामेश्वर , न्यायमूर्ति लोकूर और न्यायमूर्ति कुरियन सहित कोलेजियम के सदस्यों ने न्यायमूर्ति जोसेफ के नाम को मंजूरी देने में हो रहे विलंब पर चिंता व्यक्त् की थी। 

(भाषा इनपुट के साथ)
 

Web Title: Supreme Court Collegium deferred decision on appointment of Uttarakhand chief judge Justice KM Joseph

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