केंद्र के खिलाफ अवमानना कार्यवाही की मांग, सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल, जानिए वजह

By विशाल कुमार | Updated: October 26, 2021 08:40 IST2021-10-26T08:36:55+5:302021-10-26T08:40:19+5:30

सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम द्वारा अपनी सिफारिशों को दोहराने के बावजूद विभिन्न हाईकोर्टों में न्यायाधीशों के रूप में नियुक्ति के लिए 11 नामों को मंजूरी देने से इनकार करने के लिए केंद्र के खिलाफ अवमानना ​​कार्यवाही शुरू करने की मांग की गई है.

supreme court centre contempt proceedings writ petition | केंद्र के खिलाफ अवमानना कार्यवाही की मांग, सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल, जानिए वजह

केंद्र के खिलाफ अवमानना कार्यवाही की मांग, सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल, जानिए वजह

Highlightsयह मांग सोमवार को एडवोकेट्स एसोसिएशन ऑफ बैंगलोर ने की.कॉलेजियम द्वारा अनुशंसित उम्मीदवारों के नामों को एक बार में मंजूरी नहीं दिए जाने पर जताई चिंता.

नई दिल्ली:सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम द्वारा अपनी सिफारिशों को दोहराने के बावजूद विभिन्न हाईकोर्टों में न्यायाधीशों के रूप में नियुक्ति के लिए 11 नामों को मंजूरी देने से इनकार करने के लिए केंद्र के खिलाफ अवमानना ​​कार्यवाही शुरू करने की मांग की गई है. यह मांग सोमवार को एडवोकेट्स एसोसिएशन ऑफ बैंगलोर ने की.

द टेलीग्राफ की रिपोर्ट के अनुसार, अधिवक्ता पाई अमित के माध्यम से दायर एक रिट याचिका में एसोसिएशन ने कहा है कि कॉलेजियम की सिफारिशों की जानबूझकर अवहेलना 1993 में सुप्रीम कोर्ट के नौ जजों की पीठ के फैसले का उल्लंघन है, जिसे 1998 में एक और नौ जजों की पीठ द्वारा दोहराया गया था और इस साल 20 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट द्वारा दोहराया कहा गया था.

इन सभी फैसलों में कहा गया था कि एक बार जब सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम एक नाम दोहराता है, तो केंद्र के पास इसका पालन करने के अलावा कोई विकल्प नहीं होता है.

एसोसिएशन ने केंद्र सरकार की कॉलेजियम द्वारा अनुशंसित उम्मीदवारों के नामों को एक बार में मंजूरी देने के बजाय उन्हें अलग करने की बढ़ती प्रवृत्ति पर भी चिंता व्यक्त की.

याचिकाकर्ता ने मामले में केंद्रीय कानून और न्याय मंत्रालय में सचिव बरुन मित्रा और अतिरिक्त सचिव राजिंदर कश्यप को प्रतिवादी बनाया है.

इन सिफारिशों में पांच नाम कलकत्ता हाईकोर्ट के लिए हैं. कलकत्ता हाईकोर्ट के लिए अनुशंसित लेकिन स्वीकृत नहीं होने वालों में वरिष्ठ अधिवक्ता अमितेश बनर्जी हैं जो कि सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश जस्टिस यूसी बनर्जी के बेटे हैं.

यूसी बनर्जी ने गोधरा ट्रेन में 59 कारसेवकों की मौत के पीछे एक साजिश को खारिज करने वाली एक सदस्यीय आयोग का नेतृत्व किया था.

उनके साथ ही इसमें इलाहाबाद हाईकोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस श्यामल सेन के बेटे वकील शाक्य सेन का भी नाम शामिल है.

Web Title: supreme court centre contempt proceedings writ petition

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