सुप्रीम कोर्ट ने कोविड-19 रोधी टीके पर पूछा, कंपनियां अलग-अलग कीमत तय कर रही हैं, केंद्र इस बारे में क्या कर रहा...

By भाषा | Updated: April 27, 2021 21:27 IST2021-04-27T21:25:38+5:302021-04-27T21:27:12+5:30

सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष विकास सिंह ने पीठ को बताया कि केंद्र, राज्यों और निजी अस्पतालों के लिए टीके की अलग-अलग कीमतें निर्धारित की गयी है।

Supreme Court asks covid-19 anti vaccine companies are fixing different prices what is the Center doing about it | सुप्रीम कोर्ट ने कोविड-19 रोधी टीके पर पूछा, कंपनियां अलग-अलग कीमत तय कर रही हैं, केंद्र इस बारे में क्या कर रहा...

अगर ऐसी शक्ति लागू करने का यह समय नहीं है तो कौन सा समय ठीक होगा।

Highlightsपीठ ने दवाओं की कीमतों को नियंत्रित करने के लिए औषधि नियंत्रण कानून के तहत केंद्र की शक्तियों का हवाला दिया।महामारी के दौरान ऐसी शक्तियों का इस्तेमाल करना सही मौका होगा। यह महामारी है और राष्ट्रीय संकट की स्थिति है।

नई दिल्लीः  उच्चतम न्यायालय ने केंद्र, राज्यों और निजी अस्पतालों के लिए कोविड-19 रोधी टीके की अलग-अलग कीमत का संज्ञान लेते हुए मंगलवार को केंद्र सरकार को ऐसी मूल्य नीति के पीछे ‘‘औचित्य और आधार’’ बताने को कहा।

शीर्ष अदालत ने ‘महामारी के दौरान आवश्यक सामानों की आपूर्ति एवं सेवाओं के वितरण’ से संबंधित मामले का स्वत: संज्ञान लेते हुए केंद्र से यह भी पूछा कि वह एक मई से 18 साल से अधिक उम्र के लोगों के लिए टीकाकरण की शुरुआत होने पर टीकों की अचानक बढ़ी मांग को कैसे पूरा करने वाला है।

न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने मामले में सुनवाई के लिए शुक्रवार का दिन तय किया। पीठ ने कहा, ‘‘केंद्र को अपने हलफनामे में टीकों के मूल्य के संबंध में स्वीकृत आधार और औचित्य को स्पष्ट करना होगा।’’ पीठ में न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव और न्यायमूर्ति एस रवींद्र भट भी शामिल थे।

पीठ ने कहा, ‘‘अलग-अलग कंपनियां अलग-अलग कीमत तय कर रही हैं। केंद्र इस बारे में क्या कर रहा है।’’ वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए सुनवाई में वरिष्ठ अधिवक्ता और सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष विकास सिंह ने पीठ को बताया कि केंद्र, राज्यों और निजी अस्पतालों के लिए टीके की अलग-अलग कीमतें निर्धारित की गयी है।

पीठ ने दवाओं की कीमतों को नियंत्रित करने के लिए औषधि नियंत्रण कानून के तहत केंद्र की शक्तियों का हवाला दिया और कहा कि महामारी के दौरान ऐसी शक्तियों का इस्तेमाल करना सही मौका होगा। पीठ ने सवाल किया, ‘‘यह महामारी है और राष्ट्रीय संकट की स्थिति है। अगर ऐसी शक्ति लागू करने का यह समय नहीं है तो कौन सा समय ठीक होगा।’’

सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने कहा है कि वह राज्यों को कोविशील्ड की एक खुराक 400 रुपये में और निजी अस्पतालों को 600 रुपये में प्रति खुराक मुहैया कराएगी। एक वकील ने कहा कि हालांकि कंपनी केंद्र को 150 रुपये प्रति खुराक के हिसाब से टीके की बिक्री कर रही है। पीठ ने केंद्र को ऑक्सीजन के वितरण के साथ राज्यों को टीके मुहैया कराने की प्रक्रिया और निगरानी तंत्र के बारे में भी अवगत कराने को कहा है। 

Web Title: Supreme Court asks covid-19 anti vaccine companies are fixing different prices what is the Center doing about it

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