चंद्रा बंधुओं के साथ जेल में विशेष बर्ताव पर शीर्ष न्यायालय ने केंद्र सरकार को फटकार लगाई
By भाषा | Published: November 22, 2018 08:46 PM2018-11-22T20:46:34+5:302018-11-22T20:46:34+5:30
पीठ ने केन्द्र सरकार के वकील से सवाल किया, 'न्यायाधीश की रिपोर्ट कहती है कि यूनिटेक के अधिकारियों को तिहाड़ में सुविधाएं मिल रही हैं। क्या जेलों में समानांतर व्यवस्था है? क्या जेलों में उन्हें विशेष अधिकार प्राप्त हैं? आप इसके बारे में क्या कर रहे हैं?'
उच्चतम न्यायालय ने तिहाड़ जेल की सेल में बंद यूनिटेक के प्रबंध निदेशक संजय चंद्रा और उनके भाई अजय के पास से एलईडी टीवी, सोफा और दूसरी प्रतिबंधित वस्तुयें मिलने संबंधी मीडिया खबरों का जिक करते हुये सवाल किया, 'क्या जेलों में समानांतर व्यवस्था चल रही है।'
न्यायमूर्ति मदन बी लोकूर, न्यायमूर्ति एस अब्दुल नजीर और न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता की पीठ ने केन्द्र से जानना चाहा कि इस मामले में क्या कार्रवाई की गयी है।
पीठ ने कहा कि चंद्रा बंधुओं और कुछ अन्य द्वारा 'विलासितापूर्ण जीवन शैली गुजारने' के बारे में कैदियों से मिली शिकायत के बाद चार सितंबर को अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश ने जेल का निरीक्षण किया था। यह रिपोर्ट उललब्ध है।
पीठ ने केन्द्र सरकार के वकील से सवाल किया, 'न्यायाधीश की रिपोर्ट कहती है कि यूनिटेक के अधिकारियों को तिहाड़ में सुविधाएं मिल रही हैं। क्या जेलों में समानांतर व्यवस्था है? क्या जेलों में उन्हें विशेष अधिकार प्राप्त हैं? आप इसके बारे में क्या कर रहे हैं?'
पीठ ने कहा, 'ये लोग टीवी का आनंद ले रहे हैं। ईश्वर जाने वे क्या क्या आनंद ले रहे हैं। वे सोफों पर बैठते हैं।'
केन्द्र की ओर से अतिरिक्त सालिसीटर जनरल अमन लेखी ने कहा कि ऐसे मामलों में कार्रवाई की जानी चाहिए। ऐसी घटनाओं से पूरी गंभीरता से निबटना चाहिए।’
लेकिन जब एएसजी ने यह कहा कि शीर्ष अदालत विचाराधीन कैदियों के लिये तेजी से सुनवाई करने से संबंधित मुद्दे की सुनवाई कर रही है तो पीठ ने टिप्पणी की, 'हम कुछ ऐसी चीज से रूबरू हो रहे हैं जो स्तबध करती है।'
न्यायलाय ने बिहार सहित कई राज्यों में मोबाइल फोन के इस्तेमाल के बारे में भी मीडिया की खबरों का जिक्र किया।
यह मुद्दा उस समय उठा जब पीठ ने जेलों में खामियों के बारे में जून महीने में दो न्यायाधीशों की रिपोर्ट का जिक्र किया।