Joshimath: जोशीमठ में जमीन धंसने की घटनाओं पर सुप्रीम कोर्ट का तत्काल सुनवाई से इनकार, इस दिन होगी सुनवाई, शीर्ष अदालत ने कही ये बात
By मनाली रस्तोगी | Published: January 10, 2023 11:15 AM2023-01-10T11:15:03+5:302023-01-10T11:16:11+5:30
जोशीमठ में हाल ही में जमीन धंसने की घटनाओं से संबंधित एक जनहित याचिका धार्मिक नेता स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने भारत के सुप्रीम कोर्ट में दायर की थी।
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने जोशीमठ में जमीन धंसने की घटनाओं की तत्काल सुनवाई से इनकार किया और मामले को 16 जनवरी को सुनवाई के लिए स्थगित कर दिया। कोर्ट का कहना है कि जो कुछ भी महत्वपूर्ण है उसे शीर्ष अदालत में आने की जरूरत नहीं है। इस पर लोकतांत्रिक रूप से निर्वाचित संस्थाएं काम कर रही हैं। इस मामले की सुनवाई पहले चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ और जस्टिस पीएस नरसिम्हा की बेंच कर रही थी।
जोशीमठ में हाल ही में जमीन धंसने की घटनाओं से संबंधित एक जनहित याचिका धार्मिक नेता स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने भारत के सुप्रीम कोर्ट में दायर की थी। जोशीमठ को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने और जोशीमठ के निवासियों को राष्ट्रीय आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण (एनडीएमए) की सक्रिय सहायता के लिए एक जनहित याचिका दायर की गई है।
Supreme Court declines urgent hearing of Joshimath sinking incidents on #Joshimath and posts the matter for hearing on January 16.
— ANI (@ANI) January 10, 2023
Supreme Court says everything which is important need not come to the apex court. There are democratically elected institutions working on it. pic.twitter.com/a2E1F2OK3d
आज की उल्लेख सूची में मामले का कोई अन्य उल्लेख नहीं था। जोशीमठ को एक 'सिंकिंग जोन' घोषित किया गया था क्योंकि लगातार भूमि का धंसना, जिसके कारण कई घरों और सड़कों में दरारें दिखाई देने लगी हैं, जिससे निवासियों को अपने घरों को छोड़ना पड़ा और आतंक की भावना पैदा हुई। जोशीमठ में जमीन धंसने से 60 से अधिक परिवारों को उनके घरों के क्षतिग्रस्त होने के बाद अस्थायी राहत केंद्रों में जाने के लिए मजबूर होना पड़ा है।