राहुल गांधी की याचिका पर सुनवाई के लिए सहमत हुआ सुप्रीम कोर्ट, 21 जुलाई को 'मोदी सरनेम' से जुड़े आपराधिक मानहानि मामले में होगी सुनवाई
By शिवेन्द्र कुमार राय | Published: July 18, 2023 11:53 AM2023-07-18T11:53:50+5:302023-07-18T12:07:06+5:30
'मोदी उपनाम' से जुड़े आपराधिक मानहानि मामले में गुजरात उच्च न्यायालय ने राहुल को निचली अदालत से मिली सजा पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था। इसके बाद राहुल गांधी ने उच्चतम न्यायलय का दरवाजा खटखटाया था।
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट गुजरात उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देने वाली कांग्रेस नेता राहुल गांधी की याचिका पर सुनवाई करने के लिए सहमत हो गया है। 'मोदी उपनाम' से जुड़े आपराधिक मानहानि मामले में गुजरात उच्च न्यायालय ने राहुल को निचली अदालत से मिली सजा पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था। इसके बाद राहुल गांधी ने उच्चतम न्यायलय का दरवाजा खटखटाया था।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट 21 जुलाई को सुनवाई करने पर सहमत हुआ है। मंगलवार, 18 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट में राहुल गांधी की ओर से पेश हुए वरिष्ठ वकील अभिषेक सिंघवी ने याचिका को 21 जुलाई या 24 जुलाई को सूचीबद्ध किए जाने का अनुरोध किया जिसके बाद मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति पी एस नरसिम्हा एवं न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ याचिका पर सुनवाई के लिए सहमत हो गई।
पीठ ने कहा कि वह 21 जुलाई को मामले पर सुनवाई करेगी। राहुल गांधी ने 15 जुलाई को उच्चतम न्यायालय में दायर अपनी याचिका में कहा है कि यदि इस आदेश पर रोक नहीं लगाई गई तो इससे स्वतंत्र भाषण, स्वतंत्र अभिव्यक्ति, स्वतंत्र विचार और स्वतंत्र वक्तव्य का दम घुट जाएगा। राहुल गांधी ने अपनी याचिका में कहा कि यदि उच्च न्यायालय के फैसले पर रोक नहीं लगाई गई तो यह लोकतांत्रिक संस्थानों को व्यवस्थित तरीके से, बार-बार कमजोर करेगा और इसके परिणामस्वरूप लोकतंत्र का दम घुट जाएगा, जो भारत के राजनीतिक माहौल और भविष्य के लिए गंभीर रूप से हानिकारक होगा।
बता दें कि राहुल गांधी ने 13 अप्रैल, 2019 को कर्नाटक के कोलार में एक चुनावी रैली के दौरान टिप्पणी की थी कि ‘सभी चोरों का समान उपनाम मोदी ही क्यों होता है?’’ इस टिप्पणी को लेकर गुजरात सरकार के पूर्व मंत्री पूर्णेश मोदी ने गांधी के खिलाफ 2019 में आपराधिक मानहानि का मामला दर्ज कराया था। इस मामले में सूरत की मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट अदालत ने 23 मार्च को राहुल गांधी को भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धाराओं 499 और 500 (आपराधिक मानहानि) के तहत दोषी ठहराते हुए दो साल जेल की सजा सुनाई थी।
मामले में फैसले के बाद गांधी को जनप्रतिनिधित्व अधिनियम के प्रावधानों के तहत संसद की सदस्यता से अयोग्य घोषित कर दिया गया था। राहुल गांधी 2019 में केरल के वायनाड से लोकसभा के लिए निर्वाचित हुए थे।