सुब्रमण्यम स्वामी ने आर्थिक मंदी पर पीएम मोदी को दी सलाह, कहा- अर्थशास्त्रियों को डराना बंद करें!

By भाषा | Updated: October 1, 2019 05:29 IST2019-09-30T22:56:01+5:302019-10-01T05:29:43+5:30

सत्ताधारी दल के राज्यसभा सदस्य की तरफ से ये टिप्पणियां ऐसे समय आईं हैं जब देश की आर्थिक वृद्धि छह साल के निम्न स्तर पांच प्रतिशत पर आ गई है और सरकार इस सुस्ती से बाहर निकलने के लिये कई गैर- परंपरागत उपाय कर रही है

Subramanian Swamy advised PM Modi on economic slowdown, saying - Stop scaring the economists of your government! | सुब्रमण्यम स्वामी ने आर्थिक मंदी पर पीएम मोदी को दी सलाह, कहा- अर्थशास्त्रियों को डराना बंद करें!

सुब्रमण्यम स्वामी ने आर्थिक मंदी पर पीएम मोदी को दी सलाह, कहा- अर्थशास्त्रियों को डराना बंद करें!

Highlights स्वामी ने कहा, ‘‘जिस तरह से मोदी सरकार चला रहे हैं उस तौर तरीके में बहुत कम लोग ही तय सोच के दायरे से बाहर निकल सकते हैं।उन्होंने यह भी कहा कि उच्च वृद्धि के लिये कौन सी नीतियों की जरूरत है सरकार उसे नहीं समझ पाई हैं।

केन्द्र में सत्ताधारी दल भारतीय जनता पार्टी के नेता और सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को सलाह दी है कि उन्हें अप्रिय सच्चाई सुनने का स्वभाव विकसित करना चाहिये और यदि वह अर्थव्यवस्था को संकट से बाहर निकालना चाहते हैं तो उन्हें अपनी सरकार के अर्थशास्त्रियों को ‘‘डराना’’ बंद करना चाहिये। स्वामी ने कहा, ‘‘जिस तरह से मोदी सरकार चला रहे हैं उस तौर तरीके में बहुत कम लोग ही तय सोच के दायरे से बाहर निकल सकते हैं। उन्हें लोगों को इसके लिये प्रोत्साहित करना चाहिये कि वे उनके सामने कह सकें कि नहीं यह नहीं हो सकता है। लेकिन मुझे लगता है कि वह अभी इस तरह की सोच विकसित नहीं कर पाये हैं।’’

सत्ताधारी दल के राज्यसभा सदस्य की तरफ से ये टिप्पणियां ऐसे समय आईं हैं जब देश की आर्थिक वृद्धि छह साल के निम्न स्तर पांच प्रतिशत पर आ गई है और सरकार इस सुस्ती से बाहर निकलने के लिये कई गैर- परंपरागत उपाय कर रही है। सरकार ने हाल ही में कंपनियों के लिये कर दर में बड़ी कटौती की है। सुब्रमण्यम स्वामी ने अर्थव्यवस्था में मौजूदा संकट के लिये नोटबंदी को भी दोषी ठहराया है। इस मामले में उन्होंने खासतौर से रिजर्व बैंक और वित्त मंत्रालय की भूमिका पर सवाल उठाया है।

उन्होंने कहा कि इन्होंने वास्तविक मुद्दों को नहीं उठाया और न ही ठीक से तैयारी की। इसके साथ ही उन्होंने माल एवं सेवाकर (जीएसटी) को जल्दबाजी में लागू करने को भी अर्थव्यवस्था की मौजूदा स्थिति के लिये जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने यह भी कहा कि उच्च वृद्धि के लिये कौन सी नीतियों की जरूरत है सरकार उसे नहीं समझ पाई हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘आज हमें ऐसे तरीकों की जरूरत है जिसमें हमारी अर्थव्यवस्था के लिये एक अल्पकालिक, एक मध्यम अवधि और एक दीर्घ अवधि की नीति होनी हो। लेकिन आज ऐसा नहीं है। मुझे लगता है कि जो भी अर्थशास्त्री सरकार ने रखे हैं वे इतने डरे हुये हैं कि सच्चाई प्रधानमंत्री के समक्ष नहीं रख सकते हैं, जबकि प्रधानमंत्री का ध्यान खुद छोटी- परियोजनाओं पर है।’’ उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री का ध्यान छोटे और एकतरफा मुद्दों पर है जैसे कि गरीब महिलाओं को खाने पकाने की गैस वितरण वाली उज्ज्वला योजना। लेकिन उन्होंने इस मौके पर बहुपक्षीय नजरिया अपनाने की जरूरत पर जोर दिया जो कि विभिन्न पहलुओं को छुये।

सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा कि ऐसा जरूरी नहीं है कि अर्थशास्त्र का ज्ञाता प्रधानमंत्री हो। उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री पी वी नरसिंह राव को याद करते हुये कहा कि उनके पास मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाला वित्त मंत्रालय था जिसने 1991 के सुधारों को आगे बढ़ाया। स्वामी ने एतिहासिक आर्थिक सुधारों के लिये नरसिंह राव की भूमिका को रेखांकित करते हुये कहा कि मनमोहन सिंह वित्त मंत्री रहते जितना कुछ कर पाये प्रधानमंत्री रहते हुये आर्थिक सुधारों के मोर्चे पर वह ज्यादा कुछ नहीं कर पाये।

स्वामी ने कहा, ‘‘1991 के सुधारों के लिये राव को 95 प्रतिशत श्रेय मिलना चाहिये और कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री को आगामी गणतंत्र दिवस पर भारत रत्न से सम्मानित किया जाना चाहिये।’’ पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम के बारे में स्वामी ने कहा कि वह चिदंबरम को व्यक्तिगत रूप से बहुत कम जानते हैं। चिदंबरम के बारे में उन्हें केवल इतना पता है कि एक छात्र जो कि हार्वर्ड बिजनेस स्कूल में एक कक्षा में फेल हो गया था। सुब्रमण्यम स्वामी ने आयकर समाप्त करने की अपनी मांग को भी दोहराया और कहा कि इससे घरेलू बचत बढ़ेगी और वृद्धि तेज होगी। इससे कर आकलन से जुड़ा भ्रष्टाचार भी कम होगा।

Web Title: Subramanian Swamy advised PM Modi on economic slowdown, saying - Stop scaring the economists of your government!

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