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पश्चिम बंगाल में उच्चतर माध्यमिक परीक्षा के नतीजों के खिलाफ छात्रों का प्रदर्शन

By भाषा | Updated: July 26, 2021 19:59 IST

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कोलकाता, 26 जुलाई राज्य बोर्ड के उच्चतर माध्यमिक परीक्षा के नतीजों के 22 जुलाई को प्रकाशन के बाद दूसरी बार सोमवार को पश्चिम बंगाल के विभिन्न हिस्सों में असंतुष्ट छात्रों ने सड़कों पर प्रदर्शन किया। इन छात्रों की मांग है कि उन्हें उत्तीर्ण घोषित किया जाए और उनके अंक बढ़ाए जाएं क्योंकि कोविड-19 महामारी के कारण इस साल कोई परीक्षा नहीं हुई और मूल्यांकन पिछले नतीजों पर आधारित है।

शहर के नकताला स्थित आनंद आश्रम विद्यालय और श्यामबाजार एवी स्कूल के समक्ष कई छात्रों ने अपने अंक बढ़ाए जाने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया जबकि दक्षिण 24 परगना जिले के बासंती और विष्णुपुर तथा मुर्शिदाबाद के डोमकल में छात्रों ने खुद को उत्तीर्ण घोषित किए जाने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया।

खबरों के मुताबिक डोमकल उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में छात्रों के एक वर्ग ने जिस जगह से अंक पत्रों का वितरण किया जा रहा था, उस कार्यालय कक्ष में रखे फर्नीचर में तोड़फोड़ की और आरोप लगाया कि उन्हें अनुचित तरीके से अनुत्तीर्ण किया गया क्योंकि कोई परीक्षा नहीं कराई गई थी। मौके पर पहुंची पुलिस ने किसी तरह नाराज छात्रों को संभाला।

विष्णुपुर और नकताला में प्रदर्शनकारी छात्रों ने रास्ता जाम कर दिया जिससे यातायात बाधित हुआ। बाद में पुलिस के समझाने पर उन्होंने सड़क को खाली कर दिया। प्रत्यक्षदर्शियों ने कहा कि कुछ स्कूलों में छात्रों ने अभिभावकों के साथ प्रधानाध्यापक का घेराव किया। नकताला के एक विद्यालय के प्रधानाध्यापक ने कहा, “हमने पश्चिम बंगाल उच्चतर माध्यमिक शिक्षा परिषद को आज की घटना के बारे में रिपोर्ट भेज दी है।”

विद्यालय शिक्षा ‍विभाग के सूत्रों ने कहा कि जिन जिलों में प्रदर्शन हुए हैं वहां के जिला विद्यालय निरीक्षकों से कहा गया है कि वे संबंधित संस्थानों का दौरा कर यथाशीघ्र इस बारे में रिपोर्ट भेजें कि छात्रों की शिकायत की क्या वजह है।

श्यामबाजार एवी स्कूल 166 साल पुराना है और यहां की एक छात्रा ने संवाददाताओं को बताया, “जब कोई परीक्षा ही नहीं हुई तो ऐसा कैसे हुआ कि प्रायोगिक परीक्षा में हममें से किसी को 29 अंक मिले तो किसी को सिर्फ नौ अंक। हम परिषद से तत्काल कार्रवाई की मांग करते हैं।”

छात्रों ने कहा कि वे परिषद की मूल्यांकन प्रक्रिया से हैरान हैं। उनमें से कई ने कहा, “जब कोविड-19 की स्थिति की वजह से कोई परीक्षा हुई ही नहीं तब यह भेदभाव क्यों किया जा रहा है? या तो हम सबको उत्तीर्ण घोषित करें या फिर अनुत्तीर्ण।”

उच्चतर माध्यमिक परीक्षा के कुल 8,19,202 प्रतिभागियों में से 97.69 प्रतिशत को इस साल उत्तीर्ण घोषित किया गया है। करीब 20,000 छात्रों को अनुत्तीर्ण घोषित किया गया है।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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