प्रदूषण का कहरः राजधानी दिल्ली बनी गैस चैम्बर, यूपी में आपात बैठक, हरियाणा-पंजाब में पराली का जलना बरकरार
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: November 2, 2019 11:12 AM2019-11-02T11:12:57+5:302019-11-02T11:12:57+5:30
राजधानी दिल्ली पर प्रदूषण का कहर लगातार पांच दिनों से जारी है। दिल्ली खतरनाक गैस चैंबर में तब्दील हो गई जहां लोगों का दम घुट रहा है। दिल्ली के प्रदूषण में पंजाब और हरियाणा में पराली जलाने से निकले धुएं की हिस्सेदारी 46 प्रतिशत तक पहुंच गयी।
राजधानी दिल्ली पर प्रदूषण का कहर लगातार पांच दिनों से जारी है। दिल्ली खतरनाक गैस चैंबर में तब्दील हो गई जहां लोगों का दम घुट रहा है। दिल्ली के प्रदूषण में शुक्रवार को पंजाब और हरियाणा में पराली जलाने से निकले धुएं की हिस्सेदारी 46 प्रतिशत तक पहुंच गयी। यह इस साल का सर्वाधिक स्तर है जब राष्ट्रीय राजधानी में वायु गुणवत्ता का स्तर और गिर गया है।
प्रदूषण का स्तर अत्यधिक गंभीर श्रेणी में पहुंच गया है, ऐसे में उच्चतम न्यायालय के निर्देश पर काम कर रहे पर्यावरण प्रदूषण (रोकथाम और नियंत्रण) प्राधिकरण ने शुक्रवार को दिल्ली-राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल घोषित कर दिया है। इसी के साथ ही निर्माण गतिविधियों पर पांच नवंबर तक रोक लगा दी है।
शनिवार (2 नवंबर) का एयर क्वालिटी इंडेक्स इस प्रकार हैः-
दिल्ली का औसत- 480
लोधी रोड- 477
मथुरा रोड- 517
चांदनी चौक- 480
IIT दिल्ली- 518
नोएडा- 578
गुरूग्राम-585
हरियाणा के कैथल जिले के कृषि डिप्टी डायरेक्टर ने एएनआई को बताया कि अबतक पराली जलाने वाले 133 किसानों का चालान किया गया है। इस साल पराली जलाने की घटनाओं में 60 प्रतिशत की गिरावट आई है। जो किसान फाइन नहीं भरेंगे उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाएगा।
Agriculture Deputy Director, Kaithal district: 133 farmers have been issued challans for stubble burning. This year there have been 60% less cases of stubble burning in Kaithal. FIR to be registered against those farmers who do not pay fine. https://t.co/zrNEFXWqtOpic.twitter.com/m2lyRhlDuQ
— ANI (@ANI) November 2, 2019
हरियाणा-पंजाब में पराली का जलना जारी
पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय की वायु गुणवत्ता निगरानी इकाई ‘सफर’ के अनुसार हरियाणा और पंजाब (उत्तर पश्चिम भारत) में पराली जलाने के मामले बढ़ रहे हैं और यह इस साल के सर्वाधिक स्तर (3178) पर है। एजेंसी ने कहा कि निचले स्तर पर हवा की गति, धूल उड़ना और कम आर्द्रता जैसे कुछ अन्य कारण भी हैं जिनके कारण प्रदूषण के लिहाज से हालात प्रतिकूल हैं। पंजाब और हरियाणा के मुख्य सचिवों को पत्र लिखकर पर्यावरण प्रदूषण (रोकथाम और नियंत्रण) प्राधिकरण (ईपीसीए) ने कार्यान्वयन एजेंसियों को पड़ोसी राज्यों पंजाब तथा हरियाणा में पराली जलाने पर रोक लगाने के लिए तत्काल सख्त कार्रवाई करने को कहा है।
उत्तर प्रदेश में आपात बैठक
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे राज्य में वायु प्रदूषण से निपटने के लिए आवश्यक कदम उठाएं। योगी ने यहां लोक भवन में राज्य में वायु प्रदूषण की स्थिति एवं इसके निवारण हेतु किए जा रहे उपायों की समीक्षा की। एक सरकारी बयान के अनुसार योगी आदित्यनाथ ने वायु प्रदूषण की खराब स्थिति वाले मण्डलों के मण्डलायुक्तों तथा जनपदों के जिलाधिकारियों को एक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सम्बोधित करते हुए अपने-अपने क्षेत्रों में वायु प्रदूषण बढ़ाने वाले कारकों जैसे पराली जलाना, कूड़ा जलाना, निर्माण कार्यों से होने वाले वायु प्रदूषण, विद्युत आपूर्ति के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले जनरेटरों के प्रयोग से होने वाले प्रदूषण पर अंकुश लगाने इत्यादि के सम्बन्ध में आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।
समाचार एजेंसी पीटीआई भाषा और एएनआई से इनपुट्स लेकर