तापी (गुजरात), पांच जुलाई गुजरात के तापी जिले के दोसवाड़ा में जस्ता गलाने के एक प्लांट के निर्माण का विरोध कर रहे कम से कम दो दर्जन जनजातीय गांवों के लोगों की भीड़ ने सोमवार को पुलिस कर्मियों पर पथराव किया जिसके बाद पुलिस ने भीड़ को नियंत्रित करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
एक अधिकारी ने बताया कि वेदांत समूह की कंपनी हिंदुस्तान जिंक द्वारा दोसवाड़ा जीआईडीसी में एक प्लांट की स्थापना की जा रही है जिसके लिए गुजरात प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से एक जन सुनवाई का आयोजन किया गया था जहां प्रदर्शनकारी एकत्रित हो गए थे।
सोनगढ़ पुलिस थाने के उप निरीक्षक राजेश वसावा ने कहा, “जन सुनवाई का विरोध कर रहे लोग आक्रोशित हो गए जिसके बाद हमें आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े। दो पुलिसकर्मियों को मामूली चोट आई और पुलिस का एक वाहन क्षतिग्रस्त हो गया।”
तापी की पुलिस अधीक्षक सुजाता मजूमदार ने कहा, “जब भीड़ तितर बितर हो रही थी तब किसी ने पुलिस कर्मियों पर पत्थर फेंकना शुरू कर दिया जिसके बाद हमने आंसू गैस के गोले छोड़े। स्थिति अब नियंत्रण में है।” विरोध प्रदर्शन में आए एक जनजातीय नेता ने कहा कि कम से कम दो दर्जन गांवों के लोग प्लांट की स्थापना के विरोध में एकत्र हुए थे और उनकी मांग थी कि गुजरात प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को कुछ समय के लिए सुनवाई टाल देनी चाहिए।
राज्य सरकार ने पिछले साल अक्टूबर में वेदांत समूह की हिंदुस्तान जिंक इकाई के साथ “विश्व की सबसे बड़ी जस्ता गलाने की फैक्टरी” स्थापित करने के लिए अनुंबन्ध पर हस्ताक्षर किये थे। यह प्लांट दोसवाड़ा में 415 एकड़ की जमीन पर 10 हजार करोड़ रुपये की लागत से स्थापित किया जाना है और इसकी क्षमता तीन सौ किलोग्राम प्रति वर्ष होगी।
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