70 हजार करोड़ की लागत से होगा अत्याधुनिक स्टील्थ युद्धपोतों का निर्माण, जल्द मिलने वाली है केंद्र से मंजूरी
By शिवेन्द्र कुमार राय | Updated: July 19, 2024 17:53 IST2024-07-19T17:51:09+5:302024-07-19T17:53:45+5:30
इन अत्याधुनिक युद्धपोतों पर ब्रह्मोस क्रूज मिसाइलें, पनडुब्बी रोधी हथियार, स्वदेशी अग्नि नियंत्रण प्रणाली और इलेक्ट्रॉनिक युद्ध प्रणाली तैनात होगी। शिपमेकर्स मझगांव डॉकयार्ड्स लिमिटेड (एमडीएल) और गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स (जीआरएसई) बड़े पैमाने पर ऑर्डर हासिल करने में सबसे आगे हैं।

अत्याधुनिक स्टील्थ युद्धपोतों का निर्माण किया जाएगा
नई दिल्ली: मोदी सरकार नौसेना को मजबूत करने के लिए एक बड़ा कदम उठाने वाली है। भारतीय नौसेना के लिए नए युद्धपोत बनाने के लिए सरकार 70,000 करोड़ के अनुबंध को मंजूरी देने के लिए तैयार है। इस राशि से अत्याधुनिक स्टील्थ युद्धपोतों का निर्माण किया जाएगा। रिपोर्ट्स के मुताबिक, ये युद्धपोत भारत में बनने वाले सबसे उन्नत जहाज होंगे।
इन अत्याधुनिक युद्धपोतों पर ब्रह्मोस क्रूज मिसाइलें, पनडुब्बी रोधी हथियार, स्वदेशी अग्नि नियंत्रण प्रणाली और इलेक्ट्रॉनिक युद्ध प्रणाली तैनात होगी। शिपमेकर्स मझगांव डॉकयार्ड्स लिमिटेड (एमडीएल) और गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स (जीआरएसई) बड़े पैमाने पर ऑर्डर हासिल करने में सबसे आगे हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि डिलीवरी में तेजी लाने के लिए दोनों सरकारी स्वामित्व वाली कंपनियों के बीच ऑर्डर को विभाजित किया जा सकता है।
अनुबंध को प्रोजेक्ट 17बी के रूप में वर्गीकृत किया गया है। ये जहाज नीलगिरि क्लास के होंगे। नीलगिरि क्लास के युद्धपोत फिलहाल इन दो शिपयार्डों द्वारा बनाए जा रहे हैं। नीलगिरि श्रेणी के युद्धपोतों का ऑर्डर पहले दोनों शिपयार्डों के बीच विभाजित किया गया था। एमडीएल चार युद्धपोतों का निर्माण कर रहा है जबकि जीआरएसई को तीन का काम सौंपा गया है। परियोजना के पहले पांच जहाज 2019 और 2022 के बीच एमडीएल और जीआरएसई द्वारा लॉन्च किए गए हैं।
युद्धपोतों के नवीनतम ऑर्डर से कई उप-आपूर्तिकर्ताओं और विक्रेताओं को बड़ा लाभ मिलने की उम्मीद है, जिन्हें काम का एक बड़ा हिस्सा मिलेगा। भारत के सबसे उन्नत शिपयार्डों में से एक एमडीएल को फिर से अपनी काबिलियत दिखाने को तैयार है। मुंबई स्थित यार्ड वर्तमान में कलवरी श्रेणी की पनडुब्बियों, प्रोजेक्ट 17ए श्रेणी के युद्धपोतों का निर्माण कर रहा है।
एमडीएल ने हाल ही में परियोजना 15बी श्रेणी के विध्वंसक का निर्माण पूरा किया है।
एमडीएल को चालू वित्तीय वर्ष के भीतर तीन और कलवरी श्रेणी की पनडुब्बियों के लिए ऑर्डर मिल सकता है। इस परियोजना की अनुमानित लागत लगभग 35,000 करोड़ रुपये है। ये नई पनडुब्बियां यार्ड द्वारा पहले से निर्मित छह कलवरी श्रेणी की पनडुब्बियों से बड़ी और अधिक उन्नत होंगी। इस बीच, जीआरएसई वर्तमान में अगली पीढ़ी के गश्ती जहाजों और पनडुब्बी रोधी युद्धक कार्वेट का निर्माण कर रहा है। कोलकाता स्थित यार्ड ने भी हाल ही में निर्यात ऑर्डर हासिल किए हैं।