'फ्री कश्मीर' लिखा पोस्टर दिखाने वाली महिला का बयान दर्ज, कहा- 'कोई गलत मंशा नहीं थी'

By भाषा | Published: January 9, 2020 12:51 AM2020-01-09T00:51:24+5:302020-01-09T00:51:24+5:30

महक मिर्जा प्रभु (34) का असली नाम तेजल प्रभु है। उसने प्रख्यात उर्दू तथा फारसी शायर मिर्जा गालिब से प्रेरित होकर अपने नाम के आगे 'मिर्जा' लगा लिया है। अधिकारी ने कहा कि उसे उर्दू की भी अच्छी जानकारी है।

statement of the woman showing poster written 'Free Kashmir' was recorded, saying 'There was no wrong intention' | 'फ्री कश्मीर' लिखा पोस्टर दिखाने वाली महिला का बयान दर्ज, कहा- 'कोई गलत मंशा नहीं थी'

'फ्री कश्मीर' लिखा पोस्टर दिखाने वाली महिला का बयान दर्ज, कहा- 'कोई गलत मंशा नहीं थी'

Highlightsमहाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने बुधवार को कहा कि प्रथम दृष्टया ऐसा नहीं लगता कि महिला की कोई ''राष्ट्र-विरोधी'' मंशा थी। कोलाबा पुलिस ने मंगलवार को महक के खिलाफ आईपीसी की धारा 153 बी के तहत मामला दर्ज किया।

मुंबई पुलिस ने जेएनयू हिंसा के विरोध में गेटवे ऑफ इंडिया पर सोमवार को आयोजित प्रदर्शन के दौरान ‘‘कश्मीर की आजादी’’ संबंधी पोस्टर लहराने वाली महिला का बुधवार को बयान दर्ज किया। महिला ने पुलिस को बताया कि ऐसा करने से पीछे उसकी कोई गलत मंशा नहीं थी और वह विवादित बैनर जमीन पर पड़ा हुआ था, जिसे उसने उठा लिया। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।

अधिकारियों ने कहा, पुलिस ने बुधवार को महक मिर्जा प्रभु नामक महिला का बयान दर्ज किया, जिसने जेएनयू हिंसा के विरोध में सोमवार को प्रदर्शन के दौरान 'फ्री कश्मीर' का पोस्टर थाम रखा था। महिला ने हालांकि बाद में माफी मांग ली थी। कोलाबा पुलिस ने मंगलवार को महक के खिलाफ आईपीसी की धारा 153 बी के तहत मामला दर्ज किया।

इस बीच, महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने बुधवार को कहा कि प्रथम दृष्टया ऐसा नहीं लगता कि महिला की कोई ''राष्ट्र-विरोधी'' मंशा थी। उन्होंने कहा, ‘‘प्रथम दृष्टया ऐसा नहीं लगता कि महिला की कोई राष्ट्र-विरोधी मंशा थी। लिहाजा मैं प्राथमिकी की समीक्षा करूंगा। मैंने पुलिस से भी जांच रिपोर्ट मांगी है।" इससे पहले अधिकारी ने बताया कि महक कवि और पटकथा लेखक है। उसे कोलाबा पुलिस स्टेशन बुलाया गया जहां एक महिला पुलिस अधिकारी ने उसका बयान दर्ज किया। उस समय संग्रामसिंह निशंदर, पुलिस उपायुक्त (जोन I) मौजूद थे।

उन्होंने कहा कि अपने वकील के साथ आई महक को बयान दर्ज कराने के बाद शाम को जाने दिया गया। बयान दर्ज करने की कार्यवाही का आंशिक रूप से वीडियो रिकॉर्ड किया गया है। अधिकारी ने कहा, विरोध के दौरान इस्तेमाल किए गए प्लेकार्ड, बैनर और पोस्टर को भी पुलिस स्टेशन में लाया गया था। हालांकि महक ने मीडिया से कोई बात नहीं की।

महक मिर्जा प्रभु (34) का असली नाम तेजल प्रभु है। उसने प्रख्यात उर्दू तथा फारसी शायर मिर्जा गालिब से प्रेरित होकर अपने नाम के आगे 'मिर्जा' लगा लिया है। अधिकारी ने कहा कि उसे उर्दू की भी अच्छी जानकारी है। अधिकारी ने कहा कि पूछताछ के दौरान महक ने पुलिस को बताया कि जमीन पर पड़े ''फ्री कश्मीर'' के पोस्टर उठाकर दिखाने के पीछे उसकी कोई गलत मंशा नहीं थी।

अधिकारी ने कहा कि महक ने पुलिस को अगस्त की शुरुआत से कश्मीर में संचार पर लगी पाबंदियों के बारे में बताया और कहा कि पूर्ववर्ती राज्य जम्मू-कश्मीर के लोग अपने विचार प्रकट नहीं कर पा रहे हैं। अधिकारी के अनुसार महक ने पुलिस से कहा, ''कश्मीरियों के साथ भी हमारी तरह ही व्यवहार किया जाना चाहिये। उन्हें भी वही मूल अधिकार मिलने चाहिए जो हमें मिल रहे हैं। उन्हें अपने विचार प्रकट करने की स्वतंत्रता भी होनी चाहिए। इन बातों को ध्यान में रखते हुए, उसने पोस्टर उठाया था।'' 

Web Title: statement of the woman showing poster written 'Free Kashmir' was recorded, saying 'There was no wrong intention'

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