श्रीलंका के प्रधानमंत्री विक्रमसिंघे के भारत दौरे से पहले बड़ा फैसला, चीन को छोड़ भारत के साथ किया ये सौदा
By लोकमत न्यूज़ ब्यूरो | Published: October 19, 2018 09:35 AM2018-10-19T09:35:35+5:302018-10-19T09:44:46+5:30
श्रीलंका ने चीनी कंपनी के साथ 30 करोड़ डॉलर (करीब 22 अरब रुपये) की हाउजिंग डील का फैसला बदल दिया है। अब अब सौदे पर भारतीय कंपनी के साझा उपक्रम से पूरा किया जाएगा।
कोलंबो/नई दिल्ली, 19 अक्टूबरः श्रीलंका के प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे गुरुवार को तीन दिवसीय दौरे पर भारत पहुंचे। उनकी इस यात्रा का मकसद दोनों देशों के बीच कारोबार, निवेश, नौवहन सुरक्षा सहित अन्य क्षेत्रों में संबंधों को गहरा करना है। वो शनिवार को भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करेंगे लेकिन उससे पहले वहां की सरकार ने अपनी तरफ से एक खास तोहफा दिया है।
श्रीलंका ने चीनी कंपनी के साथ 30 करोड़ डॉलर (करीब 22 अरब रुपये) की हाउजिंग डील का फैसला बदल दिया है। अब अब सौदे पर भारतीय कंपनी के साझा उपक्रम से पूरा किया जाएगा। चीन की सरकारी कंपनी चाइना रेलवे पेइचिंग इंजिनियरिंग ग्रुप को लिमिटेड ने अप्रैल में श्रीलंका के जाफना में 40000 घरों को बनाने का 30 करोड़ डॉलर का ठेका हासिल किया था। लेकिन बाद में सरकार ने यह फैसला बदल दिया और अब इसे भारतीय कंपनी एनडी एंटरप्राइजेज दो श्रीलंकाई कंपनियों के साथ मिलकर बनाएगी।
श्रीलंकाई पीएम शनिवार को मोदी के साथ करेंगे वार्ता
विक्रमसिंघे और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को विभिन्न क्षेत्रों पर विस्तार से वार्ता करेंगे। उनका यह दौरा ऐसे समय में हो रहा है जब मीडिया में एक विवादित खबर आई थी कि श्रीलंका के राष्ट्रपति ने आरोप लगाया है कि भारत की खुफिया एजेंसी रॉ उनकी हत्या का षडयंत्र रच रही है। इस दावे को कोलंबो ने ‘गलत’ बताते हुए खारिज कर दिया था।
मीडिया ब्रीफिंग में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा, “ आप भारत और श्रीलंका के बीच दोस्ताना संबंध के बारे में जानते हैं। विकास सहयोग बातचीत के मुख्य एजेंडों में से एक होगा।' उन्होंने कहा, “ श्रीलंका में सभी तरह के राजनीति विचारधाराओं को मानने वाले लोगों का संबंध भारत से गहरा है। हमारे बीच मजबूत मित्रता है।'
इन प्रमुख मुद्दों पर बातचीत की उम्मीद
दोनों पक्ष विक्रमसिंघे के दौरे के समय भारत के सहयोग से जाफना में बन रही आवासीय परियोजना की स्थिति पर भी चर्चा कर सकते हैं। वहीं इस दौरान तमिल मुद्दों पर भी चर्चा हो सकती है। खासतौर पर तमिल वर्चस्व वाले क्षेत्र में सत्ता के विकेंद्रीकरण पर चर्चा होने की संभावना है।
सूत्रों ने बताया कि दोनों ही पक्ष श्रीलंका के घाटे में चल रहे मट्टाला राजपक्षे अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का प्रभार भारत के हाथ में लेने की रूपरेखा पर भी चर्चा कर सकते हैं। विमानों की कमी की वजह से इस हवाई अड्डे को ‘दुनिया का सबसे खाली हवाई अड्डा' कहा जाता है।
ऐसी संभावना है कि भारत इस देश के साथ संयुक्त रूप से इस हवाईअड्डे को चलाए। सूत्रों के मुताबिक दोनों देश समुद्री सुरक्षा सहयोग की दिशाओं पर भी चर्चा करेंगे। श्रीलंका के प्रधानमंत्री की यात्रा के दौरान भारत के गृह मंत्री राजनाथ सिंह और विदेश मंत्री सुषमा स्वराज भी उनके साथ मुलाकात करेंगे।
समाचार एजेंसी पीटीआई-भाषा से इनपुट्स लेकर