Special status demand: बिहार एनडीए में सियासी घमासान, भाजपा और जदयू के बाद अब हम ने बोला हमला, कहा-केंद्र सरकार से खैरात नहीं, अधिकार मांग रहे हैं...
By एस पी सिन्हा | Published: February 8, 2022 06:59 PM2022-02-08T18:59:52+5:302022-02-08T19:00:55+5:30
Special status demand: भाजपा सांसद छेदी पासवान ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर हमला बोलते हुए कहा था कि नीतीश कुमार मुख्यमंत्री बनने के लिए दाउद इब्राहिम से भी हाथ मिला सकते हैं.
पटनाः बिहार को विशेष दर्जे की मांग पर राज्य में सत्तारूढ़ एनडीए के अंदर चल रही खींचतान और सियासी घमासान तेज हो गया है. भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष डा. संजय जायसवाल के बयान के बाद सहयोगी दल हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) ने जमकर विरोध जताया है.
उन्होंने एक ट्वीट कर सियासी गर्मी और बढ़ा दी है. मांझी ने अपने ट्वीट में लिखा है कि ''राज्य के विकास के नाम पर तो अलगाववादियों के साथ भी 50-50 की सरकारें बनीं. वैसे मेरा मानना है कि बिहार के विकास, दलित, पिछडे, अल्पसंख्यक, गरीब गुरबों के मान सम्मान के लिए अगर हमें किसी से भी हाथ मिलाना हो तो हमें तैयार रहना चाहिए, चाहे वह कोई हो…कोई भी…''
उन्होंने कहा कि जो भी नेता बिहार को विशेष दर्जे देने का विरोध कर रहा है, उसे सबसे पहले बिहार छोड देना चाहिए. मांझी ने कहा कि बिहार को विशेष दर्जे देने का विरोध वही नेता करेगा, जिसमें बिहारी डीएनए नहीं है. यह प्रस्ताव सदन से भी पारित है. बिहार के हक से खिलवाड़ करने वाले नेता को जनता बर्दाश्त नहीं करेगी. ऐसे में जीतन राम मांझी के इस ट्वीट के कई मायने निकाले जा रहे हैं.
इसे हाल के ही उस प्रकरण से भी जोड़कर देखा जा रहा है, जिसमें भाजपा सांसद छेदी पासवान ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर हमला बोलते हुए कहा था कि नीतीश कुमार मुख्यमंत्री बनने के लिए दाउद इब्राहिम से भी हाथ मिला सकते हैं. उधर, जदयू ने कहा है कि वह प्रधानमंत्री मोदी की केंद्र सरकार से खैरात नहीं, अधिकार मांग रहा है.
जदयू के मुख्य प्रवक्ता एवं पूर्व मंत्री नीरज कुमार ने कहा कि केंद्र से राज्यों को एक फार्मूला के तहत धन दिया जाता है. डा. जायसवाल बताएं कि केंद्रीय फार्मूले में क्या बदलाव किया गया? जिससे बिहार को अन्य राज्यों से अधिक धन मिलने लगा है. उन्होंने बिहार के साथ हो रही नाइंसाफी के लिए उप मुख्यमंत्री एवं वित्त मंत्री तारकिशोर प्रसाद के पत्र का सहारा लिया.
यह पत्र केंद्रीय वित्त मंत्री को संबोधित है. पत्र में कहा गया है कि वित्तीय वर्ष 2018-19 के बाद राज्य को लगातार कम राशि मिली. इसके चलते वित्तीय वर्ष 2019-20 में घाटे का बजट पेश करना पड़ा. उन्होंने कहा कि विशेष पैकेज कुछ और नहीं, पहले से राज्य को दिए जा रहे धन को एक जगह जोड़ कर पैकेज का नाम दे दिया गया.
पत्र में कहा गया है कि केंद्र से पर्याप्त राशि नहीं मिलने का प्रतिकूल असर पड़ रहा है. इधर, कांग्रेस विधायक दल के नेता अजीत शर्मा ने कहा कि विशेष राज्य के दर्जे की मांग जायज है. उन्होंने कहा कि शाहनवाज हुसैन उद्योग लगाना चाह रहे हैं तो कौन उन्हें पैसा नहीं दे रहा है? वित्त विभाग तो भाजपा के पास ही है. वो क्यों नहीं दे रहे पैसा?
मुख्यमंत्री पर कैसे इतना बड़ा आरोप लगा रहे हैं और नीतीश कुमार कैसे यह आरोप बर्दाश्त कर रहे हैं. वो तो दबाव में काम नहीं करते. उनको वापस हमारे साथ आ जाना चाहिए. हम लोग हमेशा विशेष राज्य के दर्जे पर उनके साथ हैं. यहां बता दें कि हाल के दिनों में एनडीए के अंदर उथल-पुथल मचा हुआ है.
विधान परिषद चुनाव के सीट शेयरिंग का मामला हो या फिर जातिगत जनगणना, एनडीए के अंदर घटक दलें आमने-सामने रही है. सम्राट अशोक के विवाद पर भी भाजपा और जदयू में तल्खी देखने को मिली है. वहीं बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग एकबार फिर सियासी गलियारे का विषय बन चुका है.
राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान लोकसभा में जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने एक बार फिर बिहार के लिए विशेष राज्य के दर्जा की मांग रखी. इसपर भाजपा ने आंकड़ों के साथ विशेष राज्य के दर्जे की मांग का विरोध किया है.