अखिलेश संग मिलकर मायावती ने तय कर लीं यूपी की सीटें, जन्मदिन पर होगा ऐलान, राहुल के महागठबंधन को तगड़ा झटका?

By जनार्दन पाण्डेय | Updated: December 19, 2018 16:13 IST2018-12-19T12:57:49+5:302018-12-19T16:13:44+5:30

मध्यप्रदेश में कांग्रेस को बहुमत के लिए सीटों की जरूरत पड़ी तो मायावती ने यह कहते हुए कांग्रेस को सम‌र्थन दिया कि कांग्रेस की विचारधारा से उनकी विचारधारा मेल नहीं खाती।

SP-BSP decisied seat distribution for loksabha election 2019, congress not included | अखिलेश संग मिलकर मायावती ने तय कर लीं यूपी की सीटें, जन्मदिन पर होगा ऐलान, राहुल के महागठबंधन को तगड़ा झटका?

फाइल फोटो

अखिलेश यादव और मायावती की जोड़ी एक के बाद एक महागठबंधन को तगड़ा झटका दे रही हैं। बुधवार को टीवी चैनलों ने दावा किया है कि आगामी लोकसभा चुनावों को लेकर उत्तर प्रदेश की सीटों का फॉर्मूला समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी ने मिलकर खुद ही तय कर लिया है।

दोनों ने इसमें महागठबंधन के साथ‌ियों की राय लेनी जरूरी नहीं समझी। बल्कि अपने हिसाब से फार्मूला तय कर अपना फैसला सुना दिया है। अब बाकी दलों को वह मंजूर है तो ठीक अन्यथा वे अपना रास्ता खुद देखें। उल्लेखनीय है कि अखिलेश और मायावती दोनों ही कांग्रेस की तीन राज्यों की प्रचंड जीत के बाद तीनों ही राज्यों के मुख्यमंत्रियों के शपथ ग्रहण समारोह को नजरअंदाज किया था।

तीनों ही शपथ ग्रहण में ना जाना एक तरह का रणनीतिक कदम था। इसके पीछे की पृष्ठभूमि यह है कि अखिलेश यादव ने उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2017 के वक्त कांग्रेस के साथ गठबंधन किया था। उन्होंने राहुल गांधी के साथ मिलकर कई रोड शो भी किए थे।

इसी के चलते उन्हें अपने‌ पिता का आंशिक विरोध भी झेलना पड़ा था। जबकि इसके परिणाम अखिलेश यादव को बहुत ही बुरी हार के तौर पर झेलना पड़ा था। इसके बाद फूलपुर और गोरखपुर लोकसभा उपचुनावों के वक्त मायावती ने उन्हें समर्थन दिया। इसके परिणाम अच्छे रहे।

इसके बाद पांच राज्यों के चुनाव के वक्त मायावती और अखिलेश यादव दोनों ने ही कांग्रेस को घमंडी और लेटलतीफी का आरोप लगाते हुए महागठबंधन करने से मना कर दिया था।

इसके बाद भी जब मध्यप्रदेश में कांग्रेस को बहुमत के लिए सीटों की जरूरत पड़ी तो मायावती ने यह कहते हुए कांग्रेस को सम‌र्थन दिया कि कांग्रेस की विचारधारा से उनकी विचारधारा मेल नहीं खाती। बल्कि एक दूसरे से इतर विश्वास रखती है। लेकिन विरोधाभासी स्थिति में भी वे केवल इसलिए सपोर्ट करा रही हैं क्योंकि बीजेपी की सरकार ना बने।

अब जब लोकसभा चुनाव की बारी आई, तो मायावती और अखिलेश ने खुद ही सीटों का आपस में बंटवारा कर लिया है। इसमें उन्होंने कांग्रेस से सलाह मशविरा करना जरूरी नहीं समझा है।

यूपी में सपा-बसपा का फार्मूला

यूपी में 80 लोकसभा सीटों को लेकर जो फॉर्मूला तय हुआ है, इसमें मायावती की पार्टी बसपा 38, अखिलेश की सपा 37 और चौधरी अजित सिंह की पार्टी रालोद 3 सीटों पर चुनाव लड़ सकते हैं।

यह गणित पहुंचती है 78 सीटों तक है। बची दो सीटें हैं अमेठी और रायबरेली। इन दो लोकसभा सीटों के लिए अभी दोनों पार्टियों ने उम्मीदवार नहीं चुने हैं। ये दोनों सीटें सर्वविदित हैं, क्रमशः कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की हैं।

अब इन दो सीटों उम्मीदवार उतारने की ना सोचना ही महागठबंधन या अथवा कुछ यह अभी तय कर पाना मुश्किल है। लेकिन फिलहाल मायावती और अखिलेश की जोड़ी को लेकर जताई जा रही ये उम्‍मीदें राहुल गांधी के महागठबंधन को लेकर देखा जा सपना एक तगड़ा झटका साबित हो सकता है।

सपा नेता व अखिलेश के करीबी चाचा रामगोपाल ने खारिज की दलीलें

रामगोपाल यादव ने सपा-बसपा महागठबंधन की बात खारिज की है। उन्होंने कहा कि यह अटकलें मात्र हैं। इनमें सच्चाई नहीं ढूंढी जानी चाहिए।

मायावती के जन्मदिन पर हो सकता है ऐलान

टीवी रिपोर्ट्स का दावा है कि दोनों पार्टियों ने जो फॉर्मूला तय हुआ है, उसका ऐलान मायावती के जन्मदिन हो सकता है। मायावती का जन्मदिन 15 जनवरी को होता है।

English summary :
Akhilesh Yadav and Mayawati duo are giving a big blow to one of the major alliances "Mahagathbandhan". On Wednesday, TV channels have claimed that the formula of Uttar Pradesh seats for the upcoming Lok Sabha elections 2019 has been decided by Samajwadi Party and Bahujan Samaj Party themselves.


Web Title: SP-BSP decisied seat distribution for loksabha election 2019, congress not included