लाइव न्यूज़ :

जम्मू-कश्मीरः दक्षिण अफ्रीकी कपल की 'जन्नत' में शादी की सालगिरह मनाने की थी तमन्ना, निराश होकर लौटा

By भाषा | Updated: August 9, 2019 17:07 IST

जम्मू-कश्मीरः नील स्टॉर्म और उनकी पत्नी मेरिल ताजमहल के दीदार के अगले दिन अपनी शादी की सालगिरह मनाने दो अगस्त को कश्मीर आए थे और उनकी योजना पूरा सप्ताह यहीं बिताने की थी।

Open in App
ठळक मुद्देकश्मीर घाटी में शादी की 38वीं सालगिरह मनाने की योजना बना रहे दक्षिण अफ्रीका के दंपति को घाटी के सुरक्षा हालात के चलते निराशा हाथ लगी है।सेवानिवृत्त सैन्यकर्मी स्टॉर्म ने दिल्ली रवाना होने से कुछ मिनट पहले बताया, "हम यहां से निराश होकर लौट रहे हैं। हमारी पहाड़ों पर ट्रेकिंग की योजना थी, लेकिन यह योजना अंजाम तक नहीं पहुंच पाई क्योंकि सुरक्षा बलों ने सब कुछ बंद कर दिया है।"

कश्मीर घाटी में शादी की 38वीं सालगिरह मनाने की योजना बना रहे दक्षिण अफ्रीका के दंपति को घाटी के सुरक्षा हालात के चलते निराशा हाथ लगी है, लेकिन उन्हें उम्मीद है कि हालात में सुधार के बाद वे फिर यहां का रुख करेंगे। नील स्टॉर्म और उनकी पत्नी मेरिल ताजमहल के दीदार के अगले दिन अपनी शादी की सालगिरह मनाने दो अगस्त को कश्मीर आए थे और उनकी योजना पूरा सप्ताह यहीं बिताने की थी।

सेवानिवृत्त सैन्यकर्मी स्टॉर्म ने दिल्ली रवाना होने से कुछ मिनट पहले बताया, "हम यहां से निराश होकर लौट रहे हैं। हमारी पहाड़ों पर ट्रेकिंग की योजना थी, लेकिन यह योजना अंजाम तक नहीं पहुंच पाई क्योंकि सुरक्षा बलों ने सब कुछ बंद कर दिया है।"

हालांकि उन्होंने कहा कि हालात में सुधार होते ही वे घाटी लौटेंगे। स्टॉर्म ने कहा, "हम फिर किसी समय यहां आना चाहेंगे क्योंकि हमारे मेजबान बहुत भले और अच्छे लोग हैं। हमें यह जगह पसंद है और हम बेहतर हालात की जानकारी हासिल करने के लिये मेजबानों से संपर्क रखेंगे ताकि हम बिना किसी रोक टोक या बहुत ज्यादा पैसा खर्च किये अपनी यात्रा की योजना बना सकें।"

उन्होंने कहा, "यहां की झीलें और हाउस बोट बेहद सुंदर हैं। हमने बीते 20 सालों में कई देशों की यात्रा की लेकिन ऐसी चीज जिंदगी में कभी नहीं देखी। हाउसबोट तो वाकई लाजवाब थीं।" स्टॉर्म ने कहा कि वह पाबंदियों के कारण शहर की झीलों और मुगल गार्डन को छोड़कर कोई और पर्यटन स्थल नहीं देख पाये।

उन्होंने कहा, "मैंने भी अपने देश की सेना में सेवाएं दी हैं और मैं जानता हूं कि सुरक्षा बल क्या कर रहे हैं। वे सिर्फ सरकार के आदेशों का पालन कर रहे हैं। मेरा अनुभव कहता है कि लोगों पर अंकुश लगाना अच्छा विचार नहीं है।"

टॅग्स :धारा ३७०जम्मू कश्मीर
Open in App

संबंधित खबरें

भारतजीवन रक्षक प्रणाली पर ‘इंडिया’ गठबंधन?, उमर अब्दुल्ला बोले-‘आईसीयू’ में जाने का खतरा, भाजपा की 24 घंटे चलने वाली चुनावी मशीन से मुकाबला करने में फेल

क्रिकेटवैभव सूर्यवंशी की टीम बिहार को हैदराबाद ने 7 विकेट से हराया, कप्तान सुयश प्रभुदेसाई ने खेली 28 गेंदों में 51 रन की पारी, जम्मू-कश्मीर को 7 विकेट से करारी शिकस्त

भारतDrung Waterfall: महीनों बाद खुला द्रुग वाटरफाल, टंगमर्ग राइडर्स की रोजी-रोटी में मदद मिली

भारतJammu-Kashmir Power Shortage: सर्दी बढ़ने के साथ कश्मीर में गहराया बिजली सकंट, करीब 500 मेगावाट बिजली की कमी से परेशान लोग

भारतJammu-Kashmir: कश्मीर के मोर्चे से खुशखबरी, आतंकी हिंसा में गिरावट पर आतंक और दहशत में नहीं

भारत अधिक खबरें

भारतकथावाचक इंद्रेश उपाध्याय और शिप्रा जयपुर में बने जीवनसाथी, देखें वीडियो

भारत2024 में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव, 2025 तक नेता प्रतिपक्ष नियुक्त नहीं?, उद्धव ठाकरे ने कहा-प्रचंड बहुमत होने के बावजूद क्यों डर रही है सरकार?

भारतजमीनी कार्यकर्ताओं को सम्मानित, सीएम नीतीश कुमार ने सदस्यता अभियान की शुरुआत की

भारतसिरसा जिलाः गांवों और शहरों में पर्याप्त एवं सुरक्षित पेयजल, जानिए खासियत

भारतउत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोगः 15 विषय और 7466 पद, दिसंबर 2025 और जनवरी 2026 में सहायक अध्यापक परीक्षा, देखिए डेटशीट