नई दिल्ली:कोरोना वायरस लॉकडाउन के बाद देश भर के मजदूरों की स्थिति बेहद दयनीय हो गई थी। देश के अलग-अलग राज्यों में मजदूरी के लिए गए लोगों के पास न तो रोजगार था और न ही घर लौटने का कोई साधन। ऐसे समय में लाखों लोग दिल्ली व मुंबई जैसे शहरों से पैदल ही अपने घरों की तरफ निकलने लगे।
प्रवासी मजदूरों के इस दर्द को देख मुंबई में अभिनेता सोनू सूद से रहा नहीं गया और वह मदद के लिए आगे आ गए। इसके बाद सोनू सूद हजारों प्रवासी मजदूरों के लिए भगवान बनकर सामने आए और उनके घर जाने का व्यवस्था करने लगे।
अब खबर मिल रही है कि बॉलीवुड अभिनेता सोनू सूद के काम की वजह से कोलकाता में कुछ दुर्गा पंडालों की थीम बन गए हैं। कोलकाता की पूजा पंडाल में अभिनेता सोनू सूद को शामिल किया गया है। सोशल मीडिया पर वायरल एक खबर को साझा करते हुए सोनू सूद ने कहा कि मेरा अब तक का यह सबसे बड़ा पुरस्कार है। इसके अलावा, एक अन्य ट्वीट में उन्होंने कहा कि जिंदगी का मूल धन बटोरना नहीं बांटना है।
बता दें कि केस्टोपुर प्रफुल्ल कानन पचीम अदीबश ब्रिंडो पूजा में सोनू सूद की मूर्ति लगाई गई है। 18 साल से आयोजित हो रही इस पूजा पंडाल में कोरोना संकट के दौरान की पांच घटनाओं को दिखाया गया है। एक दृश्य में अभिनेता सोनू सूद का एक मिट्टी का मॉडल लगाया गया है जो प्रवासी मजदूरों के एक समूह को बस में लाने में मदद करते दिख रहे हैं।
पिछले दिनों सोनू सूद को उनके नेक काम के लिए अंतरराष्ट्रीय अवार्ड से नवाजा गया है। अभिनेता ने कोरोना संकट के दौरान फंसे प्रवासियों की निस्वार्थ भाव से मदद की है। लोगों के लिए भोजन, बसों, ट्रेनों और विदेश में फंसे छात्रों को चार्टर्ड उड़ानों की व्यवस्था करके वापस लाने, बच्चों को मुफ्त इलाज, शिक्षा मुहैया करवाने वाले और नौकरी के अवसर प्रदान करने के लिए उन्हें सम्मानित किया है।
सोनू सूद को संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी) की ओर ‘एडीजी स्पेशल ह्यूमैनिटेरियन एक्शन अवार्ड’ से सम्मानित किया गया। उन्हें ये अवार्ड 29 सितंबर को वर्चुअल सेरेमनी के दौरान दिया गया।
सोशल मीडिया पर सक्रिय रहने वाले सोनू सूद ने पिछले दिनों प्रवासी रोजगार मुहिम शुरू की थी। सोनू ने संकट के समय में बसों की व्यवस्था करने से लेकर केरल की महिलाओं को एयरलिफ्ट करने और टोल फ्री नंबर देकर लोगों को उनके घरों तक पहुंचाया है।