सोनिया गांधी ने कहा- रायबरेली की कोच फैक्ट्री निजी हाथों में देने से हजारों कामगारों की रोजी रोटी पर आ जाएगा संकट
By शीलेष शर्मा | Published: July 2, 2019 04:36 PM2019-07-02T16:36:47+5:302019-07-02T16:36:47+5:30
लोकसभा में शून्यकाल के दौरान अपने संसदीय क्षेत्र रायबरेली की मॉडर्न कोच फैक्टरी का मामला उठाते हुए सोनिया ने सरकार को सचेत किया कि कंपनीकरण वह रास्ता है जो निजी क्षेत्रों के स्वामित्व के लिए दरवाजा खोलता है.
कांग्रेस संसदीय दल की नेता सोनिया गांधी ने आज मोदी सरकार की नीयत पर सवाल उठाते हुए आरोप लगाया कि वह सार्वजनिक क्षेत्र की इकाईयों को कोड़ियों के दाम में निजी हाथों को सौंपने का ताना-बाना बुन रही है.
लोकसभा में शून्यकाल के दौरान अपने संसदीय क्षेत्र रायबरेली की मॉडर्न कोच फैक्टरी का मामला उठाते हुए सोनिया ने सरकार को सचेत किया कि कंपनीकरण वह रास्ता है जो निजी क्षेत्रों के स्वामित्व के लिए दरवाजा खोलता है. उन्हें जो सूचना मिली है उसके अनुसार सरकार ने रायबरेली की रेल कोच फैक्टरी को परीक्षण के लिए चुना है जिसका वह कंपनीकरण कर निजी क्षेत्रों को सौंपने की दिशा में बढ़ रही है.
सोनिया ने इसे घातक कदम बताते हुए चिंता जताई कि इससे हजारों कामगारों और किसानों के सामने रोजी रोटी का संक़ट खड़ा हो जाएगा. यह उनके भविष्य के खतरे का संकेत है. सोनिया ने सरकार को सचेत किया कि वह इस कदम को ना उठाये और रायबरेली की मॉडर्न कोच फैक्टरी को निजी हाथों में जाने से रोके.
सोनिया ने हिन्दुस्तान एरोनेटिक लिमिटेड, बीएसएनएल, एमटीएनएल के हालातों का भी जिक्र किया और कहा कि इन सार्वजनिक क्षेत्र की इकाईयों की क्या स्थिति है, किसी से छिपी नहीं है. उनका सीधा आरोप था कि निजीकरण से करोड़ों की सम्पत्ति कोड़ियों के भाव निजी हाथों में चली जाएगी और लाखों लोग बेरोजगार हो जाएगे. सोनिया ने रेल बजट को आम बजट के साथ जोड़े जाने की भी कड़ी आलोचना की.
गौरतलब है कि 17वीं लोकसभा में सोनिया का यह पहला भाषण था जो उन्हें कल देना था लेकिन किन्हीं कारणवश वे कल इस मुद्दे को नहीं उठा पार्इं और आज जब बोलने के लिए खड़ी हुई तो कांग्रेस सांसदों ने मेजे थपथपाकर पुरजोर स्वागत किया.