कुछ लोग पारदर्शिता स्वीकार नहीं कर सकते: इलेक्टोरल बॉन्ड पर प्रधानमंत्री का विपक्ष पर प्रहार

By भाषा | Published: November 27, 2019 05:07 AM2019-11-27T05:07:37+5:302019-11-27T05:07:37+5:30

PM Modi on electoral bonds: पीएम मोदी ने चुनावी बॉन्ड का विरोध कर रहे विपक्षी दलों पर निशाना साधते हुए कहा कि देश में पारदर्शिता लाने के लिये यदि कोई चीज होती है तो कुछ लोगों को समस्या होती है

Some people cannot accept transparency: PM Modi dig at Opposition on electoral bonds | कुछ लोग पारदर्शिता स्वीकार नहीं कर सकते: इलेक्टोरल बॉन्ड पर प्रधानमंत्री का विपक्ष पर प्रहार

पीएम मोदी ने चुनावी बॉन्ड की आलोचना के लिए विपक्ष पर साधा निशाना

Highlightsकुछ लोगों को पारदर्शिता के लिये अपनाई जाने वाली किसी भी चीज से समस्या है: पीएम मोदीपीएम ने चुनावी बॉन्ड पर सवाल उठाने के लिए विपक्ष पर साधा निशाना

नई दिल्ली, 26 नवंबर: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विपक्ष पर परोक्ष प्रहार करते हुए मंगलवार को कहा कि कुछ लोगों को पारदर्शिता के लिये अपनाई जाने वाली किसी भी चीज से समस्या है और इन दिनों चुनावी बॉन्ड ‘‘उन लोगों का पसंदीदा विषय’’ हो गया है। चुनावी बॉन्ड जारी किये जाने पर राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप शुरू होने के बाद से इस विषय पर प्रधानमंत्री मोदी की यह पहली टिप्पणी है।

दरअसल, एक न्यूज पोर्टल की खबर में कहा गया था कि भारतीय रिजर्व बैंक और चुनाव आयोग को इस बॉन्ड पर आपत्ति है लेकिन इस सरकार ने उसे नजरअंदाज कर दिया। मोदी ने कहा, ‘‘इन दिनों चुनावी बॉन्ड उन लोगों का पसंदीदा विषय बन गया है। देश में पारदर्शिता लाने के लिये यदि कोई चीज होती है तो कुछ लोगों को समस्या होती है।’’

प्रधानमंत्री मोदी ने संभवत: कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि अयोध्या विवाद काफी पहले सुलझाया जा सकता था लेकिन वोट बैंक के कारण पहले सत्ता में रहे दलों ने इस भावात्मक और संवेदनशील विषय को सुलझाने में इच्छाशक्ति ही नहीं दिखाई। मोदी ने रिपब्लिक टीवी के कार्यक्रम में कहा, ‘‘देश के सामने एक और विषय था जो सैकड़ों वर्षों से चल रहा था। दशकों से अलग-अलग अदालतों में इस पर चर्चा चल रही थी। ये विषय था अयोध्या का ।’’

उन्होंने कहा, ‘‘पहले जो दल सत्ता में थे, उन्होंने इस भावनात्मक और संवेदनशील विषय को सुलझाने में इच्छाशक्ति ही नहीं दिखाई। वे इसमें अपना वोट बैंक देख रहे थे।’’ मोदी ने कहा कि ‘तीन तलाक’ के मुद्दे को भी ऐसे ही भय के कारण लम्बे समय तक खींचा गया। गरीब लोगों को भी आर्थिक आधार पर आरक्षण के लाभ से वंचित रखा गया। ऐसा वोट के भय के कारण किया गया । उन्होंने कहा कि अनुच्छेद 370 को संविधान में अस्थाई कहा गया, लेकिन कुछ परिवारों की वजह से इसे स्थायी मान लिया गया था। ऐसा कर उन्होंने संविधान की भावना का अपमान किया । प्रधानमंत्री ने कहा कि अनुच्छेद 370 और 35ए की वजह से भारत ने जो भोगा है, वो भी आप जानते हैं और कैसे इस चुनौती का समाधान किया गया है, ये भी आपने देखा है।

उन्होंने कहा, ‘‘ नई सफलताओं के द्वार तभी खुलते हैं, जब जीवन में चुनौतियों को स्वीकार किया जाता है। हमारी सरकार ने न सिर्फ चुनौतियों को स्वीकार किया, बल्कि उनके समाधान को लेकर गंभीरता से प्रयास भी किए हैं ।’’ एनपीए का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा, ‘‘ मुझे याद है जब 2014 में सरकार बनने के बाद, पिछली सरकार के दौरान गैर निष्पादित आस्तियों :एनपीए: और उसे छिपाने के लिए हुई गड़बड़ियों की बात सामने आयी थी। हमने उस घोटाले को देश के सामने लाकर इससे निपटने का रास्ता बनाया।’’

उन्होंने कहा कि ‘आधार’ ने इनकी सच्चाई सामने लाने में बहुत मदद की। इससे करीब 1.5 लाख करोड़ रुपये गलत हाथों में जाने से बच गए। हर साल लगभग इतनी ही राशि गलत हाथों में पहुंच रही थी और कोई रोकने वाला नहीं था। प्रधानमंत्री ने कहा कि व्यवस्था में इस बड़ी लीकेज को रोकने का काम हमने किया, क्योंकि हमारे लिए राष्ट्र प्रथम था।

मोदी ने कहा, ‘‘ इन लोगों की चली होती तो देश में जीएसटी भी कभी लागू नहीं हो पाता। हमने राजनीतिक लाभ-हानि की चिंता किए बिना इसे लागू किया। आज सामान्य नागरिक से जुड़ी 99 प्रतिशत चीजों पर पहले के मुकाबले औसतन आधा टैक्स लग रहा है । ’’ उन्होंने कहा कि अब 50 लाख से अधिक दिल्लीवालों को अपने घर और बेहतर जीवन का भरोसा मिला है। 

Web Title: Some people cannot accept transparency: PM Modi dig at Opposition on electoral bonds

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