मुंबई: महाराष्ट्र के नासिक के त्र्यंबकेश्वर मंदिर का एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। वीडियो को लेकर यह दावा किया जा रहा है कि कथित तौर पर एक दूसरे धर्म से ताल्लुक रखने वाले कुछ लोग नासिक के त्र्यंबकेश्वर मंदिर में घुसना चाह रहे थे और वहां पर 'चादर' चढ़ाना चाह रहे थे। ऐसे में मंदिर के गेट पर मौजूद सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें अंदर जाने से रोका है।
ऐसे में घटना के सामने आने के बाद उपमुख्यमंत्री और गृह मंत्री देवेंद्र फड़नवीस ने मंगलवार को इसके जांच के आदेश दे दिए है। यही नहीं देवेंद्र फड़नवीस द्वारा इस मामले में एक एसआईटी का गठन करते हुए इस पर सख्त कार्रवाई करने की बात कही गई है।
क्या दिखा वीडियो में
वायरल हो रहे इस वीडियो में यह देखने को मिला है कि कथित तौर पर एक समुदाय के कुछ लोग नासिक के त्र्यंबकेश्वर मंदिर की ओर बढ़ रहे हैं। वीडियो में यह भी देखा गया है कि कथित तौर पर दो शख्स अपने सर पर मजारों पर चढ़ाने वाले 'चादर' रखे हुए है और वे मंदिर के गेट के तरफ जा रहे है। यह वीडियो पीछे से शूट किया गया है कि जिसमें उन लोगों को मंदिर में जाते हुए देखा गया है और उनके साथ कुछ बच्चे भी शामिल थे जो इस भीड़ के साथ शामिल थे।
क्लिप के अगले हिस्से में यह देखा गया है कि वो लोग उन 'चादर' को लेकर मंदिर के गेट के जरिए अंदर घुस जाते है और इस दौरान मंदिर को गार्ड कर रहे सुरक्षाकर्मियों से उनकी बातचीत होती है। वायरल रहे क्लिप में गार्ड द्वारा उनसे बात करते और गेट पर ही उन्हें रोकते हुए भी देखा गया है। हालांकि इसके बाद क्या हुआ इसका पता नहीं चल सका है क्योंकि वीडियो यही खत्म हो गया है।
देवेंद्र फड़नवीस ने दिए जांच के आदेश
ऐसे में घटना के सामने आने के बाद उपमुख्यमंत्री और गृह मंत्री देवेंद्र फड़नवीस ने इसके जांच के आदेश दे दिए है। इस बारे में फड़नवीस के कार्यालय द्वारा ट्वीट करते हुए यह लिखा गया है कि "उपमुख्यमंत्री और गृह मंत्री देवेंद्र फडणवीस ने त्र्यंबकेश्वर मंदिर के मुख्य प्रवेश द्वार पर एक निश्चित भीड़ के जमा होने की कथित घटना पर प्राथमिकी दर्ज करके सख्त कार्रवाई करने का आदेश दिया है।"
यही नहीं ट्वीट में आगे लिखा गया है कि "उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने भी घटना की जांच के लिए अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक रैंक के अधिकारियों की अध्यक्षता में एक एसआईटी के गठन का आदेश दिया है। एसआईटी न केवल इस साल की घटना की जांच करेगी, बल्कि पिछले साल की घटना की भी जांच करेगी, जब एक भीड़ मुख्य प्रवेश द्वार के माध्यम से त्र्यंबकेश्वर मंदिर परिसर में प्रवेश कर गई थी।"