कुछ देशों ने ‘निराधार भय’ बढ़ाने के लिए क्वाड को सैन्य गठबंधन के तौर पर प्रस्तुत किया : सेना प्रमुख

By भाषा | Updated: May 30, 2021 17:41 IST2021-05-30T17:41:11+5:302021-05-30T17:41:11+5:30

Some countries projected Quad as military alliance to raise 'unfounded fear': Army Chief | कुछ देशों ने ‘निराधार भय’ बढ़ाने के लिए क्वाड को सैन्य गठबंधन के तौर पर प्रस्तुत किया : सेना प्रमुख

कुछ देशों ने ‘निराधार भय’ बढ़ाने के लिए क्वाड को सैन्य गठबंधन के तौर पर प्रस्तुत किया : सेना प्रमुख

(मानस प्रतिम भुइयां)

नयी दिल्ली, 30 मई थलसेना प्रमुख जनरल एम एम नरवणे ने कहा कि कुछ देशों ने क्वाड या चार देशों के गठबंधन को सैन्य गठबंधन के तौर पर प्रस्तुत किया है ताकि ‘‘निराधार भय” को बढ़ावा दिया जा सके, लेकिन अपने दावों को साबित करने के लिए उनके पास कोई ठोस सबूत नहीं हैं।

क्वाड की मंशा सैन्य गठबंधन बनने की नहीं है, इस बात पर जोर देते हुए जनरल नरवणे ने कहा कि यह बहुपक्षीय समूह है जो केवल हिंद-प्रशांत क्षेत्र के मुद्दों तक सीमित है।

क्वाड समूह में भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया शामिल हैं जो हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन की बढ़ती आक्रामकता को लेकर विश्व भर में उभरी चिंता के मद्देनजर मुक्त, स्वतंत्र एवं समावेशी क्षेत्र तथा साझा लोकतांत्रिक विचारधाराओं को बढ़ावा देने पर ध्यान केंद्रित करता है।

सेना प्रमुख ने ‘पीटीआई-भाषा’ को दिए एक साक्षात्कार में बताया, “क्वाड की मंशा या प्रयास सैन्य गठबंधन बनाने की नहीं है। यह बहुपक्षीय समूह है जो हिंद-प्रशांत क्षेत्र से जुड़े मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करता है।”

उन्होंने कहा, “कुछ देशों ने क्वाड को सैन्य गठबंधन दर्शाने की कोशिश की है ताकि निराधार भय को बढ़ावा दिया जा सके जबकि उनके पास यह साबित करने के लिए ठोस साक्ष्य नहीं हैं।”

चीन क्वाड की अत्यधिक आलोचना करता है और दावा करता है कि समूह का मकसद हिंद-प्रशांत में उसे रोकना है।

रूस भी क्वाड की आलोचना करता रहा है और उसने कहा है कि यह क्षेत्र में शांति एवं स्थिरता के लिए समावेशी संवाद के लिए नुकसानदेह है।

रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने पिछले महीने एशिया में उभरते गठबंधनों के संदर्भ में ‘एशियन नाटो’ शब्द का इस्तेमाल किया था जिसे क्वाड के अप्रत्यक्ष उल्लेख के रूप में देखा गया।

जनरल नरवणे ने मार्च में हुए पहले क्वाड शिखर सम्मेलन का भी संदर्भ दिया जिसने मौजूदा चुनातियों से निपटने के लिए सहयोग मजबूत करने की प्रतिबद्धता जताई थी जो सैन्य एवं रक्षा सहयोग तक सीमित नहीं होंगे बल्कि क्षेत्र की सभी सुरक्षा चुनौतियां इसमें शामिल होंगी।

उन्होंने कहा, “क्वाड मुक्त एवं स्वतंत्र हिंद-प्रशांत में यकीन रखता है और कई मुद्दे इसके संचालन का आधार हैं जैसे कोविड-19 का स्वास्थ्य एवं आर्थिक प्रभाव, जलवायु परिवर्तन, साइबर क्षेत्र, ढांचागत विकास, आतंकवाद से निपटना और मानवीय सहायता एवं आपदा राहत।’’

जनरल नरवणे ने अपनी हालिया टिप्पणियों पर भी विस्तार से बताया जिनमें उन्होंने कहा था कि क्वाड नाटो जैसा गठबंधन नहीं होगा।

उन्होंने कहा, “नाटो की सैन्य गठबंधन के तौर पर उत्पत्ति द्वितीय विश्व युद्ध की समाप्ति और सोवियत संघ के विघटन के बीच के दौर में टकराव वाली द्विध्रुवीय वैश्विक व्यवस्था में निहित है।” साथ ही कहा कि क्वाड का लक्ष्य सैन्य गठबंधन बनना नहीं है।

भारत का हमेशा से रुख रहा है कि क्वाड का गठन किसी भी देश के खिलाफ नहीं किया गया है।

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