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आतंकी मुठभेड़ के दौरान शहीद हुए जवान अमजिद अली, पुलिस ने शहादत को किया सलाम

By सुरेश एस डुग्गर | Updated: December 16, 2025 16:45 IST

पुलिस ने बताया कि इसी दिन वर्ष 1995 में डोडा जिले में तैनात इंस्पेक्टर अब्दुल हमीद गनई आतंकवाद के खिलाफ अभियान के दौरान शहीद हुए थे।

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ठळक मुद्देवर्ष 2002 में जम्मू के हेड कांस्टेबल सोम राज ने भी ड्यूटी के दौरान अपने प्राणों की आहुति दी थी।शहीदों की वीरता और बलिदान आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बने रहेंगे।

जम्मूः उधमपुर में एक पुलिसकर्मी की शहादत के बाद सुरक्षा बलों ने आतंकवादियों के ठिकानों पर बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान शुरू किया है। सेना, सीआरपीएफ और पुलिस की संयुक्त टीम स्निफर डाग्स के साथ इलाके की घेराबंदी कर रही है। जम्मू कश्मीर के उधमपुर में मंगलवार को सुरक्षा बलों आतंकवादियों के ठिकानों पर तलाशी शुरू की है। सोमवार को इलाके में हुई मुठभेड़ के बाद एक पुलिसकर्मी शहीद हो गया था। इसके अलावा, दो पुलिसकर्मियों को मामूली गोली के घाव लगे थे। जानकारी के मुताबिक, मुठभेड़ के दौरान एक आतंकवादी घायल हो गया था।

सेना, सीआरपीएफ और पुलिस के विशेष अभियान समूह (एसओजी) की एक संयुक्त टीम स्निफर डाग्स के साथ तलाशी में जुटी है। उधमपुर के मजालटा क्षेत्र के सोन गांव में सुरक्षा बलों का आतंकवादियों के साथ गोलीबारी में सामना हुआ। यह गांव में छापा पुलिस को तीन आतंकवादियों की मौजूदगी की गुप्त सूचना पर पड़ा था, जिनके पाकिस्तान स्थित जैश-ए-मोहम्मद संगठन से जुड़े होने का संदेह है।

जम्मू कश्मीर पुलिस ने अपने आधिकारिक सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर जानकारी साझा करते हुए बताया कि जिला उधमपुर के सोन जंगल क्षेत्र में पाकिस्तानी आतंकियों से मुकाबले के दौरान कांस्टेबल अमजिद अली खान ने सर्वाेच्च बलिदान दिया। जम्मू कश्मीर पुलिस के अनुसार, आतंकियों के खिलाफ चलाए जा रहे आपरेशन के दौरान कांस्टेबल अमजिद अली खान ने अदम्य साहस और कर्तव्यनिष्ठा का परिचय देते हुए अपनी जान न्योछावर कर दी। पुलिस महानिदेशक नलिन प्रभात, पुलिस के सभी अधिकारियों और जवानों ने शहीद को नमन करते हुए उनकी वीरता को सलाम किया है।

पुलिस ने अपने संदेश में कहा कि हीरोज नेवर डाई यानी वीर कभी नहीं मरते। जम्मू कश्मीर पुलिस परिवार ने शहीद अमजिद अली खान के परिवार के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की है और कहा है कि इस दुख की घड़ी में पूरा पुलिस बल उनके साथ खड़ा है। पुलिस ने बताया कि देश की सुरक्षा के लिए दिया गया यह बलिदान कभी भुलाया नहीं जाएगा।

साथ ही जम्मू कश्मीर पुलिस ने इस मौके पर उन अन्य वीर जवानों को भी याद किया, जिन्होंने अलग-अलग वर्षों में अपने कर्तव्य का पालन करते हुए शहादत दी। पुलिस ने बताया कि इसी दिन वर्ष 1995 में डोडा जिले में तैनात इंस्पेक्टर अब्दुल हमीद गनई आतंकवाद के खिलाफ अभियान के दौरान शहीद हुए थे।

इसके अलावा वर्ष 2002 में जम्मू के हेड कांस्टेबल सोम राज ने भी ड्यूटी के दौरान अपने प्राणों की आहुति दी थी। पुलिस ने कहा कि जम्मू कश्मीर पुलिस परिवार इन सभी शहीदों की कुर्बानी को याद करता है और उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करता ह।. संदेश में यह भी कहा गया कि शहीदों की वीरता और बलिदान आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बने रहेंगे।

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