कोटा, नौ सितंबर सोशल मीडिया पर तीन दोस्तों की एक पोस्ट ने मानसिक रूप से अवस्थव एक व्यक्ति को अपने परिजनों से मिलवा दिया। पिछले साल कोविड-19 के प्रसार को रोकने के लिए लागू लॉकडाउन के दौरान 60 वर्षीय व्यक्ति परिवार से बिछड़ गए थे।
अजमेर शहर के क्रिश्चियन गंज पुलिस थाने के लोहागल के निवासी मनहोर सिंह पिछले साल मई में लापता हो गए थे और परिवार के सदस्य उनकी तलाश में जुटे थे। गुमशुदगी की रिपोर्ट भी जून 2020 में दर्ज कराई गई थी।
तीन दोस्तों कुणाल पारीक, विवेक सिंह और चर्मेश शर्मा ने व्यक्ति को बूंदी शहर के सर्किट हाउस के समीप सोमवार शाम में बुरी स्थिति में पाया। वे व्यक्ति को नगर परिषद द्वारा संचालित आश्रय स्थल ले गए, जहां उन्हें भोजन और कपड़े दिए गए।
चर्मेश शर्मा ने बताया कि बुधवार को व्यक्ति ने बीड़ी मांगी और अपना नाम मनहोर सिंह बताया। मनहोर सिंह को बेसहारा लोगों के कोटा के आश्रय गृह ‘अपना घर’ भेजा जाने वाला था क्योंकि वह खुद से शौचालय का इस्तेमाल भी नहीं कर पा रहे थे।
करीब चार बजे चर्मेश शर्मा ने व्यक्ति की तस्वीर खींची और तीन दोस्तों ने व्यक्ति के नाम के साथ संदेश को व्हाट्सएप समूहों में भेजा, और यह संबंधित परिवार तक पहुंचने में कामयाब रहा।
जैसे ही हनुमान सिंह को पता चला कि उनका भाई मनहोर सिंह जीवित है और बूंदी में है तो वह अपने अन्य रिश्तेदारों के साथ बुधवार शाम उन्हें लाने के लिए रवाना हो गए। होम गार्ड्स के सेवानिवृत्त उप कमांडेंट सिंह ने बताया कि मनहोर बचपन से ही मानसिक रूप से अस्वस्थ हैं और परिवार के सभी सदस्य उनसे बहुत प्यार करते थे। कोविड-19 महामारी के दौरान भाई के बिछड़ने और उसके मर जाने की आशंका से उनका मन दुखी रहता था। उन्होंने कहा कि वह अपने बिछड़े भाई से मिलकर बेहद खुश हैं।
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