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नौकरी दिलाने के नाम पर लोगों को ठगने वाले छह लोग गिरफ्तार

By भाषा | Updated: June 23, 2021 18:37 IST

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नयी दिल्ली, 23 जून नौकरी दिलाने के बहाने लोगों से ठगी के मामले में छह लोगों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने बुधवार को यह जानकारी दी।

पुलिस ने बताया कि आरोपियों सतीश कुमार सिंह (32), नवीन कुमार (23), अजित कुमार (20), सुधीर (24) और रवि सिंह (20) को उत्तर-पश्चिमी दिल्ली के आदर्श नगर इलाके से गिरफ्तार किया गया है।पुलिस के अनुसार ये सभी जहांगीरपुरी के निवासी हैं।

पुलिस ने कहा कि उसे परवेश कुमार नामक व्यक्ति की ओर से शिकायत मिली थी कि एक ऑनलाइन विज्ञापन के माध्यम से स्टोर सुपरवाइजर की नौकरी के लिये आवेदन करने के बाद उसके साथ धोखाधड़ी हुई। उसके पास एक अज्ञात व्यक्ति का फोन आया, जिसने खुद को स्टोर का प्रबंधक बताया।

पुलिस के अनुसार फोन करने वाले ने परवेश से कहा कि इस पद के लिये उसके नाम का चयन किया गया है और वह वाट्सऐप पर दस्तावेज भेज दे। इनके सत्यापन के बाद टेलीफोन पर उसका साक्षात्कार लिया जाएगा।

पुलिस ने कहा कि बाद में, शिकायतकर्ता को दस्तावेज सत्यापन के लिए 650 रुपये और वर्दी के लिए 3,100 रुपये का भुगतान करने को कहा गया। पुलिस के मुताबिक उसने यूपीआई के जरिए रकम का भुगतान कर दिया।

पुलिस ने कहा कि कथित जालसाजों ने उसे बताया कि उसके चयन की पुष्टि हो गई है और उससे आधिकारिक कार्य के लिए कंपनी की ओर से दिये जाने वाले लैपटॉप के लिए सुरक्षा जमा राशि के रूप में 5,000 रुपये मांगे गए। उन्होंने कहा कि परवेश ने वह राशि भी चुका दी।

पुलिस ने बताया कि जब उन्होंने बीमा के रूप में 11,000 रुपये और मांगे, तो शिकायतकर्ता को शक हुआ कि वह धोखाधड़ी का शिकार हो गया है और उसने पुलिस को सूचित किया।

अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त (उत्तर-पश्चिम) गुरिकबल सिंह सिद्धू ने कहा, ''जांच के दौरान, आदर्श नगर के पंचवटी में एक फर्जी कॉल सेंटर पाया गया और छह आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। सतीश, श्रीवास्तव और नवीन ने क्रमशः 40, 30 और 30 प्रतिशत के अनुपात में लाभ साझा किया। उन्होंने कॉल करने वालों रवि, सुधीर और अजीत को प्रदर्शन के आधार पर कमीशन दिया।''

पुलिस ने कहा कि सतीश नौकरी के लिए आवेदन करने वालों से लिए गए दस्तावेजों से बैंक खाता खोलता था और फिर पैसे ट्रांसफर करने के लिए कहता था।

सिद्धू ने कहा वे विभिन्न कंपनियों में नौकरी की रिक्तियों का ऑनलाइन विज्ञापन देकर नौकरी के इच्छुक लोगों का डाटा हासिल कर लेते थे। इसके बाद वे विभिन्न कंपनियों के मानव संसाधन प्रतिनिधि बनकर दस्तावेज मांगते थे। वे कई बार पैसे मांगकर फर्जी नियुक्ति पत्र भेज दिया करते थे।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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