कश्मीरी विस्थापितों की शिकायतों के निवारण को सिन्हा ने पोर्टल शुरू किया

By भाषा | Updated: September 7, 2021 20:09 IST2021-09-07T20:09:10+5:302021-09-07T20:09:10+5:30

Sinha launches portal for redressal of grievances of Kashmiri migrants | कश्मीरी विस्थापितों की शिकायतों के निवारण को सिन्हा ने पोर्टल शुरू किया

कश्मीरी विस्थापितों की शिकायतों के निवारण को सिन्हा ने पोर्टल शुरू किया

(प्रवासी की जगह विस्थापित करते हुए)

श्रीनगर, सात सितंबर जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने मंगलवार को कश्मीरी विस्थापितों की अचल संपत्तियों से संबंधित शिकायतों के समयबद्ध निवारण के लिए एक ऑनलाइन पोर्टल शुरू किया।

एक आधिकारिक प्रवक्ता ने बताया कि कश्मीरी विस्थापित अपनी शिकायत दर्ज कराने के लिए पोर्टल पर लॉग इन कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि पोर्टल पर दर्ज आवेदन का निस्तारण लोक सेवा गारंटी अधिनियम, 2011 के तहत राजस्व प्राधिकारियों द्वारा आवेदक को सूचित करते हुए एक निश्चित समय सीमा में किया जाएगा।

उन्होंने कहा, ‘‘सक्षम प्राधिकारी (उपायुक्त) विस्थापितों की संपत्तियों का सर्वेक्षण या क्षेत्र सत्यापन करेंगे और 15 दिनों की अवधि के भीतर सभी रजिस्टरों को अद्यतन करेंगे और संभागीय आयुक्त, कश्मीर को अनुपालन रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगे।’’

उपराज्यपाल ने इस अवसर पर कहा कि यह पहल हिंदुओं, सिखों और मुसलमानों सहित सभी विस्थापितों की दुर्दशा को समाप्त करेगी, जो 1990 के दशक से पीड़ित हैं। उन्होंने कहा, ‘‘मैंने पिछले 13 महीनों में विभिन्न धर्मों के कई प्रतिनिधिमंडलों से मुलाकात की और उन्होंने स्पष्ट रूप से विस्थापितों की वापसी का समर्थन किया।’’

सिन्हा ने कहा, ‘‘अतीत की गलतियों को सुधारना वर्तमान की जिम्मेदारी है। उज्ज्वल भविष्य की नींव रखने के साथ-साथ पुराने घावों को भरने का भी यही समय है। मैं सभी नागरिकों से अनुरोध करता हूं कि इस प्रयास में प्रशासन का समर्थन करें और भाईचारे की एक नई मिसाल कायम करें।’’

प्रवक्ता ने कहा कि उथल-पुथल के दौरान लगभग 60,000 परिवार घाटी से पलायन कर गए थे, जिनमें से लगभग 44,000 विस्थापित परिवार राहत संगठन, जम्मू कश्मीर के साथ पंजीकृत हैं, जबकि बाकी परिवारों ने अन्य राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में स्थानांतरित होने का विकल्प चुना।

उपराज्यपाल ने कहा कि असहाय विस्थापितों को अपनी अचल और चल संपत्ति को पीछे छोड़ना पड़ा। उन्होंने कहा, ‘‘हिंसा ने सभी को प्रभावित किया है। उन 44,000 विस्थापित परिवारों में से, 40,142 हिंदू परिवार हैं, 2,684 मुस्लिम परिवार और 1,730 सिख समुदाय के हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘पोर्टल के ‘ट्रायल रन’ अवधि के दौरान, हमें 854 शिकायतें मिली हैं। यह स्पष्ट रूप से दिखाता है कि बड़ी संख्या में विस्थापित परिवार न्याय की प्रतीक्षा कर रहे थे।’’

प्रवक्ता ने कहा कि यह उल्लेख करना उचित होगा कि 1989-1990 में जम्मू-कश्मीर में पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद की शुरुआत के साथ, बड़ी संख्या में लोगों को अपने पैतृक निवास स्थान से पलायन करना पड़ा था, विशेष रूप से कश्मीर संभाग में। उन्होंने कहा कि कश्मीरी हिंदुओं के साथ-साथ कई सिख और मुस्लिम परिवारों का सामूहिक पलायन हुआ। उन्होंने कहा कि मजबूर परिस्थितियों में, इन विस्थापितों की अचल संपत्तियों पर या तो अतिक्रमण कर लिया गया या उन्हें अपनी संपत्ति को औने-पौने दामों पर बेचने के लिए मजबूर किया गया।

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Web Title: Sinha launches portal for redressal of grievances of Kashmiri migrants

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