गृह राज्य मंत्री के बेटे के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर धरने पर बैठे सिद्धू

By भाषा | Updated: October 8, 2021 20:24 IST2021-10-08T20:24:00+5:302021-10-08T20:24:00+5:30

Sidhu sitting on dharna demanding action against the son of Minister of State for Home | गृह राज्य मंत्री के बेटे के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर धरने पर बैठे सिद्धू

गृह राज्य मंत्री के बेटे के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर धरने पर बैठे सिद्धू

लखीमपुर खीरी, आठ अक्टूबर कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू शुक्रवार को लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री के आरोपी पुत्र के खिलाफ पुलिस की कार्रवाई की मांग को लेकर निघासन में मौन धरने पर बैठ गये।

लखीमपुर खीरी हिंसा के पीड़ितों से मिलने आए सिद्धू ने घटना में मारे गये पत्रकार रमन कश्यप के परिजनों को सांत्वना दी और निघासन स्थित उनके घर के सामने शुक्रवार को शाम सवा छह बजे के करीब मौन धरने पर बैठ गये।

इससे पहले सिद्धू ने लखीमपुर खीरी हिंसा को लेकर केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा 'टेनी' पर निशाना साधते हुए कहा था, ‘‘एविडेंस (साक्ष्य) है, वीडियो है, एफआईआर में नाम है, आई विटनेस (चश्मदीद गवाह) कह रहा है कि मैंने देखा, एफआईआर में उसका पूरा उल्लेख है तो फिर गिरफ़्तारी इसलिए नहीं हो रही है कि मंत्री जी के बेटे हैं।’’

निघासन आए सिद्धू ने मंत्री के बेटे की गिरफ्तारी तक मौन धारण किया है। उन्होंने कहा मौन धारण करने से पहले कहा, '' जब तक मिश्रा के बेटे पर कार्रवाई नहीं हो जाती तब तक मैं यहां भूख हड़ताल पर बैठूंगा और इसके बाद मैं मौन हूं, कोई बात नहीं करूंगा।'' इस बीच प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंचकर कांग्रेस नेता को मनाने की कोशिश करते देखे गये।

इससे पहले लखीमपुर हिंसा में ही मारे गये 20 वर्षीय लवप्रीत सिंह के परिजनों को उनके चौकड़ा स्थित निवास पर शुक्रवार को सांत्वना देने के बाद पत्रकारों से बातचीत में सिद्धू ने कहा था, ‘‘बहुत हुआ, आज अगर आप किसान आंदोलन को देखेंगे तो विश्वास उठ गया है इस सिस्टम (व्यवस्था) पर से। किसान भाइयों का भी विश्वास उठ गया है। मैंने तब भी मांग की थी क्योंकि एफआईआर में नाम है और चश्मदीद गवाह है, मंत्री जी के बेटे को जांच का सामना करना चाहिए नहीं तो गिरफ्तार होना चाहिए। पुलिस अगर चाहे तो बाल की खाल निकाल सकती है।'

सिद्धू ने सवाल उठाया 'लेकिन क्यों नजरअंदाज हो रहा है, यह समझ में नहीं आ रहा है, नैतिक बल खोते जा रहे हैं, किरदार लुप्त होते जा रहे हैं, सवाल विश्वास का है।'

उन्होंने मानवीय संवेदना की चर्चा करते हुए कहा, ‘‘ मैं आ रहा था तो सड़क पर एक बछड़ा आ गया, दो बार ब्रेक लगी, हाय तौबा हो गई और वह बच गया, लेकिन गाड़ी से रौंदते हुए चले जाना यह कहां की इंसानियत है, यह कोई हैवान कर सकता है।’’

पंजाब के कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘ प्रियंका (गांधी वाद्रा)जी और राहुल (गांधी)जी से प्रेरित होकर मैं यहां आया हूं और जो देखा है, जो सुना है वह दिल दहलाने वाला है। एक जघन्य अपराध की गाथा है, पूरा हिंदुस्तान आज न्याय की गुहार लगा रहा है।'

लखीमपुर की घटना को उन्होंने भाजपा सरकार के माथे पर कलंक करार देते हुए कहा, ‘‘मेरा सियासी जीवन 17 साल का हो गया और मेरे लिए संविधान से बड़ा कुछ भी नहीं है। संविधान के जज्बे को, जम्हूरियत को, इंसाफ को कत्ल करने का एक प्रयास है। इंसाफ दोहरा मापदंड नहीं अपना सकता है।'

सरकार द्वारा मारे गये किसानों के परिजनों को आर्थिक सहयोग दिये जाने पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि 'मानवीय जीवन का कोई पैसों से मूल्य नहीं लगा सकता, इसकी भरपाई नहीं हो सकती है, मैं लवप्रीत जी के पिताजी से बात कर रहा था। यहां भी वही भावना दोहराई गई। उन्होंने (लवप्रीत के पिता) कहा कि मैं और मेरी बेटी इंसाफ चाहते हैं, नहीं चाहिए हमें पैसा।'

गौरतलब है कि पिछले रविवार (तीन अक्टूबर) को लखीमपुर खीरी जिले के तिकोनिया क्षेत्र में हुई हिंसा में चार किसानों समेत आठ लोगों की मौत हो गई थी। आरोप है कि इन किसानों को वाहन से टक्कर मारी गयी थी।

इस मामले में दर्ज एफआईआर में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के पुत्र आशीष का नाम भी है। आशीष को शुक्रवार को पुलिस के सामने पेश होने को कहा गया था लेकिन अभी तक वह पेश नहीं हुए हैं।

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Web Title: Sidhu sitting on dharna demanding action against the son of Minister of State for Home

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