सिद्धारमैया ने महिला आरक्षण विधेयक पर भाजपा को लताड़ा, बोले- "महिला आरक्षण विधेयक के नाम पर भाजपा ने महिलाओं के साथ किया धोखा"
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: September 24, 2023 05:00 PM2023-09-24T17:00:50+5:302023-09-24T17:03:47+5:30
कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने आरोप लगाया है कि भाजपा ने जानबूझकर महिला आरक्षण विधेयक को लागू करने में परिसीमन जैसी बाधाएं खड़ी की है।
बेंगलुरु:कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने आरोप लगाया है कि भाजपा ने जानबूझकर महिला आरक्षण विधेयक को लागू करने में परिसीमन जैसी बाधाएं खड़ी की है। उन्होंने कहा कि भाजपा परिसीमन का हौवा खड़ा करके महिला आरक्षण विधेयक में जिस तरह की बाधा पैदा कर रहा है, वो उसके पाखंड का प्रदर्शन कर रही है। उन्होंने कहा, "यह विधेयक महिलाओं के साथ किया गया भाजपा का धोखा है।"
सीएम सिद्धारमैया ने यह बात बीते शनिवार को गांधी भवन में डॉ. राम मनोहर लोहिया समता विद्यालय में कर्नाटक स्टेट फेडरेशन ऑफ बैकवर्ड कास्ट्स और कर्नाटक एक्सप्लॉइटेड कम्युनिटीज फेडरेशन द्वारा आयोजित "महिला आरक्षण" के एक सेमिनार को संबोधित करते हुए कहा कि निकट भविष्य में महिला आरक्षण विधेयक का कार्यान्वयन संदेह से भरा हुआ है।
उन्होंने कहा, "भाजपा ने महिला आरक्षण विधेयक को लागू करने के लिए परिसीमन और जनगणना की बाधा डालकर अपना पाखंड दिखाया है। इस वजह से महिला विधेयक दोनों सदनों से पास होकर भी लटका रहेगा।"
सीएम सिद्धारमैया ने कहा, "अगर भाजपा को महिलाओं को आरक्षण देने की चिंता होती तो वह इतनी बाधाएं नहीं खड़ी करती। जनगणना और परिसीमनकी बाधाओं को दूर करने में 15 साल लगेंगे। ऐसे में इस बिल को लागू करने की मियाद खत्म हो जाएगी।"
इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया, ''प्रधानमंत्री ने पहले अपने भाषण में कहा था कि भगवान ने उन्हें महिलाओं के लिए आरक्षण लागू करने के लिए भेजा है, लेकिन यह महिलाओं के साथ किया गया धोखा है।''
उन्होंने कहा, "महिलाओं के लिए यह आरक्षण अधिनियम, जिसे कहा जा रही है कि मोदी ने इसे लागू किया है। वह 2024 के लोकसभा चुनाव में नहीं लागू हो पायेगा। यह 2029 में भी नहीं लागू होगा। यह 2034 में भी लागू नहीं होगा। तब तक यह बिल अपने आप खत्म हो जाएगा।"
सिद्दारमैया ने कहा, "यह विश्वास न करें कि महिला आरक्षण लागू हो गया है और न ही मोदी सरकार की झूठी वाहवाही करें। हमें अभी भी महिला आरक्षण और सामाजिक न्याय के लिए लड़ना जारी रखना है।"
इसके साथ ही उन्होंने बताया कि महिला आरक्षण विधेयक का मसौदा असल में कांग्रेस द्वारा तैयार किया गया था क्योंकि देश में कांग्रेस ही एक ऐसी पार्टी है, जो हमेशा महिला आरक्षण और सामाजिक न्याय के पक्ष में खड़ी रही है।
मालूम हो कि संसद के विशेष सत्र में नरेंद्र मोदी सरकार ने'नारी शक्ति वंदन अधिनियम' नामक विधेयक पेश किया था, जिसे 20 सितंबर को लोकसभा में पारित किया गया था और उसके अगले दिन राज्यसभा से भी इसे मंजूरी मिल गई थी। यह विधेयक लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में एक तिहाई सीटों पर महिलाओं को आरक्षण देगा।