यौन उत्पीड़न आरोपों की सुनवायी करने वाली पीठ का हिस्सा नहीं बनना चाहिए था:पूर्व सीजेआई रंजन गोगाई

By भाषा | Updated: December 9, 2021 00:32 IST2021-12-09T00:32:38+5:302021-12-09T00:32:38+5:30

Shouldn't have been part of bench hearing sexual harassment allegations: Ex-CJI Ranjan Gogai | यौन उत्पीड़न आरोपों की सुनवायी करने वाली पीठ का हिस्सा नहीं बनना चाहिए था:पूर्व सीजेआई रंजन गोगाई

यौन उत्पीड़न आरोपों की सुनवायी करने वाली पीठ का हिस्सा नहीं बनना चाहिए था:पूर्व सीजेआई रंजन गोगाई

नयी दिल्ली, आठ दिसंबर संवेदनशील अयोध्या भूमि विवाद मामले का पटाक्षेप करने का श्रेय पाने वाले देश के पूर्व प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई ने बुधवार को कहा कि उन्हें, उनके खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोपों की सुनवायी करने वाली पीठ का हिस्सा नहीं होना चाहिए था। उन्होंने कहा, ''हम सभी गलती करते हैं'' और इसे स्वीकार करने में कोई बुराई नहीं है।

अपनी आत्मकथा ''जस्टिस फॉर द जज'' के विमोचन के मौके पर पूर्व प्रधान न्यायाधीश गोगोई ने विवादास्पद समेत सभी मुद्दों पर बात की। उन्होंने 46वें प्रधान न्यायाधीश के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान राज्यसभा की सदस्यता के एवज में अयोध्या पर फैसला सुनाने संबंधी आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया।

गोगोई ने पुस्तक विमोचन कार्यक्रम के दौरान एक निजी टीवी चैनल से कहा, ''मुझे उस पीठ में न्यायाधीश नहीं होना चाहिए था (जिसने उनके खिलाफ कथित यौन उत्पीड़न मामले की सुनवाई की थी)। बार और बेंच में मेरी 45 साल की कड़ी मेहनत बर्बाद हो रही थी। मैं पीठ का हिस्सा नहीं होता, तो शायद अच्छा होता। हम सभी गलतियां करते हैं। इसे स्वीकार करने में कोई बुराई नहीं है।''

वर्ष 2019 में उच्चतम न्यायालय की एक पूर्व कर्मचारी ने न्यायमूर्ति गोगोई पर यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए थे, जिसका स्वत: संज्ञान लेते हुए उच्चतम न्यायालय ने न्यायमूर्ति गोगोई की अध्यक्षता में तीन न्यायाधीशों की पीठ गठित की थी।

बाद में उन्हें न्यायमूर्ति एस ए बोबडे की अध्यक्षता वाली तीन न्यायाधीशों की एक आंतरिक समिति ने क्लीन चिट दे दी थी।

न्यायमूर्ति गोगोई ने कहा कि वह सीजेआई के तौर पर अपने कार्यकाल के दौरान प्रधानमंत्री से एक बार भी नहीं मिले थे और प्रधानमंत्री के साथ ‘सेल्फी’ लेने वाले अब ‘कार्यकर्ता’ न्यायाधीश हो गये हैं।

उन्होंने कहा कि जब प्रधानमंत्री राफेल फैसले से पहले शीर्ष न्यायालय गये थे तब लोगों ने दावा किया था कि दाल में कुछ काला है।

उन्होंने कहा, ‘‘दाल तो काला ही होता है, नहीं तो क्या दाल है। वह (प्रधानमंत्री) 26 नवंबर को संविधान दिवस पर आए थे। मुझे नहीं लगता कि इसमें कुछ गलत है। ऐसे न्यायाधीश थे जिन्होंने प्रधानमंत्री के साथ सेल्फी(तस्वीरें) ली थी और अब वे कार्यकर्ता न्यायाधीश हैं।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

Web Title: Shouldn't have been part of bench hearing sexual harassment allegations: Ex-CJI Ranjan Gogai

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे