CAA और NRC के खिलाफ जन-गण-मन यात्रा के क्रम में JNU छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार पर हुए जूते, चप्पलों से हमले
By एस पी सिन्हा | Published: February 7, 2020 08:40 PM2020-02-07T20:40:17+5:302020-02-07T20:41:11+5:30
कन्हैया के काफिले पर यह हमला उस वक्त हुआ जब वह कटिहार के राजेंद्र स्टेडियम में सभा करने के बाद भागलपुर जा रहे थे.
नागरिकता संशोधन कानून, एनआरसी और एनपीआर के खिलाफ जन-गण-मन यात्रा के क्रम में जेएनयू छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष और भाकपा के नेता कन्हैया कुमार के काफिले पर बिहार में फिर से हमला हुआ है. कन्हैंया कुमार पर कटिहार शहर के शहीद चौक पर कुछ लोगों ने जूता-चप्पल फेंका और पोस्टर लहराकर विरोध प्रकट किया. इस दौरान कुछ देर के लिए वहां अफरातफरी मच गई. हालांकि कडी सुरक्षा व्यवस्था रहने के कारण बात बिगडने से पहले ही पुलिस ने हंगामा कर रहे लोगों को हटा दिया. कन्हैया कुमार शहर के राजेंद्र स्टेडियम में आम सभा को संबोधित करने के लिए आये हुए थे.
प्राप्त जानकारी के अनुसार कन्हैया के काफिले पर यह हमला उस वक्त हुआ जब वह कटिहार के राजेंद्र स्टेडियम में सभा करने के बाद भागलपुर जा रहे थे. इसी क्रम में शहीद चौक के पास लोगों ने कन्हैया के विरोध में पहले तो पोस्टर लगाया फिर नारे लगाए इसके साथ ही उनके काफिले पर जूते चप्पल भी फेंके कन्हैया के साथ चल रहे प्रशासन ने मामले में तत्परता दिखाते हुए गाडियों के काफिले को आगे बढ़ा दिया.
वहीं, इस दौरान सभा को संबोधित करते हुए कन्हैया कुमार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि देश में नागरिकता संशोधन कानून की जरूरत ही नहीं थी. विश्व के किसी भी व्यक्ति को नागरिकता उपलब्ध कराने का जिक्र संविधान में ही दर्ज है. ऐसे में धर्म के आधार पर केंद्र की मोदी सरकार सीएए के जरिये देश को बांटने की कोशिश में जुटे हैं. उन्होंने कहा कि भले एनआरसी लागू करने की बात नहीं कही जा रही है. लेकिन, एनपीआर ही एनआरसी का पहली पहली सीढ़ी है. इसलिए एनपीआर पर सख्त विरोध है.
उन्होंने कहा कि देश की हालत काफी खराब है. देश में रोजगार नहीं है. गरीबी बढ रही है. अर्थव्यवस्था खराब हो रही है. मोदी सरकार के बनने के बाद अब तक 3.16 करोड लोगों की नौकरी जा चुकी है. जन सरोकार के मुद्दे पर लोग सवाल नहीं पूछे. इसलिए मोदी सरकार इस तरह के कानून लाकर लोगों का ध्यान भटका रही है. उन्होंने कहा कि देश के 70 प्रतिशत संपत्ति मात्र 67 लोगों के पास है.
यहीं 67 लोग इस देश को चला रहे है. देश के 135 करोड आबादी पर यही लोग राज कर रहे हैं और अपने मन मुताबिक कानून ला रहे हैं. इसलिए सबको साथ आकर विरोध करना चाहिए. यह कानून सिर्फ मुसलमानों का अहित नहीं करेगा. बल्कि, सभी समुदाय और धर्म को प्रभावित करेगा. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कहते हैं कि बिहार में एनआरसी लागू नहीं होगा. अगर वह इस मामले में संवेदनशील हैं तो विधानसभा में इसके खिलाफ प्रस्ताव पारित कराएं.
इसके स्थानीय पूर्व सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री तारिक अनवर, भाकपा-माले के विधायक महबूब आलम ने संबोधित किया. मंच संचालन कांग्रेस नेता सह कदवा विधायक डॉ शकील अहमद खान ने किया. राजेंद्र स्टेडियम से आम सभा समाप्त होने के बाद कन्हैया का काफिला जब शहीद चौक होकर गुजर रहा था, तब कुछ लोगों ने कन्हैया के काफिले पर जूता फेंका और पोस्टर लहराया. पुलिस की कड़ी सुरक्षा के बीच उनके काफिले को बाहर निकाला.
यहां बता दें कि एनआरसी और सीए के खिलाफ कन्हैया के खिलापह बिहार में हाल के दिनों में यह पहला मामला नहीं है, जब उनके काफिले पर हमला किया गया हो. इससे पहले सुपौल, छपरा, मधेपुरा और सहरसा में भी उनके काफिले पर कुछ लोगों ने पत्थरों से हमला कर दिया था. इस हमले में गाडी के ड्राइवर का सिर फट गया था. जबकि कन्हैया कुमार भी घायल हो गए थे. इस हमले के दौरान गाडी के कांच टूट गए थे, साथ ही पत्थरबाजी की घटना में कन्हैया भी घायल हो गए थे. अब उनपर जूते-चप्पल फेंके गये हैं.