नई दिल्ली: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शिवराज पाटिल ने गुरुवार को दावा किया था कि जिहाद की अवधारणा न केवल इस्लाम, बल्कि भगवद् गीता और ईसाई धर्म में भी थी। ऐसे में एक ओर पाटिल के इस बयान ने एक विवाद को जन्म दे दिया है, तो वहीं अब पाटिल अपने इस बयान पर सफाई पेश करते हुए नजर आए। उन्होंने कहा कि आप ही इसे जिहाद कह रहे हैं। क्या आप अर्जुन को कृष्ण की सीख जिहाद कहेंगे? नहीं, मैंने यही कहा था।
समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए उन्होंने कुरान को लेकर कहा कि वो कहते हैं एक ही भगवान है जिसका कोई रंग-रूप और आकार नहीं है। इसलिए वो मूर्ति नहीं लगाते। इसके अलावा पाटिल ने कहा कि ईसाई धर्म में भी यही कल्पना है और उसके बाद जू धर्म के अंदर भी यही कल्पना है। वो कहते हैं कि भगवान हैं, लेकिन उनकी मूर्ति नहीं सकते क्योंकि गीता में ही कहा है कि भगवान कैसे हैं, जिनका रंग-रूप और आकर नहीं है।
शिवराज पाटिल ने आगे कहा, "तो है क्या भगवान। एक ने कहा भगवन ने ये संसार बनाया है। जिहाद का सन्देश देने की बात आप लोग बोल रहे हैं।" बता दें कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री मोहसिना किदवई की आत्मकथा के विमोचन पर पूर्व लोकसभा अध्यक्ष पाटिल ने कहा कि ऐसा कहा जाता है कि इस्लाम धर्म में जिहाद पर काफी चर्चा गई।
उन्होंने कहा कि जब सही इरादों और सही चीजें करने के बावजूद भी कोई नहीं समझता है तो यह अवधारणा सामने आई कि बल का प्रयोग किया जा सकता है। पाटिल ने दावा किया, "यह केवल कुरान में नहीं है, बल्कि महाभारत, गीता में भी है, श्री कृष्ण भी अर्जुन से जिहाद के बारे में बात करते हैं और यह चीज केवल कुरान या गीता में ही नहीं, बल्कि ईसाई धर्म में भी है।"
वहीं, पाटिल के बयान को लेकर भाजपा ने कांग्रेस पर निशाना साधा और उस पर वोट बैंक की राजनीति करने का आरोप लगाया। पाटिल की टिप्पणियों पर निशाना साधते हुए भाजपा प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने ट्वीट किया, "आप के गोपाल इटालिया और राजेंद्र पाल गौतम के बाद हिंदू घृणा और वोट बैंक की राजनीति में पीछे न रहते हुए कांग्रेस के शिवराज पाटिल का कहना है कि श्री कृष्ण ने अर्जुन को 'जिहाद' सिखाया था।"
(भाषा इनपुट के साथ)