ईडी के सामने पेश हुए शिवकुमार, कहा- यह मेरा कर्तव्य है, कानून का पालन करने वाले नागरिक हैं
By भाषा | Published: August 30, 2019 08:59 PM2019-08-30T20:59:26+5:302019-08-30T20:59:26+5:30
अधिकारियों ने बताया कि शिवकुमार शाम करीब 6:30 बजे यहां खान मार्केट में लोक नायक भवन स्थित एजेंसी के मुख्यालय पहुंचे। उनके साथ उनके समर्थक भी थे। उन्होंने बताया कि शिवकुमार बेंगलुरू से राष्ट्रीय राजधानी पहुंचे।
कर्नाटक कांग्रेस के वरिष्ठ नेता डी के शिवकुमार धनशोधन के एक मामले में पूछताछ के लिए शुक्रवार को यहां प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के समक्ष पेश हुए।
अधिकारियों ने बताया कि शिवकुमार शाम करीब 6:30 बजे यहां खान मार्केट में लोक नायक भवन स्थित एजेंसी के मुख्यालय पहुंचे। उनके साथ उनके समर्थक भी थे। उन्होंने बताया कि शिवकुमार बेंगलुरू से राष्ट्रीय राजधानी पहुंचे।
अधिकारियों ने बताया कि कर्नाटक के पूर्व मंत्री का बयान धनशोधन रोकथाम कानून (पीएमएलए) के तहत दर्ज किया जाएगा। कनकपुरा विधानसभा सीट से विधायक ने एजेंसी के कार्यालय में प्रवेश करने से पहले संवाददाताओं से कहा, ‘‘यह मेरा कर्तव्य है (पेश होना)... मुझे कानून का सम्मान करना है। हम कानून बनाने वाले और कानून का पालन करने वाले नागरिक हैं।
उन्होंने (ईडी) मुझे बुलाया है... मुझे नहीं पता कि उन्होंने मुझे धनशोधन रोकथाम कानून के तहत क्यों बुलाया है।’’ उन्होंने कहा कि वह ईडी का सामना करने के लिए तैयार हैं। गुरुवार को कर्नाटक उच्च न्यायालय ने शिवकुमार की वह याचिका खारिज कर दी थी जिसमें उन्होंने ईडी द्वारा जारी किए गए समन को चुनौती दी थी।
Delhi: Senior Congress leader DK Shivakumar arrives at Enforcement Directorate office to appear before the agency, says' I am law abiding citizen, I have legal options which I am exploring' pic.twitter.com/wEzynEYZae
— ANI (@ANI) August 30, 2019
इसके बाद उन्हें एजेंसी के सामने पेश होना पड़ा। इससे पहले, दिन में शिवकुमार ने संकेत दिया कि 2017 में राज्यसभा चुनाव के दौरान गुजरात के कांग्रेस विधायकों को कर्नाटक के एक रिसॉर्ट में सुरक्षित रखने में उनकी ‘‘महत्वपूर्ण भूमिका’’आयकर छापों और बाद में ईडी की कार्रवाई का कारण है।
केंद्रीय एजेंसी ने पिछले साल सितंबर में शिवकुमार, नयी दिल्ली स्थित कर्नाटक भवन के एक कर्मचारी और अन्य के खिलाफ धनशोधन का मामला दर्ज किया था। ईडी का मामला आयकर विभाग द्वारा पिछले साल बेंगलुरु की एक विशेष अदालत के समक्ष दायर एक आरोपपत्र पर आधारित है जिसमें करोड़ों रुपये की कर चोरी और हवाला लेनदेन का आरोप लगाया गया था।