शिव नवरात्रि महोत्सव: महाकाल ने अर्द्धनारीश्वर स्वरूप में शेषनाग धारण कर भक्तों को दिए दर्शन
By लोकमत समाचार ब्यूरो | Updated: February 15, 2020 05:27 IST2020-02-15T05:27:40+5:302020-02-15T05:27:40+5:30
श्री महाकालेश्वर मंदिर में दूर-दराज से श्रद्धालु आते हैं और भगवान महाकाल के दर्शन लाभ लेते हैं। इस दौरान श्रद्धालु भस्म आरती में भी शामिल होते हैं। भगवान महाकाल की प्रात: होने वाली भस्म आरती पूर्णत: नि:शुल्क है। श्रद्धालुओं को मात्र भस्म आरती प्रवेश हेतु अलग-अलग व्यवस्था की गई है।

महाकाल।
मध्य प्रदेश के उज्जैन में शिव नवरात्रि के दूसरे दिन सायं पूजन के पश्चात भगवान महाकाल ने श्री अर्द्धनारीश्वर स्वरूप में शेषनाग धारण कर भक्तों को दर्शन दिए। इसके पूर्व प्रातः शासकीय पुजारी श्री घनश्याम शर्मा के आचार्यत्व में 11 ब्राम्हणों द्वारा श्री महाकालेश्वर भगवान का अभिषेक एकादश-एकादशनी रुद्रपाठ से किया गया ।
सायं पूजन के पश्चात श्री महाकाल को नवीन हरे रंग के वस्त्र धारण करवाये गये। भगवान के अर्द्धनारीश्वर स्वरूप का श्रृंगार भांग, चंदन व सूखे मेंवे से किया गया। साथ ही भगवान श्री महाकालेश्वर को मुकुट, मुण्ड माला एवं फलों की माला के साथ शेषनाग धारण करवाया गया। आज शनिवार 15 फरवरी को श्री महाकालेश्वर भगवान श्री घटाटोप के स्वरूप में श्रद्धालुओं को दर्शन देंगे।
श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रागंण में 13 फरवरी से 20 फरवरी तक शिवनवरात्रि निमित्त सन् 1909 से कानडकर परिवार, इन्दौर द्वारा वंशपरम्परानुगत हरिकीर्तन की सेवा दी जा रही है, इसी तारतम्य में कथारत्न हरि भक्त परायण पं. श्री रमेश कानडकर जी के शिव कथा, हरि कीर्तन का आयोजन सायं 04 से 06 बजे तक मन्दिर परिसर मे नवग्रह मन्दिर के पास संगमरमर के चबूतरे पर हो रहा है।
पं. श्री कानडकर जी ने गौड बंगाल के राजा श्री गोपीचन्द्र की माता मैनावती द्वारा बाबा जालंधर नाथ को अपना गुरु बनाने की कथा का वर्णन किया। तबले पर संगत श्री तुलसीराम कार्तिकेय ने की।
भस्म आरती पूर्णत: नि:शुल्क
श्री महाकालेश्वर मंदिर में दूर-दराज से श्रद्धालु आते हैं और भगवान महाकाल के दर्शन लाभ लेते हैं। इस दौरान श्रद्धालु भस्म आरती में भी शामिल होते हैं। भगवान महाकाल की प्रात: होने वाली भस्म आरती पूर्णत: नि:शुल्क है। श्रद्धालुओं को मात्र भस्म आरती प्रवेश हेतु अलग-अलग व्यवस्था की गई है।
पहली व्यवस्था ऑनलाइन बुकिंग तथा दूसरी ऑफलाइन बुकिंग व्यवस्था मंदिर में पूर्व से ही है। भस्म आरती में शामिल होने के लिये श्रद्धालु को परिचय-पत्र प्रस्तुत करना होता है और महाकाल मंदिर प्रबंध समिति के द्वारा उपलब्ध कराये गए फार्म को भरकर भस्म आरती की अनुमति दी जाती है। भस्म आरती की अनुमति नि:शुल्क है।
अतिविशिष्ट अतिथियों के लिये दर्शन व्यवस्था का समय निर्धारित
शिव नवरात्रि उत्सव गुरुवार 13 फरवरी से प्रारंभ हो गया है। उत्सव के दौरान 20 फरवरी तक भगवान श्री महाकालेश्वर की दर्शन व्यवस्था के अंतर्गत गर्भगृह में प्रवेश बंद के दौरान प्रोटोकाल एवं रसीदधारी श्रद्धालु प्रात: 8.15 बजे से प्रात: 9.15 बजे, दोपहर 1.30 बजे से 2.30 बजे तक तथा शाम 4 बजे से 6 बजे तक गर्भगृह में दर्शनार्थी दर्शन हेतु प्रवेश कर सकेंगे।
यह व्यवस्था 13 फरवरी से 20 फरवरी तक प्रभावशील रहेगी। इसी प्रकार महाशिवरात्रि शुक्रवार 21 फरवरी के दिन केवल अतिविशिष्ट अतिथियों के लिये प्रात: 8.15 से प्रात: 10.15 बजे तक एवं दोपहर 1 बजे से अपराहन् 3.15 बजे तक गर्भगृह से दर्शन व्यवस्था रहेगी। उक्त आशय की जानकारी अपर कलेक्टर एवं मंदिर प्रबंध समिति के प्रशासक श्री एसएस रावत ने दी।