उद्धव ठाकरे को एक और झटका, संसद भवन में शिवसेना दफ्तर एकनाथ शिंदे गुट को किया गया आवंटित
By विनीत कुमार | Published: February 21, 2023 02:49 PM2023-02-21T14:49:13+5:302023-02-21T15:02:54+5:30
संसद भवन में स्थित शिवसेना दफ्तर को एकनाथ शिंदे गुट को आवंटित किया गया है। इससे पहले निर्वाचन आयोग ने पिछले हफ्ते शुक्रवार को एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले गुट को असली शिवसेना के रूप में मान्यता देते हुए उसे दिवंगत बालासाहेब ठाकरे द्वारा स्थापित शिवसेना का 'धनुष एवं तीर' चुनाव चिह्न आवंटित करने का आदेश दिया था।
नई दिल्ली: लोकसभा सचिवालय ने संसद भवन स्थित शिवसेना कार्यालय एकनाथ शिंदे नीत धड़े को आवंटित कर दिया है। इससे पहले पिछले हफ्ते निर्वाचन आयोग ने शिंदे गुट को असली शिवसेना के रूप में मान्यता प्रदान कर दी थी। सदन में शिंदे धड़े के नेता राहुल शेवाले के पत्र के जवाब में लोकसभा सचिवालय ने कहा कि संसद भवन में शिवसेना कार्यालय के लिए निर्धारित कक्ष पार्टी को आवंटित किया गया है।
निर्वाचन आयोग ने पिछले सप्ताह एकनाथ शिंदे नीत धड़े को असली शिवसेना के रूप में मान्यता दी थी और उसे चुनाव चिह्न ‘तीर-धनुष’ भी आवंटित किया था। इस तरह उद्धव ठाकरे नीत गुट को बड़ा झटका लगा था। इसके बाद, 18 फरवरी को शेवाले ने लोकसभा सचिवालय को पार्टी के लिए कार्यालय आवंटित करने को लेकर पत्र लिखा था। अब तक संसद भवन स्थित संबंधित कार्यालय का दोनों धड़े उपयोग करते थे।
Room No. 128, Parliament House has been allotted to the Shiv Sena Parliamentary Party (Eknath Shinde faction) for the office of the Shiv Sena Parliamentary Party. pic.twitter.com/cE7r9MfvQM
— ANI (@ANI) February 21, 2023
गौरतलब है कि उद्धव ठाकरे गुट चुनाव आयोग के फैसले को मंजूर नहीं करने की बात कह रहा है। इसके लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा भी उद्धव ठाकरे ने खटखटाया है। इस मामले पर बुधवार को सुनवाई होनी है।
इससे पहले कल निर्वाचन आयोग के फैसले को उद्धव गुट ने 'संपत्ति का सौदा' करार दिया। 'सामना' के संपादकीय में आरोप लगाया गया है कि यह बात अब छिपी नहीं रह गई है कि शिवसेना नाम और उसका चुनाव चिह्न किसी दुकान से मूंगफली लेने की तरह खरीदे गए हैं।
'सामना' में लिखा गया, 'निर्वाचन आयोग ने पूरे मुद्दे को संपत्ति के सौदे की तरह लिया और बालासाहेब ठाकरे द्वारा स्थापित, पोषित शिवसेना को दिल्ली के तलवे चाटने वालों के हाथों सौंप दिया। यह बात भी अब छिपी नहीं रह गयी है कि ‘धनुष बाण’ चुनाच चिह्न भी केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की मेहरबानी से मिला है। यह आदमी महाराष्ट्र और मराठी जनता का एक नंबर का शत्रु है।'
संपादकीय में संजय राउत के इस दावे को भी दोहराया गया है कि मौजूदा सरकार (शिंदे-फड़नवीस) बनाने और निर्वाचन आयोग से अनुकूल फैसला प्राप्त करने के लिए दो हजार करोड़ रुपये खर्च किये गये।