सबरीमाला: शिवसेना नेता ने कहा- एक भी युवती ने मंदिर में किया प्रवेश तो महिला कार्यकर्ताएं समूह में करेंगी आत्महत्या
By पल्लवी कुमारी | Published: October 13, 2018 02:46 PM2018-10-13T14:46:38+5:302018-10-13T14:46:38+5:30
सबरीमाला विवाद: केरल के सबरीमाला मंदिर मामले में सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को सभी आयु वर्ग की महिलाओं के प्रवेश को अनुमति देने के उसके फैसले के खिलाफ दायर पुनर्विचार याचिका पर तत्काल सुनवाई से इनकार कर दिया था।
तिरुअनंतपुरम, 13 अक्टूबर:केरल के सबरीमाला मंदिर मामले में सुप्रीम कोर्ट ने जब से महिलाओं के प्रवेश पर रोक हटा दी है, तब से ये मामला विवाद में है। इस मामले पर अब शिवसेना नेता पैरिंगम्मला विवादास्पद बयान दिया है। उन्होंने कहा कि अगर महिलाएं सबरीमाला मंदिर में प्रवेश करेंगी तो पार्टी की महिला कार्यकर्ताएं आत्महत्या कर लेंगी।
न्यूज एजेंसी एएनआई को दिए इंटरव्यू में शिवसेना नेता पैरिंगम्मला ने बताया, पार्टी की महिला कार्यकर्ता17 और 18 अक्टूबर को पांबा नदी के किनारे समूह आत्महत्या करने जा रही हैं। जैसे ही कोई भी महिला मंदिर में प्रवेश करेंगी, हमारी कार्यकर्ता महिलाएं सुसाइड कर लेंगी।
Our women activists will gather near the Pamba river on 17th and 18th October as part of a suicide group. When any young woman tries to enter Sabarimala, our activists will commit suicide: Peringammala Aji, Shiv Sena Kerala pic.twitter.com/e9nFMc5L0d
— ANI (@ANI) October 13, 2018
मलयालम अभिनेता कोल्लम का विवादित बयान
वहीं, मलयालम अभिनेता कोल्लम ने भी शुक्रवार को सबरीमाला विवाद को लेकर एक विवादित टिप्पणी दिया था। उन्होंने कहा था, जो महिलाएं मंदिर में प्रवेश करने आएं, उन्हें दो टुकड़ों में काट देना चाहिए। पहला टुकड़ा दिल्ली में और दूसरा केरल के मुख्यमंत्री के दफ्तर में फेंक देना चाहिए। इस विवादित टिप्पणी के लिए पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है।
Police has registered case against actor Kollam Thulasi for his speech at a #sabrimalaverdict protest rally yesterday. He had said 'Women coming to #Sabarimala temple should be ripped in half. One half should be sent to Delhi and other half should be thrown to CM office' #Keralapic.twitter.com/t6zhyrPMzZ
— ANI (@ANI) October 13, 2018
सुप्रीम कोर्ट ने किया पुनर्विचार याचिका से इंकार
केरल के सबरीमाला मंदिर मामले में सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को सभी आयु वर्ग की महिलाओं के प्रवेश को अनुमति देने के उसके फैसले के खिलाफ दायर पुनर्विचार याचिका पर तत्काल सुनवाई से इनकार कर दिया था। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ नेशनल अय्यप्पा डिवोटी एसोसिएशन ने सोमवार (8 अक्टूबर ) को पुनर्विचार याचिका दायर की थी। जिसे आज सुप्रीम कोर्ट ने इनकार किया है।
सुप्रीम कोर्ट का फैसला
सुप्रीम कोर्ट ने 28 सितंबर को सबरीमाला मंदिर में हर उम्र की महिलाओं को प्रवेश करने के आदेश दिए थे। इस मंदिर में महिलाओं के प्रवेश ना करने के नियम को पिछले 800 सौ सालों से माना जा रहा था। सबरीमाला मंदिर में 10 से 50 वर्ष की महिलाओं के प्रवेश पर रोक था।
ये था सबरीमाला मंदिर में प्रवेश का पुराना नियम
सबरीमाला मंदिर की ओर से जारी किए गए आदेश में कहा गया था कि 10 वर्ष से लेकर 50 वर्ष तक की महिलाएं मंदिर में प्रवेश नहीं कर सकती हैं। जिन महिलाओं की उम्र 50 से अधिक है वह दर्शन के लिए आते वक्त अपने साथ आयु प्रमाण पत्र लेकर आए।