मुंबई, पांच मार्च अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र नेता शरजील उस्मानी ने बंबई उच्च न्यायालय से पुणे पुलिस द्वारा उसके खिलाफ दर्ज प्राथमिकी को रद्द करने का अनुरोध किया है।
उस्मानी पर इस साल जनवरी में एल्गार परिषद कार्यक्रम के दौरान अपनी टिप्पणी से विभिन्न समूहों में वैमनस्य बढ़ाने का आरोप है।
इस सप्ताह की शुरुआत में दाखिल की गई याचिका में उस्मानी ने प्राथमिकी को ''तुच्छ एवं निराधार'' करार दिया और कहा कि यह प्राथमिकी संदर्भ से अलग हटकर कुछ निश्चित बयानों के आधार पर दर्ज की गई।
पुणे के स्वारगेट पुलिस थाने में दो फरवरी 2021 को उस्मानी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी।
उस्मानी ने याचिका में अदालत से प्राथमिकी को रद्द करने और इस याचिका की सुनवाई लंबित रहने के दौरान पुलिस को उसके खिलाफ बलपूर्वक कार्रवाई नहीं किए जाने का निर्देश देने का अनुरोध किया।
उस्मानी के खिलाफ प्रदीप गावड़े ने शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया था कि पुणे में 30 जनवरी 2021 को हुए एल्गार परिषद कार्यक्रम के दौरान उस्मानी ने हिंदू समुदाय, भारतीय न्यायपालिका और संसद के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणियां कीं।
उस्मानी ने याचिका में दावा किया कि उसके भाषण के पहले और बाद में किसी तरह की हिंसा या अनहोनी घटना नहीं हुई।
उस्मानी की याचिका पर अगले सप्ताह सुनवाई हो सकती है।
Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।
Web Title: Sharjeel appeals to the court to quash the FIR lodged against him
भारत से जुड़ी हिंदी खबरों और देश दुनिया खबरों के लिए यहाँ क्लिक करे. यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा लाइक करे