शरद यादव ने लोकतांत्रिक जनता दल का विलय लालू यादव की पार्टी राजद में किया
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: March 20, 2022 04:38 PM2022-03-20T16:38:03+5:302022-03-20T16:47:24+5:30
राजद के साथ अपनी पार्टी का विलय करते हुए शरद यादव ने कहा कि राजद के साथ हमारी पार्टी का विलय विपक्षी एकता को मजबूत करने की दिशा में पहला कदम है। यह जरूरी है कि भाजपा को हराने के लिए पूरा विपक्ष एकजुट हो जाए।
दिल्ली: पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद यादव ने रविवार को अपने लोकतांत्रिक जनता दल (एलजेडी) का विलय लालू प्रसाद यादव के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनता दल (राजद) में कर दिया है। दोनों पार्टियों के विलय की घोषणा करने के बाद शरद यादव ने कहा कि यह कदम एक संयुक्त विपक्ष के गठन की दिशा में पहला कदम है।
उन्होंने कहा, "राजद के साथ हमारी पार्टी का विलय विपक्षी एकता को मजबूत करने की दिशा में पहला कदम है। यह जरूरी है कि भाजपा को हराने के लिए पूरा विपक्ष एकजुट हो जाए। अभी तक एकीकरण हमारी प्राथमिकता है। इसके बाद हम इस बारे में सोचेंगे कि संयुक्त विपक्ष का नेतृत्व कौन करेगा।"
शरद यादव ने भारतीय जनता पार्टी के साथ पार्टी के गठबंधन को लेकर नीतीश कुमार के नेतृत्व वाले जनता दल यूनाइटेड से अलग होने के बाद साल 2018 में एलजेडी का गठन किया था।
इस मामले में सबसे दिलचस्प बात यह है कि शरद यादव की पार्टी एलजेडी ने अपनी स्थापना के बाद से एक भी चुनाव नहीं लड़ा है, जबकि इसके प्रमुख शरद यादव राजद के टिकट पर मधेपुरा से साल 2019 का लोकसभा चुनाव हार गए थे।
शरद यादव केंद्र में अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार में कैबिनेट मंत्री भी रहे हैं। साल 1997 में लालू प्रसाद यादव ने राजद की स्थापना की थी और नीतीश कुमार के साथ शरद यादव ने मिलकर जनता दल यूनाइटेड की स्थापना की थी।
बिहार के मुख्यमंत्री और केंद्र में मंत्री रहे लालू प्रसाद यादव को बाद में चारा घोटाले में दोषी ठहराया गया था और वह इस समय जेल में सजा काट रहे हैं। उन्होंने राष्ट्रीय राजनीति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के अलावा 90 के दशक में बिहार की राजनीति में 'मंडल आयोग' को घर-घर पहुंचाकर पिछड़ों और गरीबों में मजबूत पैठ बनाई।
एलजेडी-राजद विलय के बाद राष्ट्रीय जनता दल जून में होने वाले राज्यसभा के लिए द्विवार्षिक चुनावों में शरद यादव को राज्यसभा के लिए नामित कर सकती है।