शाह ने राहुल को ‘‘पर्यटक नेता’’ बताया, ममता पर मतुआ लोगों को नागरिकता न देने का आरोप
By भाषा | Published: April 16, 2021 08:43 PM2021-04-16T20:43:34+5:302021-04-16T20:43:34+5:30
तेहट्टा/खरदाह, 16 अप्रैल केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर दलित मतुआ व नामशूद्र समुदाय के लोगों को नागरिकता देने से इनकार करने का आरोप लगाया क्योंकि उनके “वोटबैंक को यह पसंद नहीं आता”।
कई सीटों पर विधानसभा चुनाव के नतीजों को प्रभावित करने की क्षमता रखने वाले इन दोनों समुदायों को साधने के प्रयास के तहत शाह ने कहा कि राज्य में अगर भाजपा सत्ता में आई तो इन दोनों समुदायों के कल्याण के लिये 100 करोड़ रुपये का एक कोष बनाया जाएगा।
उन्होंने कांग्रेस नेता राहुल गांधी का मजाक उड़ाते हुए उन्हें ‘‘पर्यटक नेता’’ करार दिया।
बंगाल के अपने दौरे के दौरान दो रैलियों और दो रोड शो में शामिल हुए शाह ने कहा कि बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस को दो अंकों का आंकड़ा पार करने के लिये संघर्ष करना होग। प्रदेश में विधानसभा की 294 सीटें हैं और 2016 के विधानसभा चुनावों में टीएमसी ने 184 सीटों पर जीत हासिल की थी।
उन्होंने नादिया जिले के तेहट्टा में एक चुनावी रैली के दौरान लोगों को संबोधित करते हुए कहा, “यह मतुआ और नामशूद्र परिवार यहां 50-70 सालों से रह रहे हैं, तीन पीढ़ियों से। लेकिन दीदी कहती हैं कि उन्हें नागरिकता नहीं मिलेगी, क्यों? क्योंकि उनके वोट बैंक को यह पसंद नहीं आएगा।”
उन्होंने कहा, “मतुआ, नामशूद्र और ऐसे अन्य समुदायों को क्या नागरिकता नहीं मिलनी चाहिए? दीदी कहती हैं कि वह जब तक सत्ता में रहेंगी वे नागरिकता नहीं पाएंगे। हम जैसे ही सरकार बनाएंगे भाजपा सीएए के तहत ऐसे सभी समुदायों को नागरिकता देगी।”
राज्य में बुधवार को पहली दो चुनावी रैलियों को संबोधित करने वाले राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए शाह ने उन्हें “पर्यटक नेता” बताया।
कांग्रेस यहां वाम दलों के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ रही है जबकि केरल में उनकी पार्टी वाम दलों के खिलाफ चुनाव लड़ रही है।
शाह ने कहा, “लगभग पूरा चुनाव खत्म होने के बाद बंगाल में एक पर्यटक नेता आए हैं और हमारे डीएनए पर सवाल उठा रहे हैं। मैं उन्हें सूचित करना चाहूंगा की डी- विकास, एन- राष्ट्रवाद और ए- आत्मनिर्भर भारत…यह भाजपा का डीएनए है।”
बाद में खरदाह में एक रैली को संबोधित करते हुए शाह ने कहा , “राहुल बाबा, हमारे लिए डीएनए का मतलब कठिन परिश्रम है।”
उन्होंने कहा, “डीएनए के बारे में कम से कम आपको तो बात नहीं ही करनी चाहिए। यहां आप ‘ईलू-ईलू’ (बंगाल में कांग्रेस-वाम गठबंधन के संदर्भ में) कर रहे हैं। केरल में आप वामपंथियों से लड़ रहे हैं। आप भ्रमित हैं और आपकी पार्टी भी।”
तृणमूल कांग्रेस में “वंशवाद की राजनीति” पर निशाना साधते हुए शाह ने कहा कि भाजपा बंगाल में किसानों के लिये प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना लागू करना चाहती है, “दीदी सिर्फ भाइपो (भतीजा) सम्मान निधि चाहती हैं।”
भाजपा नेता बनर्जी के भतीजे और डायमंड हार्बर लोकसभा सीट से सांसद अभिषेक बनर्जी पर सरकारी तंत्र पर “अनावश्यक प्रभाव” डालने और “वसूली सिंडिकेट” चलाने को लेकर आरोप लगाते रहे हैं।
केंद्रीय गृह मंत्री शाह ने कहा, “दो मई (मतगणना का दिन) को जनादेश आने के बाद, कट मनी लेने के लिये कोई नहीं बचेगा और सिंडिकेट की सरकार यहां नहीं रहेगी, भाइपो के लिये काम करने वाली सरकार चली जाएगी।”
भाजपा के 200 से ज्यादा सीटें जीतने का भरोसा व्यक्त करते हुए शाह ने कहा, “दीदी की टीएमसी को तीन अंकों तक पहुंचने के लिये भी संघर्ष करना पड़ेगा।”
खरदाह में एक रैली को संबोधित करते हुए शाह ने बनर्जी पर राज्य में केंद्रीय योजनाओं की राह में रोड़े अटकाने का आरोप लगाया।
उन्होंने कहा, “केंद्र सरकार 115 योजनाएं लागू करना चाहती है। लेकिन दीदी 115 घोटाले करने में व्यस्त हैं। उनकी रुचि सिर्फ अपने भतीजे को मुख्यमंत्री बनाने में है।”
उन्होंने टीएमसी सरकार पर घुसपैठ रोकने में नाकाम रहने का भी आरोप लगाया।
उन्होंने कहा, “अवैध आव्रजकों को छोड़िए, सीमा पार से एक परिंदे को भी बंगाल की सीमा में प्रवेश की इजाजत नहीं होगी। न तो टीएमसी, न वामदल और न ही कांग्रेस...सिर्फ भाजपा घुसपैठ रोक सकती है।”
उन्होंने दावा किया कि बांग्लादेश की सीमा से लगने वाले नदिया जिले की जनसांख्यिकी घुसपैठ के कारण बदल गयी है।
ममता बनर्जी द्वारा चुनावों में घरेलू-बाहरी का मुद्दा उठाए जाने पर भी शाह ने निशाना साधा।
उन्होंने कहा, “अपने भाषणों के दौरान दीदी ने इसे मुझे और प्रधानमंत्री को अपमानित करने का बिंदू बनाया। वह हमारा अपमान कर सकती हैं लेकिन उन्होंने हमें बाहरी कहा। हम अपने ही देश में बाहरी कैसे हो गए? यह शर्मनाक है।
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