(जस्टिन राव)
मुंबई, छह जुलाई ‘सांस’, ‘ससुराल सिमर का’ और ‘साथ निभाना साथिया’ जैसे लोकप्रिय टेलीविजन धारावाहिकों में अभिनय कर चुकीं शगुफ्ता अली अपने खराब स्वास्थ्य और काम नहीं मिल पाने के कारण वित्तीय संकट से जूझ रहीं हैं और उन्होंने टीवी उद्योग में अपने मित्रों से मदद मांगी है।
54 वर्षीय अली करीब छह साल पहले मधुमेह से पीड़ित पाई गई थीं। उन्होंने कहा कि उनके पास 2018 के बाद से कोई काम नहीं है और उन्होंने आखिरी बार ‘बेपनाह’ में छोटी सी भूमिका निभाई थी। उन्होंने शुरुआत में अपनी कार और जेवर बेचकर अपने उपचार पर होने वाले खर्च का भुगतान करके स्थिति संभालने की कोशिश की, लेकिन अब उनके पास कोई विकल्प नहीं बचा है, तो उन्होंने उद्योग से मदद मांगी है।
अली ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘यह लंबा और महंगा इलाज है, जिसके कारण मैं वित्तीय संकट से जूझ रही हूं। इसलिए मैंने उद्योग में अपने मित्रों को अंतत: यह बात बताई और मदद मांगी, क्योंकि मेरे लिए बिना किसी सहायता के उपचार कराना अब मुश्किल हो गया है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘यह वैश्विक महामारी सभी के लिए मुश्किलें लेकर आई है, लेकिन मैं पिछले चार साल से लॉकडाउन झेल रही हूं।’’
अभिनेत्री ने कहा कि उन्हें 'साराभाई वर्सेज साराभाई' के अभिनेता सुमीत राघवन, 'सावधान इंडिया' के मेजबान सुशांत सिंह और 'सांस' की निर्देशक एवं अभिनेत्री नीना गुप्ता समेत उद्योग के उनके कुछ सहयोगियों से मदद मिली है।
उन्होंने कहा, ‘‘जब उन्हें मेरे वित्तीय संकट का पता चला, तो मुझे ‘शगुफ्ता आपा’ कहने वाले सुमीत और सुशांत मेरी मदद के लिए आगे आए। ‘सिने एंड टीवी आर्टिस्टीज एसोसिएशन’ भी मदद के लिए आगे आई। वे अपनी ओर से हर संभव मदद करेंगे।’’
अली ने बताया कि पिछले साल लॉकडाउन ने उनकी मुश्किल और बढ़ा दी तथा उच्च रक्तचाप के कारण उनकी आंखों को नुकसान हुआ और वह उसका उपचार करा रही हैं।
अली मुंबई में अपनी मां के साथ रहती हैं। उन्होंने कहा, ‘‘जब काम मिलना बंद हुआ तो मेरे तनाव का स्तर बढ़ गया। इसके कारण मधुमेह की शिकायत बढ़ गई। मैंने अपनी कार और जेवर बेचकर अपने स्तर पर स्थिति संभालने की कोशिश की क्योंकि मैंने शुरुआत में किसी से मदद नहीं मांगी थी। मेरे पास कोई म्युचुअल फंड या सावधि जमा राशि नहीं थी।’’
उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन फिर खासकर लॉकडाउन के कारण चिकित्सकीय बिलों का भुगतान करना मुश्किल हो गया। मुझे लोगों से मदद मांगनी पड़ी, क्योंकि मेरे पास और कोई चारा नहीं था।’’
अली पहले कैंसर से भी पीड़ित रह चुकी हैं। जब वह 20 साल पहले ‘सांस’ के लिए शूट कर रही थीं, उस समय वह तीसरे स्तर के कैंसर से जूझ रही थीं।
उन्होंने कहा, ‘‘यह एक बहुत मुश्किल दौर था, लेकिन जब कोई युवा, उत्साही और ऊर्जावान होता है, तो आपके पास सकारात्मक दृष्टिकोण होता है। मुझे किसी के साथ अपनी मुश्किलें साझा करने का मन नहीं था। मैं बहुत व्यस्त थी और काम करके खुश थी। मैंने कैंसर से मुकाबला किया और वापसी की।’’
अली ने उम्मीद जताई कि उनका संघर्ष जल्द ही समाप्त हो जाएगा और वह फिर से स्वस्थ होकर काम पर लौट सकेंगी।
Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।